बटलर प्लाजा में डराती हैं पिलर-छत की दरारें, अगर गिरी तो जा सकती कई जानें
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- 20 साल पहले हुआ था बिल्डिंग का निर्माण -448 दुकानें खुली हुई हैं बिल्डिंग में अभी -250 दुकानें किराए पर चल रही हैं -छतों से गिरता रहता है प्लास्टर, बिल्डिंग बनने के बाद से एक भी बार नहीं कराया गया मेंटीनेंस -डेली हजारों लोगों को रहता है आवागमन, कभी भी हो सकता है हादसाबरेली : शहर के व्यस्त शॉपिंग कॉम्पलेक्स में शुमार बटलर प्लाजा की हालत काफी जर्जर है। आए दिन दुकानों की छत से प्लास्टर गिरते रहते हैं। जिसमें अक्सर लोग घायल होते रहते हैं। वहीं पिलर्स में जगह-जगह दरारें आ गई हैं। जिससे दुकानदारों में दहशत का माहौल है। दुकानदारों के मुताबिक 20 साल पहले बनी बिल्डिंग का जिम्मेदारों ने एक बार भी मेंटीनेंस नहीं कराया है जिससे बिल्डिंग गिरने का खतरा बना हुआ है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन वे आंखें मूंदे हुए हैं।
जगह-जगह निकली हैं सरिया
तीन मंजिला बनी बटलर प्लाजा पिलर पर खड़ी हुई है, लेकिन अब उन पिलर्स पर दरारें आ गई हैं जिससे बिल्डिंग कभी भी भरभराकर गिर सकती है। छत पर भी जगह-जगह दरारें हो गई जिससे बिल्डिंग गिरने का खतरा बना हुआ है। वहीं प्लास्टर गिरने से छत पर जगह-जगह सरिया भी दिखने लगी हैं।सीढि़यों की भी हालत जर्जर
बटलर प्लाजा में ग्राउंड फ्लोर से टॉप फ्लोर पर जाने के लिए जो सीढि़यां बनी हुई हैं, उनकी हालत भी काफी जर्जर है। मेंटीनेंस के अभाव में उसमें भी दरारें पड़ गई हैं। अगर इन सीढि़यों से कोई भारी सामान किसी दुकान में ले जाया गया तो यह कभी भी गिर सकती हैं। छतों से गिरता है प्लास्टर दुकानदारों के अनुसार कई बार यहां बिल्डिंग में आने वाले लोगों और वाहनों पर छत का मलबा अपने आप टूटकर गिर चुका है, जिससे कई लोग घायल भी हुए हैं। इसकी शिकायत उन्होंने एसोसिएशन में भी की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। कमा रहे मोटा मुनाफा बटलर प्लाजा में करीब 250 दुकानें किराए पर संचालित हैं। बिल्डिंग ओनर और दुकानदार हर माह मोटा मुनाफा कमा रहे हैं, लेकिन जर्जर हो चुकी बिल्डिंग की मरम्मत कराने की जहमत न तो दुकानदार उठाते हैं और न ही बिल्डिंग ओनर। जबकि बिल्डिंग में डेली हजारों लोगों का आवागमन होता है। नहीं सुनता एसोसिएशनसाल 2001-02 के दरमियान बटलर प्लाजा का निर्माण हुआ था। शुरुआत में यहां पांच दुकानें बनाई गई थी। इसके बाद 443 दुकानें और बना दी गई, लेकिन जिम्मेदारों ने कभी भी बिल्डिंग का मेंटीनेंस नहीं कराया। बटलर प्लाजा में करीब 250 दुकानें ऐसी हैं जिनकी छत कभी भी गिर सकती हैं, इसके बावजूद इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। वहीं दुकानदारों ने एसोसिएशन से कई बार मेंटीनेंस कराने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
निगम कर रहा हादसे का इंतजार शहर में जर्जर हो चुके भवनों को निगम की ओर से पहले मेंटीनेंस के लिए नोटिस जारी किया जाता है। इसके बाद भी अगर मेंटीनेंस नहीं कराया जाता है तो उसे गिराने तक का प्रावधान है, लेकिन निगम की हीलाहवाली से कई जर्जर भवनों में लोग रह रहे हैं। न तो उनको नोटिस जारी किया जाता है और न ही कोई कार्रवाई की जाती है। दुकानदारों की बात दुकान खोलते ही रोजाना मन में बिल्डिंग की हालत देखकर डर बना रहता है। कई बार मरम्मत कराने की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। नितिन। कई बार छतों का मलबा टूटकर वाहनों पर गिर चुका है। दीवारों की हालत काफी जर्जर है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। रुंचित। जिन्होंने दुकानें खरीदी हैं उन्होंने अपने हिस्से की बिल्डिंग की मरम्मत करा ली है। लेकिन किराये वाली दुकानों की हालत बहुत खराब है। उमेश मौर्य।दुआ करते हैं कि भूकंप न आए, वरना हल्के झटके में ही बिल्डिंग को जमींदोज हो सकती है। एसोसिएशन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
इतेंद्र राठौर। वर्जन बिल्डिंग पुरानी है इस कारण हालत जर्जर है। समय-समय पर मरम्मत कराई भी जाती है। अगले माह टॉप फ्लोर की मरम्मत का कार्य शुरु कराया जाएगा। नवनीत अग्रवाल, जीएम, बटलर प्लाजा