निगम ने माना विभाग में हैं 'दागी'
-सफाई और टैक्स से जुड़े कई मामलों में गड़बड़ी और घूस के खुलासे
-चिन्हित दागियों पर 16 मई के बाद होंगे मुकदमे, शासन को गई रिपोर्ट BAREILLY: करप्शन के आरोपों से घिरे नगर निगम ने आखिरकार मान लिया है कि उसके विभागों में दागियों की फौज है। नगर निगम ने पब्लिक से मिली लगातार कंप्लेन पर कई मामलों की जांच के बाद यह पाया कि उसके विभाग में करप्शन और घूसखोरी की जड़े जमी हैं। निगम की ओर से इस पर एक जांच रिपोर्ट तैयार कराई गई है, जिसमें चिन्हित किए गए दागियों के खिलाफ कार्रवाई होनी है। क्म् मई को लोकसभा इलेक्शन के रिजल्ट डिक्लेयर होने के बाद निगम इन दागियों के खिलाफ सीधे एफआईआर कराने की तैयारी में है। फिलहाल निगम की ओर से इन दागियों की चार्जशीट तैयार की जा रही है। वहीं मामले की पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।सफाई और टैक्स के घोटाले
निगम के सफाई और टैक्स से जुड़े मामलों में ही सबसे ज्यादा गड़बडि़यों और घपलों के मामले उजागर हुए हैं। इन मामलों में सफाई व्यवस्था बनाए रखने और बढ़े हुए टैक्स निस्तारण से जुड़े घपले ज्यादा रहे। निगम में वार्डो की सफाई और टैक्स में गड़बड़ी दूर करने को लेकर घूस मांगने की कई बार शिकायतें आई। मेयर से लेकर नगर आयुक्त तक इन कंप्लेन की भरमार रही। मेयर हाउस में भी टैक्स निस्तारण को लेकर सुनवाई न होने की शिकायतों का अंबार लगा रहा।
तीन अफसरों पर गिरेगी गाज नगर निगम की ओर से तैयार की गई दागियों की लिस्ट में फ् अफसरों के नाम भी शामिल है। शासन को भेजी रिपोर्ट में कुल भ् लोगों पर कार्रवाई किए जाने का जिक्र है। जांच रिपोर्ट में टैक्स विभाग के एक टैक्स सुपरिटेंडेंट पर घूस मांगने का भी मामला है। करीब तीन महीने पहले एक रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी से इस टैक्स सुपरिटेंडेंट ने टैक्स निस्तारण के लिए तीन लाख रुपए घूस में मांगे थे। जिसकी कंप्लेन नगर आयुक्त से की गई थी। सफाई व्यवस्था और टैक्स निस्तारण से जुड़े कई मामलों में गड़बडि़यों की जांच की गई। जांच में कई पर गंभीर आरोप सही पाए गए। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। क्म् मई के बाद चिन्हित दोषियों पर मुकदमा कराया जाएगा। - उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त