खाने की ठीक व्यवस्था और न ही पढ़ाई का कोई स्तर, नाराज हुए डीएम
बरेली( ब्यूरो) । सिर्फ नाम का ही माडल स्कूल है। न च्च्चों को खाने खिलाने के बेहतर इंतजाम और न ही शिक्षा का कोई स्तर। मिड डे मील के तहत च्च्चों को मिलने वाले भोजन को रखने के लिए भी कोई उचित व्यवस्था नहीं। खाना रखने की जगह पर कूड़ा कबाड़ा। शहर के बीचोंबीच स्थित माडल जसौली कंपोजिट स्कूल और माडल स्कूल किशोर बाजार में इन अव्यवस्थाओं को देख जिलाधिकारी मानवेंद्र ङ्क्षसह ने नाराजगी जताई।
अव्यवस्थाओं पर हुए गुस्सा
जिलाधिकारी के निरीक्षण पर पहुंचते ही जसौली स्कूल में शिक्षकों के बीच खलबली मच गई। कक्षा मेंच्बच्चों से ङ्क्षहदी की किताब पढ़वाने पर जबच्बच्चे कुछ नहीं बोले तो उन्हें आगे बढऩे की सीख दी और शिक्षकों कोच्बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने को कहा। वहीं शौचालय में फिङ्क्षटग व्यवस्था और साफ-सुथरे न होने पर नाराजगी व्यक्त की। इससे पहले माडल विद्यालय किशोर बाजार में पहुंचने के दौरानच्बच्चे वहां खाना खा रहे थे। पानी जैसी दाल और चावल की गुणवत्ताच्अच्छी न होने पर उन्होंने विभागीय अधिकारियों से बात करने को कहा। पुस्तकालय बंद होने का कारण पूछा तो प्रधानाचार्य अरुनेश सक्सेना ने बताया कि यहां किताबें न होने की वजह से इसे शुरू नहीं कर सके हैं। यहां भी शिक्षा का स्तर बेहतर न होने का कारण पूछने पर प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके साथ सिर्फ दो शिक्षक ही कार्यरत हैं। वहीं स्कूल में कक्षा एक से आठवीं तक कक्षाएं संचालित होती हैं। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी से शिक्षकों को भेजने का भी अनुरोध किया।
कुछ दिन पहले हरीश बाबू शर्मा का नगर क्षेत्र के दूसरे स्कूल में स्थानांतरण कर दिया गया था। इसके बाद 17 दिसंबर को फिर उन्हें जसौली में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर बुला लिया गया। जिलाधिकारी के निरीक्षण के दौरान उन्होंने पदभार संभाला।