-सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की स्टेट व सेंट्रल टीम ने किया प्लांट का दौरा

-लोकल रेजीडेंट्स व इंवर्टिस स्टूडेंट्स ने अधिकारियों से सुनाई अपनी समस्या

-सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी रिपोर्ट, प्लांट की एनओसी में अड़चनों का आशंका

BAREILLY: विवादों और सुर्खियों का केंद्र बने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की मुश्किलों का दौर अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे प्लांट के विवाद की आंच एक बार फिर नगर निगम के लिए परेशानी का सबब बन रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सैटरडे को दिल्ली व लखनऊ से सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीमों ने प्लांट का इंस्पेक्शन किया। करीब तीन घंटे तक चले इंस्पेक्शन में दोनों टीमों ने प्लांट का हाल देखने के साथ इसकी वर्किंग की नब्ज भी परखी। इंस्पेक्शन में प्लांट में कई खामियां सामने आई। इससे पहले मानवाधिकार आयोग और कोर्ट कमिश्नर की ओर से भी प्लांट रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जा चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट को जाएगी रिपोर्ट

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, दिल्ली के साइंटिस्ट डॉ। एबी अकोलकर की अगुवाई में ब् मेंबर्स की टीम ने सैटरडे मॉर्निग क्क्.फ्0 बजे प्लांट का दौरा किया। टीम ने प्लांट में कूड़ा निस्तारण से लेकर कंपोस्ट-फ्यूल बनाने के हर सेक्शन की बारीकी से मुआयना किया। टीम ने वेस्ट कूड़े के लिए बने लैंड फिलिंग ग्राउंड को भी देखा। वहीं दोपहर करीब क् बजे लखनऊ से आई सीपीसीबी टीम ने भी इंचार्ज पीके मिश्र की अगुवाई में इंस्पक्शन कर रिपोर्ट तैयार की। दोनों टीमों द्वारा प्लांट की मौजूदा हालात पर रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा।

जवाब न दे पाए जिम्मेदार

सीपीसीबी दिल्ली से आई टीम के प्लांट पर पहुंचते ही जल निगम, नगर निगम और कार्यदायी एजेंसी एकेसी डेवलेपर्स के अधिकारी मौके पर जुट गए। टीम ने जिम्मेदारों से प्लांट में निस्तारण किए जाने वाले कूड़े की टोटल क्वांटिटी, कूड़े से बनने वाले कंपोस्ट व फ्यूल के प्रोडक्शन और कूड़े की प्रोसेसिंग पर सवाल किए। जिन पर जिम्मेदार संतोषजनक जवाब नहीं दे सकें। वहीं कूड़े को दोबारा सेग्रीकेशन किए जाने की वजह पूछी तो जिम्मेदार जवाब देने में लड़खड़ा गए। प्लांट में हर दिन आने वाले कूड़े और फ्यूल-कंपोस्ट की बिक्री पर भी पूछे गए सवालों पर अधिकारियों में सन्नाटा पसर गया।

स्टूडेंट्स और रेजीडेंट्स ने गिनाई प्रॉब्लम्स

प्लांट पर दिल्ली की सीपीसीबी टीम के पहुंचने की खबर मिलते ही लोकल रेजीडेंट्स व इंवर्टिस यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स भी मौके पर पहुंच गए। प्लांट के मेन गेट पर डॉ। अकोलकर को स्टूडेंट्स और लोकल रेजीडेंट्स ने घेर लिया। स्टूडेंट्स ने प्लांट में गंदगी की वजह से हॉस्टल में बीमारियां फैलने की बात कही। साथ ही प्लांट में कूड़े को ठीक से प्रोसेस न किए जाने की कंप्लेन की। वहीं लोगों ने बताया कि प्लांट में कूड़े को दबाए जाने से आस पास पीने का पानी गंदा हो चुका है। सभी ने प्लांट में एनवॉयरमेंट रूल्स को फॉलो न किए जाने के भी अारोप लगाए।

तो एनओसी में होगी अड़चन

सीपीसीबी टीम ने प्लांट की हालत पर बेहद नाखुशी जाहिर की। टीम ने अपनी रिपोर्ट के बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। इसके अलावा रीजनल एनवॉयरमेंट ऑफिसर ने भी अपनी रिपोर्ट दोनों टीमों को सौंपी, जो प्लांट के फेवर में नहीं थी। ऐसे में खराब रिपोर्ट पर पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से प्लांट को अगली एनओसी जारी करने पर रोक लगने की आशंकाएं गहरा गई हैं। ऐसा होने पर प्लांट में फिर से टेंपरेरी ताला पड़ने की अटकलें भी तेज हो गई हैं।

प्लांट का पूरा मुआयना किया गया है। कई जगह खामियां देखने को मिली हैं। जिन्हे सुधारने की जरूरत है। प्लांट पब्लिक हित में लगाया गया है। यहां हर काम नियम और एनवॉयरमेंट को ध्यान में रखकर ही करना होगा। नियमों से समझौता नहीं किया जाएगा। - डॉ। एबी अकोलकर, साइंटिस्ट, सीपीसीबी

प्लांट का इंस्पेक्शन करने दिल्ली और लखनऊ से टीमें आई थी। जलनिगम और निगम के अधिकारियों को टीम के साथ लगाया गया था। प्लांट जनहित के लिए ही लगाया गया है। इंस्पेक्शन में अगर कहीं कोई खामी मिलती है तो उसे दूर किया जाएगा। - उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive