अब घर में पड़ा है सोना तो 'शुद्धता' का है रोना
बरेली में लागू हो गई है हॉलमार्किंग, गोल्ड की शुद्धता को लेकर कस्टमर हैं परेशान
-शहर के व्यापारियों का कहना अभी डिटेल्ड जानकारी आनी है बाकी 500 ज्वैलरी शॉप्स हैं लगभग शहर में 50 शोरूम भी है ज्वैलरी के लगभग बरेली: जिले में हॉलमार्किंग नियम लागू होने के बाद केवल सराफा व्यापारी नहीं पब्लिक के मन में भी कई सवाल उठने लगे हैं। सबसे बड़ा सवाल उनके घर में रखे सोने को लेकर हैं, जिसको लेकर वे खासा परेशान हैं। उनका कहना है कि अगर हॉलमार्क सोना अनिवार्य है तो अब उनके घरों में रखी सोने की ज्वैलरी को कौन खरीदेगा। इसकी शुद्धता की गारंटी कैसे तय होगी। ऐसे तमाम सवाल लोगों के मन में पनप रहे हैं, जिनके जवाब उन्हें नहीं मिल पा रहा है। कुल मिलाकर आम जनता इस बदलाव को लेकर असमंजस में हैं। पब्लिक को होगा नुकसानजानकारों का कहना है कि इस नियम के बाद पब्लिक को भी नुकसान उठाना होगा। मार्केट में बेचने से पहले इस सोने को परखा जाएगा। अगर यह 18 कैरेट नहीं है तो इस गलाकर फिर से मानक के अनुरूप बनाया जाएगा। जिससे इसके रेट भी कम मिलेगा फिर इसकी हाल मार्किंग करानी होगी। जिस तरह से लोग सोना खरीदने आ रहे हैं उससे पब्लिक को थोड़ा बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। जिन लोगों ने पक्की रसीद के साथ गहने खरीदे हैं, उनका शायद कम नुकसान उठाना पड़े। क्योंकि सोने की शुद्धता नहीं निकलने पर संबंधित दुकानदार को इसकी भरपाई करनी पड़ेगी।
हर घर में मौजूद है सोना -सरकार ने 16 जून से हालमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। -पहले चरण में जिन जिलों को शामिल किया गया है, उसमें बरेली सहित यूपी के 19 जिले शामिल हैं। -जिलों में अब हालमार्किंग मुहर लगा सोना ही बेचा जाएगा। -सवाल यह उठता है कि जनता के पास जो बिना हालमार्क सोना मौजूद है उसको वह कहां बेचेगी। -इसकी शुद्धता कौन तय करेगा और इसका असली दाम कैसे मिलेगा। करा सकते हैं सोने की जांचअगर किसी के भी पास सोने के गहने हैं तो वह भी अपने गहनों की हाल मार्क जांच करा सकते है। इसके लिए शहर में करीब चार सेंटर हैं जहां पर 30 से 35 रुपए फीस देकर 18 कैरेट या फिर 22 कैरेट गहनों की जांच अपने सामने ही करा सकता है। यह रिपोर्ट तीन से चार घंटे में मिल जाती है। अभी तक यह सेंटर्स गहनों की जांच कर देते थे लेकिन अब एक्सपर्ट की माने तो अब हाल मार्क सेंटर पर जांच करने वालों को भी लाइसेंस लेना होगा। तभी वह हालमार्क की जांच मशीन से कर सकेंगे।
इसलिए लागू हुआ नियम गोल्ड हॉलमार्किंग के बारे में यदि आप नहीं जानते तो आपको बता दें कि यह शुद्ध सोने की पहचान है। भारत में सोने के आभूषणों में दुनिया के सर्वोत्तम मानक को नापने के लिए गोल्ड हॉलमार्किंग को जरूरी करने का काम किया गया है। ग्राहक नकली सोने की ज्वैलरी से बचें और साथ ही साथ च्वैलरी कारोबार पर निगरानी रखा जा सके, इसके लिए सरकार इसे अनिवार्य किया है। यह नियम किया लागू नए नियम की मानें तो सोना खरीदने और बेचने के लिए हॉलमार्किंग अब जरूरी होगा। वहीं हॉलमार्क वाले सोने को यदि आप बेचने जाएंगे तो सामने वाला आपसे कोई डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटेगा। नियम का पालन नहीं करने वाले पर एक लाख से लेकर च्वेलरी के दाम के पांच गुना तक जुर्माना वसूला जा सकता है। जांच के लिए सरकार ने क्चढ्ढस्-ष्टड्डह्मद्ग नाम से न्श्चश्च लॉन्च करने का काम किया है। इसपर पर सोने की शुद्धता की जांच के साथ शिकायत दर्ज करने की सुविधा भी ग्राहकों को उपलब्ध होगी। फर्स्ट फेज में यह शहरबरेली, आगरा, प्रयागराज, बदायूं, देवरिया, गाजियाबाद, गोरखपुर, जौनपुर, झांसी, मथुरा, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरपुर, गौतमबुद्ध नगर, सहारानपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी शहर शामिल हैं।
सरकार की जो नीति है वह काफी अच्छी है, इससे अब कस्टमर्स को फायदा होगा, मार्केट में हालमार्क माल ही कस्टमर्स को मिलेगा। हालांकि पहले से भी हालमार्क माल बेचा जा रहा था लेकिन अब सभी को जरूरी कर दिया गया है। संदीप अग्रवाल, अध्यक्ष बरेली महानगर सर्राफ एसोसिएशन हालमार्क सरकार की तरफ से शुरू किया गया है, तो इससे बेहतर रिजल्ट मिलेगा। अब कस्टमर्स को इससे लाभ निश्चित मिलेगा। लेकिन अभी इस संबंध में अभी डिटेल्ड जानकारी मिलनी है। संजीव औतार अग्रवाल, सर्राफा व्यापारी नए नियम से पब्लिक के माइंड में भी कई सवाल चल रहे हैं। इनका समाधान जरूरी है। अब पब्लिक को भी अपने सोने की हालमार्किंग करानी पड़ सकती है। सैंकी सर्राफा व्यापारी अभी तक नार्मल सोना अधिकतर शॉप्स पर बेंचते थे, लेकिन अब उन्हें हालमार्क ज्वैलरी बेंचनी होगी। लेकिन पब्लिक के पास रखे सोने का क्या होगा। इसका आसंर भी हमें मिलना चाहिए। संदीप