शहर भर में मनाया गया नो टोबैको दिवस जगह-जगह हुए कार्यक्रम लोगों को किया अवेयर कहीं पर हुईं संगोष्ठी कहीं नुक्कड़ नाटकों से बताए तंबाकू के नुकसान

फैक्ट एंड फिगर
80 लाख से अधिक के लोगों की विश्व में हर साल मृत्यु
13 लाख भारत में हर साल होने वाली डेथ
3500 मृत्यु देश में हर दिन का आंकड़ा
1987 में पारित हुआ प्रस्ताव दिवस के लिए

बरेली(ब्यूरो)। विश्व भर में हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य तंबाकू के प्रयोग से जुड़े खतरे को उजागर करना है। एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी प्रकार की तंबाकू खाने से लंग्स की क्षमता कम हो जाती है। इसके साथ ही सांस की बीमारियों की गंभीरता भी बढ़ जाती है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर शहर के विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों व एनजीओ द्वारा नुक्कड़ नाटकों के साथ ही अन्य माध्यमों से अवेयर किया गया।

हर वर्ष 80 लाख मृत्यु
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक तंबाकू के सेवन से दुनिया भर में हर साल 80 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है। भारत की बात करें तो 13 लाख लोगों की मृत्यु प्रतिवर्ष तंबाकू से होती हैैं। इसके अलावा एक दिन में 3500 मृत्यु देश में हो जाती हैैं। भारत पूरी दुनिया में तंबाकू खाने के मामले में दूसरे स्थान पर है, प्रथम स्थान पर चाइना व तृतीय स्थान पर इंडोनेशिया है। हर साल तंबाकू निषेध दिवस अलग थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल इसकी थीम तंबाकू, स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए खतरा पर केंद्रित है।

पब्लिक को किया अवेयर
विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर पब्लिक को पंफलेट, पोस्टर, बैनर, नुक्कड़ नाटक व प्रतियोगिता के माध्यम से तंबाकू के सेवन को रोकने व इसके दुष्प्रभाव को लेकर अवेयर किया गया। इसमें स्कूल, एनजीओ व अन्य संगठनों ने बढ़-चढक़र भागीदारी की।

कैसे हुई शुरूआत
1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन में एक प्रस्ताव परित किया गया था, जिसमें सात अप्रैल 1988 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में घोषित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का सेवन न करने के लिए प्रेरित किया जा सके।

रिपोर्ट हिमांशु अग्निहोत्री

Posted By: Inextlive