निगम में अधिकारी नहीं दलाल लगा रहा ड्यूटी
-- मेयर हाउस से अटैच्ड 15 सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई पार्को में
-- शाहजहांपुर व पीलीभीत के हैं कई कर्मचारी, बिना ड्यूटी घर बैठे पा रहे सेलरी -- सैलरी से 5 हजार हर महीने दलाल को देकर बैकलॉग से पाई पक्की नौकरीBAREILLY: नगर निगम में मची अंधेरगर्दी दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। घोटालों की वजह से अपनी किरकिरी करा रहे निगम में फ्राइडे को एक और बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। निगम में मेयर हाउस से अटैच किए गए क्भ् सफाई कर्मचारी बिना ड्यूटी किए हर महीने मोटी सैलरी उठा रहे हैं। वहीं इन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का काम निगम का कोई अधिकारी नहीं बल्कि एक दलाल कर रहा है। इसके बदले में वह कर्मचारियों से भ्000 रुपए पर मंथ वसूलते हैं। इस खुलासे से निगम के आला अधिकारियों के होश उड़े हैं। इस मामले पर नगर आयुक्त ने फ्राइडे को कर्मचारियों से पूछताछ की। साथ ही पूरे फर्जीवाड़े की जांच उपनगर आयुक्त को साैंप दी है।
पार्षदों ने की थ्ाी कंप्लेनमेयर हाउस से अटैच क्भ् सफाई कर्मचारियों के गैंग की कंप्लेन पार्षदों और कुछ लोकल्स ने नगर आयुक्त से की थी। लगातार कंप्लेन पर नगर आयुक्त ने फ्राइडे को इन सभी कर्मचारियों से पूछताछ की। पूछताछ में घबराए कर्मचारियों ने कई खुलासे किए। इन कर्मचारियों ने खुद को वाटर टैंक और पार्क की ड्यूटी में लगाए जाने की बात कही। कर्मचारियों के जवाब रटे रटाए रहे और क्रॉस क्वेश्चनिंग किए जाने पर वह किसी सवाल का सही जवाब नहीं दे पा रहे थे। सफाई कर्मचारी होने के बावजूद सफाई के बजाए पार्क में ड्यूटी के नाम पर सैलरी उड़ा रहे कर्मचारियों को नगर आयुक्त ने फटकारा।
शाहजहांपुर से हो रही नौकरी फर्जीवाड़े की जांच पड़ताल के दौरान मालूम हुआ कि साल ख्008 में क्भ् सफाई कर्मचारियों को मेयर हाउस से अटैच किया गया था। बैकलॉग कोटे के तहत इन कर्मचारियों को क्म् हजार रुपए पर मंथ की सैलरी पर निगम में स्थाई नौकरी मिली थी, जबकि संविदा पर लगे कर्मचारियों को महज ब्000 रुपए सैलरी ही मिलती है। इन कर्मचारियों में से ज्यादातर शाहजहांपुर व पीलीभीत से है। जो कभी कभार ही ड्यूटी करने निगम आते हैं। नगर आयुक्त ने कर्मचारियों से जब एमएसटी मांगी तो कोई भी ट्रेन का टिकट या एमएसटी नहीं दिखा सका और न ही बरेली में अपने निवास की सही जानकारी दे सकें। मेयर हाउस से जुड़ा था दलालपार्को में सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के नाम पर हर महीने फर्जीवाड़ा करने वाला आरोपी पहले मेयर हाउस में संविदा पर काम करता था। नगर आयुक्त की पूछताछ में स्टाफ ने यह जानकारी दी। पूछताछ में मालूम हुआ कि प्रेम श्ाकर गंगवार नाम का यह शख्स सफाई इंस्पेक्टर राकेश गंगवार की जगह इंचार्ज के तौर पर इन कर्मचारियों का मुखिया बना हुआ था। स्टाफ ने नगर आयुक्त को बताया कि कर्मचारियों की पार्को में फर्जी ड्यूटी दिखाने के नाम पर दलाल उनसे हर महीने भ्000 रुपए वसूली करता है। स्टाफ ने बताया कि इस तरह हर महीने 7भ् हजार रुपए की वसूली का एक बड़ा हिस्सा मेयर हाउस में कुछ लोगों की जेब में जाता है।
पुराने अधिकारियों से इंक्वायरीनिगम में चल रहे इतने बड़े घोटाले की जड़े तलाशने के लिए नगर आयुक्त ने पुराने अधिकारियों को भी नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। ख्008 में निगम में उपनगर आयुक्त रहे डीके सिन्हा एटप्रेजेंट गाजियाबाद नगर निगम में अपरनगर आयुक्त हैं। निगम की ओर से इन्हें नोटिस भेजकर इस मामले में अपना जवाब देने को कहा गया है। वहीं फर्जीवाड़े में आरोपी कर्मचारी राम बाबु, पुत्तुलाल, गिरीश चंद, अशोक कुमार, मदनलाल, सर्वेश कुमार, रमेश, मेंहदी हसन, भजनलाल, राम प्रकाश, प्रमोद, जसवीर, अब्दुल वसीम और मों। अजीम के खिलाफ जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
-- जो निगम में ही नही है, वह कर्मचारियों की ड्यूटी लगा रहा है। इस मामले की फाइलें निकाली जा रही है। किस अधिकारी के आदेश पर इन कर्मचारियों की ड्यूटी लगी इसका पता लगाया जा रहा है। उपनगर आयुक्त को मामले की जांच सौंपी गई है। - उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त मेयर हाउस में नगर आयुक्त की ओर से गैंग लागया था। इसका मेयर हाउस से कोई मतलब नहीं। आरोपी दलाल मेयर हाउस में काम नहीं करता। इस मामले की जांच हो और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर