लॉकडाउन की अफवाह पर विराम, घट गया प्रवासियों का रेला
-लॉकडाउन के अफवाह से डेली दिल्ली से आने वाले प्रवासियों की संख्या में हुआ था इजाफा
-अचानक इजाफा होने से कम पड़ी थी रोडवेज की बसें, निजी आपरेटरों ने उठाया लाभबरेली: 'सभी राज्य लॉकडाउन को अंतिम विकल्प के रूप में यूज करें' इस लाइन को सुनते ही दिल्ली से आने वाले प्रवासियों का रैला मानो थम ही गया। दरअसल, प्रधानमंत्री ने 21 अप्रैल फ्राइडे को देश को संबोधित करते हुए इस बात को कहा कि देश में लॉकडाउन नहीं लग रहा है, और राज्य भी इसे अंतिम विकल्प के रूप में यूज करें। इसके बाद से दिल्ली और मुंबई की तरफ से आने वाले प्रवासियों की संख्या एक दम घट गई। इससे न सिर्फ बेवजह आने जाने वालों पर ब्रेक लगा बल्कि रोडवेज और ट्रेनों में भी पैसेंजर्स की संख्या आधी से कम रह गई है। शहर के ओल्ड रोडवेज बस स्टैंड और सैटेलाइट रोडवेज बस स्टैंड पर फ्राइडे दोपहर को काफी कम पेशेंट दिखाई दिए।
अब खुद की चिंता कर रहे बरेलियंसअभी तक बेवजह घर से बाहर निकलने वालों को पुलिस चेकिंग कर वापस करती थी, लेकिन इस कोरोना की दूसरी लहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोग खुद से अलर्ट हैं। शहर में लगातार कई दिनों से 800 से अधिक संक्रमितों की संख्या सामने आ रही है, और कई संक्रमितों की जान तक चली गई है। इससे लोगों में कहीं न कहीं पैनिक बढ़ रहा है और वह वह वेबजह घर से बाहर न तो निकल रहे हैं और न परिवार को बाहर जाने की अनुमति दे रहे हैँ।
कभी होता था गुलजार शहर के ओल्ड रोडवेज बस स्टैंड की बात करें तो यहां से दिल्ली मुरादाबाद के साथ जयपुर, आगरा, देहरादून, उत्तराखंड के लिए बसें संचालित होती है। लेकिन अब बढ़ते केसेस के बीच लोगों को अब सफर से अधिक खुद की जान की बचाना मुश्किल हो रहा है। इसीलिए लोग अब सफर करने से कतरा रहे हैं। ओल्ड रोडवेज की बात करें तो यहां से करीब 3-4 हजार पैसेंजर्स का डेली आना जाना होता था लेकिन अब कोरोना संक्रमण के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है। स्टेशन पर सिर्फ 10-20 पैसेंजर्स ही आते जाते दिखाई दिए। कभी प्रवासी थे बेबसशहर में रोडवेज बस स्टैंड की बात करें तो ओल्ड रोडवेज और सैटेलाइट बस स्टैंड हैं। जिसमें से ओल्ड रोडवेज से भी दूसरे राज्यों के लिए बसों का ंसचालन होता है, आम दिनों में बड़ी संख्या में पैसेंजर्स यहां पर आते जाते थे लेकिन अब ओल्ड रोडवेज पर कुछ ही पैसेंजर्स दिखाई दिए। वहीं सैटेलाइट रोडवेज बस स्टैंड पर तीन पहले तक प्रवासियों का इस कदर रैला उमड़ रहा था कि बसें कम पड़ गई। यहां तक कि रात को प्राइवेट आपरेटर्स ने भी जमकर कमाई की, और लखनऊ और दिल्ली के लिए जाने वाले पैसेंजर्स से भी मनमाना किराया वसूला। लेकिन अब सैटलाइट रोडवेज बस स्टैंड पर भी आने वालों की संख्या सामान्य से भी कम हो गई है। आम दिनों में यहां पर 10 हजार करीब पैसेंजर्स का आना जाना होता था लेकिन अब वह घटकर आधा रह गया है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट से बना रहे दूरी संक्रमण के दौर में इस वक्त अधिकांश तो अपनी यात्रा को टाल रहे हैं। इसके बाद भी अगर किसी को सफर करना भी पड़ रहा है तो वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने में दूरी बना रहा है। क्योंकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अब लोगों को खुद की जान का रिस्क दिख रहा है। अब लोग खुद के वाहन से ही सफर करना बेहतर समझ रहे हैं। इसके चलते भी रोडवेज बस स्टैंड पर अब पैसेंजर्स की संख्या घटी है।