सिविल डिफेंस में बैड एलीमेंट की नो इंट्री
- सिविल डिफेंस में इंट्री के लिए पास करना होगा एलआईयू टेस्ट
BAREILLY: सिविल डिफेंस में बैड एलीमेंट यानी गुंडा, किसी भी दल से जुड़ा, दलाल या अन्य की इंट्री नहीं हो सकेगी। सिविल डिफेंस ज्वाइन करने से पहले ऐसे लोगों की एलआईयू से जांच कराई जाएगी। यही नहीं उसे पहले एक सप्ताह की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। आईजी सिविल डिफेंस अमिताभ ठाकुर ने इस संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं। फ्राइडे को उन्होंने सिविल डिफेंस के स्टाफ के साथ मीटिंग की। आईजी के सामने रखीं प्रॉब्लममीटिंग में उन्होंने सबसे पहले वार्डन से उनकी प्रॉब्लम व सुझाव जाने। इसमें बताया गया कि कई गुंडा, नेता व अन्य टाइप के लोग सिविल डिफेंस में भर्ती हो गए हैं। ये लोग थानों में बैठकर दलाली करते हैं। यह भी शिकायत की गई कि सिविल डिफेंस को थानों में सहयोग नहीं मिलता है, जिससे वह अपना काम अच्छे तरीके से नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा कई ने कम मानदेय मिलने और अच्छी वर्दी ना होने, अवार्ड का चयन ठीक से ना होने, अधिकारियों के पास गाड़ी ना होने, चीफ व डिप्टी चीफ वार्डन के पद भी खाली होने की शिकायत की। मीटिंग में उन्होंने सबकी प्रॉब्लम पर संज्ञान लेने की बात की। मीटिंग के बाद आईजी अमिताभ ठाकुर ने सिविल डिफेंस में पिछले दिनों भर्ती हुए मनोज शर्मा, प्रवीन अग्रवाल और रामनिवास शर्मा पर गलत आरोप लगने के चलते हटा हटा दिया। अब सिविल डिफेंस में कोई आसानी से भर्ती नहीं होगा। इसके लिए उसे एलआईयू की जांच से गुजरना होगा। इसके अलावा 7 दिन की ट्रेनिंग भी पहले लेनी होगी, जो लोग पहले से ही भर्ती हैं उनकी भी एलआईयू जांच व ट्रेनिंग कराई जाएगी।
फ्क् की जगह मिलेंगे फ्भ्0 रुपये आईजी ने बताया कि सिविल डिफेंस के लिए क्क् मल्टीपरपज रेस्क्यू व्हीकल्स खरीदे जा रहे हैं। एक वाहन की कीमत 80 लाख रुपये है और एक व्हीकल के अंदर भ्9 इक्विमेंट रेस्क्यू से जुड़े होंगे। इसके अलावा भारत सरकार से मीटिंग के बाद वर्किंग मानदेय फ्क् रुपये से बढ़ाकर फ्भ्0 रुपये किया जाएगा। अभी तक सेंट्रल ट्रेनिंग लखनऊ के बख्सी तालाब में होती थी, लेकिन अब सभी क्7 रीजन में ट्रेनिंग करायी जाया करेगी। सभी थानों में उनके बैठने के लिए स्थान सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा थानों में एरिया के सिविल डिफेंस के स्टाफ का नाम, नंबर व एड्रेस का रजिस्टर तैयार किया जाएगा, जिससे जरूरत पड़ने पर सिविल डिफेंस की हेल्प ली जा सके।होनी चाहिए पुलिस की एकीकृत एसोसिएशन
आईजी अमिताभ ठाकुर का कहना है कि पुलिस की एकीकृत एसोसिएशन होनी ही चाहिए। जब आईपीएस व पीपीएस की एसोसिएशन हो सकती है तो निचले स्टाफ की क्यों नहीं। वह इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। कोर्ट ने सरकार से दो बार शपथ पत्र मांगा लेकिन अभी तक दिया नहीं गया है। उन्होंने आईपीएस व पीपीएस एसोसिएशन को भी गैर मान्यता प्राप्त बताया है।