अब घर पर ही पार्टी ऑल नाइट
बरेली (ब्यूरो) । शराब के शौैकीन लोगों को सरकार नेे दी नई सौगात। जो लोग पार्टी करने के लिए इधर उधर जगहों को ढूंढते हैं, अवैध तरीके स कहीं भी बैठकर शराब पार्टी शुरु कर देते हैैं। जिससे अन्य लोगों को परेशानी होती थी। वह इसकी कंपलेन भी कर देते थे। ऐसे मेें पुलिस भी पकड़ कर ले जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि शराब के शौकीन को अब शासन नेे होम बार बनाने की मंजूरी दे दी है। जिसमें 15 ब्रांड की 72 बोतलें रखी जा सकती हैं। होम बार के लिए लाइसेंस लेना जरूरी होगा। इसके लिए 12 हजार रुपए फीस भी देनी होगी।
4 बोतले ही रख सकते थे
आवकारी विभाग के नियम अनुसार अभी तक शराब के शौकीन अपने घर में 750 एमएल की 4 बोतलें ही रख सकते थे। लेकिन होम बार का लाइसेंस लेने के बाद अलग-अलग ब्रांड की 72 बोतलें तक रख सकेंगे। एक व्यक्ति एक ही होम बार का लाइसेंस करा सकता है। होम बार के लिए विभाग के नियम में संशोधन 2021- 22 में किया गया है।
होम बार लाइसेंस लेने का तरीका
होम बार लाइसेंस लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। लाइसेंस कराने के लिए 12 हजार रुपय सलाना फीस देनी होगी। इसके अतिरिक्त 51 हजार रुपये सिक्योरिटी देनी होगी। जो साल पूरा होने के बाद वापस कर जाएगी। डीएम से अनुमति मिलने के बाद लाइसेंस जारी किया जाता है।
सबसे पहले यूपी आवकारी वेेवसाइट पर लॉगिन करने के बाद बार रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक करें उसे खुलने के बाद नाम, पता, लोकेशन व मोबाइल नंबर भरना होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद फार्म सेव करना होगा। इसके बाद में तीसरे स्टेप में ऑनलाइन ही फीस जमा करनी होगी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होगी। यह भी जाने
- लाइसेंस उन्ही लोगों को मिलेगा जो आयकर रिर्टन भरते हैं।
-होम बार के लिए आवेेदन के समय इनकम टैक्स रिर्टन की कॉपी लगानी होगी
-आधार कार्ड और पैन कार्ड कार्ड आवेदन फार्म के साथ जमा करना होगा
-होम बार लाइसेंस शराब के विक्रय के लिए नहीं होगा
-जिस जगह शराब रखी जाएगी वहां 21 वर्ष सेे कम लोगों की एंट्री बैन होगी
-गेस्ट हाउस या फार्म हाउस में शराब रखने के लिए मान्य नहीं होगा।
फैक्ट एंड फिगर
-3 रजिस्ट्रेशन अब तक हुए
-2 लाइसेंस हुए मंजूर
-15 ब्रांड की शराब रख सकेंगे
-72 बोतलें रखने की होगी लिमिट
-750 एम एल की बोतले 4 होगीं जिनमें 2 अंगे्रजी व 2 भारतीय
-12 हजार रुपए लाइसेंस फीस होगी
-51 हजार रुपए जमा करनी होगी सिक्योरिटी
- डीएन दुबे, आवकारी अधिकारी