बरेली की मलिन बस्तियों के विकास के लिए 12.63 करोड़ के कार्य में खामी

डूडा पर घटिया क्वालिटी का काम कराने की रिपोर्ट, शासन कमेटी गठित की

BAREILLY:

सरकार की ओर से गरीब जनता के हितों के लिए शुरू की गई विकास योजनाओं को सरकारी विभाग ही ठप करने में जुटे हैं। शहरी क्षेत्रों में मलिन व अल्पसंख्यक बस्तियों में विकास कराने व बुनियादी सुविधाएं दिलाने को शुरू शासन की विभिन्न योजनाओं पर भी जांच का ग्रहण लग गया है। इन विकास योजनाओं को पूरा कराने के लिए चुनी गई कार्यदायी एजेंसी जिला नगरीय विकास अभिकरण, डूडा का काम घटिया क्वालिटी का पाया गया है। ऐसे में शासन ने डूडा के इन कार्यो की क्वालिटी जांचने को एक जांच कमेटी गठित कर दी है।

क्ख्.म्फ् करोड़ की योजनाएं घेरे में

शासन के नगरीय रोजगार व गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग के तहत मलिन व अल्पसंख्यक बस्तियों को ये विकास योजनाएं लागू होनी थी। बरेली में भी विभिन्न योजनाओं समेत आसरा विकास योजना, इंटरलॉकिंग रोड, नाली निर्माण व अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए सूडा को क्ख्.म्फ् करोड़ की राशि दी गई। जो तीन वित्तीय वर्षो ख्0क्ख् से ख्0क्भ् तक के लिए आवंटित थी। विकासकार्यो में क्वालिटी खराब पाए जाने की शिकायत पर शासन ने इसे सरकारी धन का दुरुपयोग माना है।

क्भ् दिन में सौंपे जांच रिपेार्ट

नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम अनुभाग की ओर से 7 अक्टूबर को इस संबध में लेटर नगर निगम भेजा गया। क्म् अक्टूबर को नगर आयुक्त को यह लेटर रिसीव हुआ है। लेटर में शासन की ओर से इस फर्जीवाड़े की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। जिसे क्भ् दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जांच कमेटी के अध्यक्ष नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव हैं। वहीं डीएम बरेली की ओर से नामित एसडीएम और सी एंड डीएस व यूपी जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर और एई बतौर सदस्य कमेटी का हिस्सा रहेंगे।

Posted By: Inextlive