मानदेय देने के लिए बजट नहीं और नियुक्तियां हुई शुरू
-शिक्षा प्रेरकों की मानदेय न मिलने बढ़ी मुश्किलें
BAREILLY: साक्षर भारत मिशन के तहत स्कूलों में पढ़ा रहे अधिकतर शिक्षा प्रेरकों को मानदेय नहीं मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर नई भर्तियां भी शुरू कर दी गई हैं। बच्चों के भविष्य को संवार रहे शिक्षा प्रेरकों का यही हाल है। जिले के एक हजार से अधिक प्रेरकों को पिछले दो साल मानदेय नहीं मिला है। रद हुई नियुक्तियों पर दोबारा भर्ती साक्षर भारत अभियान के तहत साल ख्0क्क् में शुरू हुई शिक्षा प्रेरकों की नियुक्तियां ग्राम प्रधान के नेतृत्व वाली समिति ने किया था। हालांकि शिक्षा प्रेरकों की नियुक्ति रद कर दी गई। अब खाली पड़े प्रेरकों पदों पर दोबारा नियुक्ति शुरू हुई हैं। कुल 9क् पदों में अभी तक तीन ब्लाकों में ख्क् प्रेरकों को चुना गया है। मझगवां से क्क्, भोजीपुरा से 8 और नबावगंज से ख् नियुक्तियां हुई हैं।दो साल से अटका हुआ मानदेय
जिले की क् हजार 7 ग्राम पंचायतों पर लगभग इतने ही प्रेरक हैं। इनकी नियुक्ति साल ख्0क्क् में साक्षर भारत मिशन के तहत हुई थी। इन शिक्षा प्रेरकों का मानदेय फंसा हुआ है। कई का क्8 तो कई का ख्0 महीने से मानदेय नहीं मिला है। मानदेय न मिलने के कारण कई प्रेरकों ने नौकरी छोड़ चुके हैं। हालांकि विभाग के पास नौकरी छोड़ चुके प्रेरकों की डिटेल भी नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग का कहना है कि इसके लिए शासन से वजट नही मिल है।