Bareilly: यूजीसी ने एलएलएम करने की इच्छा रखने वालों को बड़ा तोहफा दिया है. कमीशन ने इस सेशन से वन ईयर एलएलएम डिग्री प्रोग्राम इंट्रोड्यूस कर दिया है. देश के लीगल एजुकेशन सिस्टम में गुणात्मक सुधार करने और ब्राइट स्टूडेंट्स के फॉरेन यूनिवर्सिटीज में पलायन को रोकने की दिशा में यूजीसी ने ये एक सार्थक पहल की है.


सभी यूनिवर्सिटीज को जारी किया लेटरदेश की सभी यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज में अब मास्टर ऑफ लेजिसलेटिव लॉ (एलएलम) की पढ़ाई एक साल में ही पूरी हो जाएगी। यूजीसी ने एलएलएम का वन ईयर डिग्री प्रोग्राम जारी कर सभी यूनिवर्सिटीज में इसे लागू करने का फरमान जारी कर दिया है। साथ ही इस डिग्री कोर्स को लागू करने के लिए सख्त गाइडलाइंस और मानक भी जारी किए हैं। जो यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज इन मानकों पर खरे उतरेंगे, उन्हें ही इस कोर्स का एफिलिएशन दिया जाएगा। हालांकि यूजीसी ने दो साल की एलएलएम डिग्री की वैधता पर कोई सवाल न उठाते हुए उसे खत्म नहीं किया।यूजीसी की एक्सपर्ट कमेटी


यूजीसी के एजुकेशन ऑफिसर आर मनोज कुमार द्वारा सभी यूनिवर्सिटीज को जारी लेटर के अनुसार, देश के लीगल एजुकेशन सिस्टम में क्वालिटेटिव सुधार के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट की मिनिस्ट्री ऑफ हृयूमन एंड रिसोर्स डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने राउंड टेबल का गठन किया था। इसमें देश के लीगल एजुकेशन सिस्टम की व्यवस्था की समीक्षा और उसमें गुणात्मक सुधार पर चर्चा की गई और कई स्टेप्स भी सुझाए गए। यूजीसी की एक्सपर्ट कमेटी ने इस संबंध में गाइडलाइंस जारी कर वन ईयर एलएलएम प्रोग्राम-2012 को इंट्रोड्यूस कर 2013 सेशन से लागू करने का फरमान भी जारी कर दिया।

स्थापित करना होगा सेंटर फॉर लीगल स्टडीजयूजीसी की एक्सपर्ट कमेटी ने इस प्रोग्राम को लागू करने के लिए सख्त मानक भी निर्धारित किए हैं। वे ही यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज इस प्रोग्राम को लागू कर सकते हैं जो अपने यहां पर सेंटर फॉर पोस्ट ग्रेजुएट लीगल स्टडीज स्थापित करेंगे। इसके तहत उन्हें उन्हें एकेडमिक क्वालिटी और स्टैंडर्ड को मेंटेन करना पड़ेगा। जो गाइडलाइंस को फॉलो करेगा वही अपने टू ईयर डिग्री प्रोग्राम से वन ईयर डिग्री प्रोग्राम में स्विच ओवर कर पाएगा।होगा कॉमन एडमिशन टेस्टयूजीसी ने इस कोर्स में एडमिशन प्रोसेस के लिए भी नई गाइडलाइंस जारी की हैं। एडमिशन केवल ऑल इंडिया एडमिशन टेस्ट के आधार पर ही दिया जाएगा। यह टेस्ट यूनिवर्सिटीज इंडिविजुअली ऑर्गनाइज कर सकती हैं या फिर कई यूनिवर्सिटीज मिलकर यह टेस्ट ऑर्गनाइज कर मेरिट के आधार पर स्टूडेंट्स का एडमिशन कर सकती हैं।देश में ही रहेंगे होनहार स्टूडेंट्स

देश में एक वर्षीय एलएलएम डिग्री प्रोग्राम लागू करने के पीछे यूजीसी की बड़ी संख्या में लॉ के स्टूडेंट्स का पलायन रोकने की भी मंशा है। एक्सपर्ट कमेटी की स्टडी में यह तथ्य सामने आए हैं कि लीगल स्टडीज के होनहार स्टूडेंट्स एलएलएम की पढ़ाई के लिए विदेशों की यूनिवर्सिटीज का रुख करते हैं। अधिकांश विदेशी यूनिवर्सिटीज में एलएलएम की पढ़ाई एक वर्ष की होती है। वे वहीं पर पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हीं कंट्रीज में लीगल प्रोफेशन से भी जुड़ जाते हैं। देश में होनहार लीगल प्रोफेशनल्स की भारी कमी है। इसलिए लीगल एजुकेशन सिस्टम की नए सिरे से समीक्षा करने की जरूरत महसूस की गई।Report by: Abhishek Singh

Posted By: Inextlive