Bareilly: पितृ पक्ष में पिंड दान करने से इसका पुण्य कई गुना बढ़ जाता है. और अगर यह गया जी के विष्णु पद मंदिर में किया जाए तो इसकी इंपॉर्टेंस और भी बढ़ जाती है. लेकिन अगर आपके पास पितृ पक्ष में गया जी जाने का टाइम नहीं है या फिर आपक ो ट्रांसपोर्टेशन में प्रॉब्लम आ रही है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप घर बैठे-बैठे ही गया जी में पिंड दान कर सकते हैं. रिप्रेजेंटेटिव पिंड दान व्यवस्था के जरिए. इस फैसिलिटी के तहत आप फोन या ईमेल के थ्रू अपनी प्रॉब्लम बताकर पिंड दान के लिए बुकिंग करवा सकते हैं. इसके लिए जो फीस लगेगी वह मंदिर ट्रस्ट के एकाउंट में जमा करनी होगी. अलग-अलग प्रॉब्लम होने पर खर्च भी अलग-अलग ही होगा.


Problem different तो पूजा भी differentगया जी में डिफरेंट प्रॉब्लम्स के लिए डिफरेंट श्राद्ध पूजा की भी व्यवस्था है। अमूमन, अगर किसी व्यक्ति की असामयिक मृत्यु हुई है तो उसके लिए त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा की जाती है। कुंडली में पितृ दोष होने पर नारायण बलि पूजा और सामान्य मृत्यु के लिए नाग बलि पूजा कराई जाती है। इसके अलावा मंदिर की वेबसाइट पर पंडों और उनके मोबाइल नंबर की लिस्ट भी प्रोवाइड कराई गई है। इससे आपको पिंड दान कराने के लिए आसानी रहेगी।यहां कर सकते हैं संपर्क


रिप्रेजेंटेटिव पिंड दान करने के लिए आप वेबसाइट 222.द्दड्ड4ड्डद्भद्बश्चद्बठ्ठस्रस्रड्डड्डठ्ठ.ष्शद्व पर विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा आप वेबसाइट पर ही दिए मोबाइल नंबर  9835088759, 9430070365 पर कॉन्टेक्ट कर सकते हैं। ई-मेल एड्रेस  www.gayajipinddaan.com पर बुकिंग की जा सकती है। बुकिंग के लिए जिसका पिंड दान किया जाना है उसका नाम, मृत्यु के समय उसकी उम्र, मृत्यु की वजह, स्कैन किया हुआ फोटो और आपका उनसे रिलेशन बताना होगा। इसके अलावा फेसबुक पेज भी अवेलेबल हैं।Busy persons के लिए व्यवस्था

रेस्टोरेंट्स में यह व्यवस्था उन लोगों को ध्यान में रखकर की गई है जो अपनी जॉब या बिजनेस के चलते इतने बिजी हैं कि घर में ब्राह्म्ण भोज का अरेंजमेंट नहीं कर सकते। पर वह अपने पितृों के प्रति श्रद्धा भाव के रखते हुए उन्हें तृप्त करना चाहते हैं। ऐसे में वह किसी टेंशन के ब्राह्म्णों को रेस्टोरेंट में लाकर उन्हें आसन पर बैठाकर भोज करवा सकते हैं। और दक्षिणा देकर उनका आशीर्वाद ले सकते हैं.   दान करना होता है शुभज्योतिषाचार्य सुशील पाठक ने बताया यूं तो पितृ पक्ष में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। पर इस दौरान पितृों के लिए दान करने पर सबसे ज्यादा पुण्य मिलता है। पितृ पक्ष के दौरान तर्पण का प्रावधान है। इसके लिए तिल और जौं से पंद्रह दिन तक जल दान किया जाता है। श्राद्ध के दिन ब्राह्म्ण भोज कराना और कुत्ते, कौए, गाय क ो भी खाना खिलाना शुभ होता है। पितृ पक्ष में पिंड दान भी करना चाहिए। यह जौं के आटे के पिंड बनाकर किया जाता है। इसे कहीं रहकर भी किया जाता है। पिंड दान न करने पर मानसिक और शारीरिक कष्ट बढऩे लगते हैं। पिंड दान बेटी को छोड़कर कोई भी कर सकता है।Restaurants में arrangements

सिटी के रेस्टोरेंट भी पितृ पक्ष के लिए पूरी तरह तैयार हैं। होटल डिप्लोमैट के एमडी राजीव अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने रेस्टोरेंट में पितृ पक्ष के दौरान होने वाले ब्राह्म्ण भोज के लिए विशेष व्यवस्था की है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति ब्राह्म्णों को लेकर रेस्टोरेंट में आएगा तो ब्राह्म्णों के लिए अलग पंक्ति में आसन पर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं उनके लिए अलग थाली का भी अरेंजमेंट रहेगा। इस एक थाली की कीमत 151 रुपए रखी गई है।

Posted By: Inextlive