- शासन से आया निर्देश, पुलिस प्रशासन की गाडि़यों में जल्द लगाना होगा फासटैग

- अब तक टोल प्लाजा से सेपरेट लेन से बिना टैक्स दिए फर्राटा भरती थीं सरकारी गाडि़यां

बरेली। अब तक जहां सरकारी गाडि़यां देश-प्रदेश में बने टोल प्लाजा से बेरोकटोक निकाल दी जाती थीं, अब शासन के आदेश के बाद उन्हें भी टोल टैक्स देना होगा। हाल ही में शासन से मिले आदेश के बाद पुलिस प्रशासन की गाडि़यों में फासटैग लगाने की कवायद तेज कर दी गई है। हालांकि इस टैक्स का भुगतान किस वर्चुअल अकाउंट से किया जाएगा, यह अभी तय नहीं किया गया है। शासन के आदेश के बाद अब जिले में भी अधिकारियों से लेकर थाने चौकी तक की गाडि़यों में फासटैग लगाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

परिचित भी बचाते हैं टोल

वैसे तो सिर्फ सरकारी कर्मचारी, नेता और कुछ निर्धारित श्रेणी के लोगों के लिए ही शासन द्वारा टोल टैक्स में छूट दी गई थी, लेकिन इसकी आड़ में इन लोगों के परिचित और रिश्तेदार भी बिना टोल टैक्स दिए स्टेट और नेशनल हाइवे पर फर्राटा भरते हैं। अक्सर सामने आता है कि सरकारी कर्मचारी या संबंधित थाने या स्थानीय नेताओं की सिफारिश पर टोल टैक्स छोड़ दिया जाता है, लेकिन अब शासन के इस आदेश के बाद यह व्यवस्था भी खत्म होती नजर आ रही है।

200 से ज्यादा हैं चार पहिया वाहन

जानकारी करने पर सामने आया कि जिले के पुलिस महकमे में पीआरवी, जेल, अधिकारी व थाना-चौकी मिलाकर दो सौ से ज्यादा चार पहिया वाहन हैं। जोकि रोजाना पूरे जिले में फर्राटा भरते हैं। साथ ही अन्य ऐसे वाहन भी हैं जोकि सिर्फ वीआईपी के आने पर ही स्कॉर्ट में इस्तेमाल किए जाते हैं। इन सभी पर शासन द्वारा फासटैग लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इनमें जिले में 19 भारी वाहन, 121 छोटे चार पहिया वाहन और 77 पीआरवी हैं। वहीं भोजीपुरा, फतेहगंज पश्चिमी, फतेहगंज पूर्वी व अन्य कुछ क्षेत्रों में चलने वाले वाहनों को एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए लगातार टोल प्लाजा से गुजरना पड़ता है।

पीआरवी 77

छोटे चार पहिया वाहन 121

भारी वाहन 19

टोल पेमेंट की अभी नहीं व्यवस्था

हाल में लागू हुई फासटैग सुविधा में लोगों को अपनी गाड़ी पर लगे फासटैग को एक वर्चुअल अकाउंट से जोड़ना पड़ता है, जिससे टोल प्लाजा से गुजरते वक्त अपने आप ही फासटैग कार्ड स्कैन होने के बाद पेमेंट कट जाता है। लेकिन इतनी सरकारी गाडि़यों में लगे फासटैग का पेमेंट किस तरह किया जाएगा, इसका निर्णय अभी नहीं हो सका है। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इस पर लगातार चर्चा की जा रही है। जल्द ही इस व्यवस्था को पूर्ण रूप से लागू कर दिया जाएगा।

कॉनट्रैक्टर्स की मांग पर व्यवस्था होने की चर्चा

सरकारी गाडि़यों पर फासटैग लगने की व्यवस्था फिलहाल जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। चर्चा है कि सरकारी गाडि़यों के बिना टोल टैक्स दिए गुजरने के चलते कॉनट्रैक्टर्स को काफी नुकसान होता है। वहीं पिछले दो साल से कोरोना महामारी के चलते चल रहा लॉकडाउन और काम बंद होने के चलते परिस्थितियां भी बिगड़ चुकी हैं। ऐसे में कॉनट्रैक्टर्स की शासन की मांग पर यह व्यवस्था लागू की गई है। हालांकि व्यवस्था को लेकर अन्य बातों से भी चर्चा का बाजार गर्म बना हुआ है।

सरकारी गाडि़यों में फासटैग लगाने का आदेश शासन द्वारा मिला था। इस प्रक्रिया को शुरू भी कर दिया गया है। हालांकि फासटैग लगने के बाद टोल का पेमेंट किस तरह किया जाएगा, इस मामले में अभी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।

- आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

Posted By: Inextlive