अब डीएल की भी होगी सिलेबस से पढ़ाई
फैक्ट एंड फिगर
60-घंटा ट्रेनिंग कराई जाएगी एलएमवी के लिए
30-दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी कॉमशर््िायल वाहनों के डीएल बनवाने वालों को
1-हजार रुपए से कम रखी जाएगी ट्रेनिंग के लिए फीस
100-आवेदक एक बार में एक मोटर ट्रेनिंग कॉलेज में कर सकेंगे ट्रेनिंग
6-तहसील हैं कुल जिले में
1-तहसील क्षेत्र में एक मोटर ट्रेनिंग कॉलेज को दी जाएगी परमिशन
बरेली( ब्यूरो) । सडक़ हादसों में कमी लाने और डीएल के बढ़ते आवेदकों में कमी लाने के लिए सरकार ने अब नया रास्ता निकाला है। सरकार की तरफ से अब जिला और तहसील क्षेत्र में प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग कॉलेज के लिए परमिशन दी जाएगी। इसके लिए बाकायदा परिवहन विभाग के पास पूरी डिटेल भी केंद्रीय परिवहन मंत्रालय से पहुंच चुकी है। जिसमें मोटर ट्रेनिंग कॉलेज को कैसे संचालित किया जाएगा, मोटर ट्रेनिंग कॉलेज में क्या सुविधाएं होंगी और किस तरह से आवेदकों के लिए ट्रेनिंग दी जानी उसका पूरा ब्यौरा भी दिया गया है। मोटर ट्रेनिंग कॉलेज ओपन करने के लिए परिवहन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होगी। प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग कॉलेज में उन्हीं आवेदकों को ट्रेनिंग कराई जाएगी जिनके पास कम पांच साल वाहन चलाने का अनुभव हो। इसके साथ ही आवेदक को 12वीं पास होना अनिवार्य होगा। ट्रेनिंग के बाद मोटर ट्रेनिंग कॉलेज की तरफ से एक सर्टिफिकेट आवेदक को दिया जाएगा इसके बाद वह अपना डीएल हैंड-टू-हैंड बनवा सकेगा।
यह भी जानें
-दो टाइप को होगा सिलेबस
-कामर्शियल का अलग
-नॉन कामर्शियल का अलग
-पहले करनी होगी पढ़ाई बाद में मिलेगा सर्टिफिकेट
-सर्टिफिकेट के बाद आरटीओ ऑफिस से बनेगा डीएल
-परिवहन विभाग के अफसरों की मोटर ट्रेनिंग सेंटर पर रहेगी निगरानी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के लिए नियम
-माध्यम माल वाहनों के लिए कम से कम एक एकड़ जमीन होना अनिवार्य
-अधिकृत एजेंसी मानकों का निरीक्षण कर करेगी परमिशन के लिए सुनिश्चत
-भारी वाहनों के लिए ट्रेनिंग कॉलेज ओपन करने के लिए सेंटर्स के पास 2 एकड़ जमीन होगी अनिवार्य
-इससे कम जमीन के लिए लाईसेंस नहीं दिया जाएगा
-ट्रेनर कम से कम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुका हो, उसके पास पांच वर्ष को अनुभव होना भी जरुरी है।
-ट्रेनर की उम्र कम से कम 18 से ज्यादा हो
-सरकार की तरफ से निर्धारित पाठयक्रम की कराई जाएगी स्टडी
-पाठ्यक्रम को दो हिस्सों में बांटा जाएग, जिसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल भी होगा शामिल
टेस्ट की नहीं होगी जरूरत
डीएल के लिए आवेदकों को आरटीओ के चक्कर लगाने और लंबी लाइन को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय की तरफ से इसको आसान बनाने के लिए अब प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग कॉलेज ओपन जिले में ओपन किए जाएंगे। इससे जहां एक तरफ आवेदकों को लाइन लगाने से छुटकारा मिलेगा तो वहीं दूसरी तरफ ट्रेंड डाईवर्स होने से सडक़ हादसों में भी कमी आएगी। डीएल टेस्ट देने की जरुरत नहीं होगी। इसमे कें द्रीय सडक़ परिवहन ने जो नियम लागू किए हैं। उन्हीं को फॉलो करना होगा। तब ही हो सकेगा डीएल कंफर्म औ्रर आसानी से डीएल भी बनवा सकेंगे।
लाइसेंस बनवाने के लिए नार्मल ट्रेनिंग ही देनी होती है। लेकिन अब ये नियम में कुछ बदलाव भी दिखेगा। क्योंकि अब लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग स्कूल में सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई होगी। जिसके बाद ही सर्टिफिकेट मिलेगा। आवेदकों को पहले ट्रेनिंग स्कूल में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद लोगों को वहीं ट्रेनिंग लेना होगी। जिसके बाद स्कूल आवेदकों को सर्टिफिकेट दिलाएगा।
लूट से मिलेगी मुक्ति
अभी तक प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग कॉलेज में ट्रेनिंग कराने के कम से कम 4 से 6 हजार रुपए तक वसूल लिए जाते हैं। लेकिन इस प्राइवेट मोटर ट्रेंिनग कॉलेज में सरकार की तरफ से फीस निर्धारित की जाएगी। अफसरों की माने तो इसके लिए एक हजार से पन्द्रह सौ रुपए ही फीस रखी जाएगी। इससे कहीं न कहीं निजी मोटर ट्रेनिंग कॉलेजेज की लूट से मुक्ति मिलेगी तो वहीं मानकों के अनुरूप भी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग करने क भी मौका मिलेगा।
दिनेश सिंह, आरटीओ ई