लखनऊ की घटना से नहीं लिया सबक पेट रजिस्ट्रेशन के मामले में निगम की है शर्मनाक स्थिति

फैक्ट एंड फिगर
10 रुपये एनुअल फीस पर किया जाता था रजिस्ट्रेशन
12 लोगों ने ही करवाया है पेट का रजिस्ट्रेशन
35 हजार से अधिक है सिटी में पेट्स की संख्या

हिमांशु अग्निहोत्री (बरेली)। लखनऊ में सेवानिवृत्त शिक्षक सुशीला त्रिपाठी पर मंगलवार को पिटबुल नस्ल के उनके पालतू कुत्ते ने हमला बोल दिया था। कुत्ते के हमले से जमीन पर गिरी सुशीला फिर नहीं उठ पाईं, शरीर पर गहरे जख्म उनकी मौत का कारण बने। इस घटना से न ही पेट डॉग्स को पालने के शौकीन बरेलियंस ने सबक लिया, न ही नगर निगम ने। पेट डॉग्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए निगम ने इसे ऑनलाइन कर दिया था। लेकिन, अब सिर्फ माध्यम चेंज करने को निगम अपनी उपलब्धि मान रहा है। हालांकि सच्चाई इससे कोसों दूर हैैं, निगम में अब तक मात्र 12 लोगों ने ही पेट डॉग का रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि शहर में पेट्स की संख्या 35 हजार से अधिक बताई जा रही है।

ऑफलाइन प्रक्रिया की गई थी बंद
पहले ऑफलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ओनर को पेट लेकर निगम में आाना पड़ता था। इसमें 10 रुपए के वार्षिक शुल्क पर पेट का रजिस्ट्रेशन किया जाता था। इसमें पेट लाने को लेकर पेट ओनर को काफी समस्या होती थी। साथ ही पिछले वर्षो से अब तक इसे पेट ओनर की ओर से खास रिस्पांस नहीं मिल सका।

क्यों है रजिस्ट्रेशन जरूरी
पशुचिकित्साधिकारी बताते हैैं कि निगम की ओर से स्ट्रीट डॉग्स को पकड़ कर बधियाकरण किया दिया जाता था। इससे पता नहीं चल पाता है कि कौन सा पेट है और कौन सा स्ट्रीट डॉग। कई बार लोग स्ट्रीट डॉग्स को पाल लेते हैैं। लेकिन उनका रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने अभी तक पेट रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है वो लोग पेट डॉग का रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें।

कैसे करें रजिस्टे्रशन
पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि पेट रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आवेदनकर्ता को द्गठ्ठड्डद्दड्डह्म्ह्यद्ग2ड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ के ऑफिशियल पोर्टल पर जाना होता है, उसके बाद सिटीजन लॉग इन पर जाकर रजिस्टर करना होता है। अगले स्टेप में मोबाइल ओटीपी की सहायता से आईडी पासबर्ड क्रिएट करना होता है। उसके बाद ट्रेड लाइसेंस पर क्लिक करें। उसके बाद पेट लाइसेंस में जाकर फॉर्म को फिल करें। फॉर्म में पेट डॉग का फोटो, पेट ओनर का आधार कार्ड के साथ ही पेट का रेबीज सर्टिफिकेट अपलोड करें। मौजूदा समय में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुल्क 10 रुपए रखी गई है।

पब्लिक भी हो अवेयर
निगम में पेट रजिस्ट्रेशन को लेकर पब्लिक में भी अवेयरनेस की कमी दिखाई दे रही है। लखनऊ की घटना के बाद भी निगम में शून्य लोगों ने पेट रजिस्ट्रेशन कराया है। पहले लोगों को निगम में पेट्स लाने में परेशानी होती ती। इसका समाधान निकालते हुए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

वर्जन
इस समय पोर्टल में कुछ समस्या आ रही है। इसके लिए एनआईसी से संपर्क किया गया है। जल्द ही लोगों को अवेयर करने के लिए एनजीओ का सहारा लिया जाएगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग पेट रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आगे आएं। हमारी टीम की ओर से फिलहाल स्ट्रीट डॉग्स को वैक्सीन लगाने व उनका बधियाकरण किया गया है।
डॉ। आदित्य तिवारी, पशु चिकित्साधिकारी, नगर निगम

Posted By: Inextlive