BAREILLY: काफी समय से स्टूडेंट्स डिजिवन इंप्रूवमेंट की मांग कर रहे थे। ये वे स्टूडेंट्स हैं जिनके पीजी में न्यूनतम अर्हता भ्भ् परसेंट से कम मा‌र्क्स हैं। जो डिविजन इंप्रूवमेंट की मांग कर रहे हैं उनमें अधिकांश नेट और जेआरएफ क्वालीफाइड हैं। मामला कोर्ट में भी गया, जिसपर डिसिजन स्टूडेंट्स के फेवर में आया। अब आरयू ने भी डिविजन इंप्रूवमेंट पर अपनी मुहर लगा दी है। थर्सडे को ऑर्गनाइज की गई एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इसको पास कर दिया गया। इसके तहत केवल नेट और जेआरएफ स्टूडेंट्स को ही अपनी डिविजन सुधारने का अवसर दिया जाएगा। लेकिन वह भी केवल पीजी सब्जेक्ट में। यूजी में डिविजन इंप्रूवमेंट का मौका नहीं दिया जाएगा।

क्भ् से शुरू होगा कोर्स वर्क

पीएचडी के लिए कई सब्जेक्ट के कोर्स वर्क को भी अप्रूवल दे दिया गया। जिन सब्जेक्ट के लिए मेरिट लिस्ट जारी की गई है उन सभी सब्जेक्ट के कोर्स वर्क को मंजूरी दे दी गई। क्भ् दिसम्बर से इन सब्जेक्ट में पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पीएचडी के लिए म् महीने का कोर्स वर्क पूरा करना कंपलसरी है। इसमें एनवायरमेंट का भी सब्जेक्ट शामिल है। पहली बार आरयू में एनवायरमेंट में भी पीएचडी कराई जाएगी।

डिस्टेंस एजूकेशन के लिए बनेगी कमेटी

डिस्टेंस एजूकेशन की वैधता को लेकर यूजीसी ने कई बार नोटिस जारी किया है। अपने दायरे से बाहर यदि कोई यूनिवर्सिटी डिस्टेंस एजूकेशन प्रोवाइड कराती है तो यूजीसी ने उसको अवैध माना है। आरयू ने इस संबंध में एक कमेटी बनाने का डिसिजन लिया है। कमेटी इस बात का परीक्षण करेगी कि किस डिस्टेंस एजूकेशन को अप्रूवल दिया जाए।

साइकोलॉजी के कोर्स को नहीं मिला अप्रूवल

साइकोलॉजी के कोर्स को आरयू ने अप्रूवल नहीं दिया। बीसीबी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट से मोडीफाइड कोर्स का मॉड्यूल भेजा गया था। लेकिन आरयू ने यह कहकर इसे मना कर दिया कि यूजीसी की तरफ कॉमन सिलेबस लागू करने का निर्देश है।

Posted By: Inextlive