30 जून के बाद देनी होगी आईडी
- पुराने नोट बदलने पर दूसरे ब्रांच में देनी होगी आईडी
BAREILLY: यदि आप के पास 2005 से पहले के नोट हैं तो उन्हें तुरंत बैंक से चेंज करा लें, क्योंकि 30 जून के बाद ऐसे नोट को बैंक में जमा करने के लिए आपको आईडी देनी पड़ेगी। आरबीआई ने सख्ती के साथ नियम पालन कराने के आदेश बैंकों को दिए हैं। आरबीआई ने 7 नवंबर 2001 को क्लीन नोट पॉलिसी लागू की थी। 31 मार्च 2014 से पुराने नोट को पुराने नोट बदले जाने की बात कही थी। इसके लिए कई निर्धारित डेट लाइन भी दी गई थी। बार-बार डेट देने के बाद आरबीआई ने इन दोनों नियमों के लिए 30 जून की लक्ष्मण रेखा खींच दी है। 30 जून के बाद क्लीन करेंसी पॉलिसी व पुराने नोट को लेकर नियम और भी कठिन हो जाएंगे। जब्त कर लिए जाएंगे नोटआरबीआई के मुताबिक नोट पर यदि कुछ भी लिखा पाया गया तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। राजनीति पार्टी का प्रचार स्लोगन और धार्मिक चिहृ बना होगा तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। हालांकि इसके बदले कस्टमर को क्लीन करेंसी दी जाएगी। करेंसी पर स्लोगन के अलावा कुछ भी लिखना, माला बनाना, हवा में उड़ाना अपराध की श्रेणी में माना गया है। आरबीआई का मानना है कि, नोटों को स्टेपल करना, कुछ लिखना, टकाई करने से नोटों की एज कम हो जाती है।
लीगल टेंडर से बाहर आरबीआई की गाइड लाइन के मुताबिक जिन करेंसी पर राजनीतिक, धार्मिक, समाज को ठेस पहुंचाने वाले स्लोगन लिखे है उनकों बैंक्स एक्सेप्ट नहीं करेंगे। बैंक्स अधिकारियों का कहना है कि, अगर करेंसी पर ऐसे नोट लिखें हैं तो उन्हें लीगल टेंडर से बाहर माना जाएगा। आरबीआई ने यह बात साफ कही है कि जिन करेंसी पर इस तरह के स्लोगन लिखे है उन पर पूर्ण रुप से रोक लगा दी गयी है। स्लोगन लिखे करेंसी को बैंक्स एक निर्धारित डेट लाइन तक बखूबी एक्सेप्ट करेंगे। बैंक्स अधिकारियों के अकॉर्डिग कस्टमर स्लोगन लिखे करेंसी को समय के अंदर बैंक में डिपॉजिट कर सकते है। स्लोगन करेंसी के बदले उन्हें क्लीन नोट दिए जाएंगे। बैंक में जितने भी स्लोगन लिखे करेंसी डिपॉजिट होगी उसे आरबीआई को सौंप दी जाएगी। । 30 जून से अदर ब्रांच से पुराने नोट बदलते वक्त लोगों को अपनी आईडी देनी होगी। बिना आईडी दिए नोट नहीं बदले जा सकेंगे। नोट पर कुछ लिखना या स्टेपलर करना बैन है। संजीव मेहरोत्रा, उप महामंत्री, यूनियन बैंक स्टॉफ एसोसिएशन