..तो तीन महीने में पटरी पर आएगा निगम
मेयर का दावा तीन महीने में जमीन पर दिखेंगे विकास कार्य
नए नगर आयुक्त के सामने कई खामियों से निपटने की चुनौतियां आज नहीं संभालेंगे कार्यभार नगर आयुक्त, फ्राइडे बाद होगी बोर्ड बैठकBAREILLY: पिछले साल भर से विवादों, घोटालों, हंगामों और आरोपों से अपनी नई पहचान बनाने वाला नगर निगम अपने दिन बहुरने की उम्मीद लगाए बैठा है। एक साल में घोटालों के रिकॉर्ड बनाने वाले निगम में धुरंधरों की आपसी तनातनी के चलते शहर भर में जो किरकिरी हुई उसे संवारने की कवायद की जा रही है। नए नगर आयुक्त के आने भर की खबर से निगम के काम काज में सुधार लाने के जुबानी दावे भी तेज हो गए हैं। मेयर डॉ। आईएस तोमर ने दावा किया है कि शहर में निगम के विकास कार्य अगले तीन महीनों में जमीन पर दिखाई देंगे। मेयर ने निगम की व्यवस्था में सुधार और बदलाव आने की बात कही है, लेकिन नए नगर आयुक्त शीलधर यादव के लिए यह राह जरा भी आसान नहीं दिखती। नगर आयुक्त के सामने निगम में जड़े जमा चुकी खामियों से निपटने की कई चुनौतियां हैं।
नए सिरे से होंगी जांचेनगर निगम में घोटालों और अनियमितताओं के गंभीर आरोपों पर शुरू की गई तमाम जांचे मजाक बन कर रह गईं हैं। डीजल घोटाले से लेकर निगम की करोड़ों की संपत्ति में कब्जे तक के मामलों में पुराने अधिकारियों ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ जुबान चलाई। जबकि मामलों की जांच धूल फांकती फाइलों में ही सिमट कर रह गई। मेयर ने निगम में कमान संभालने आ रहे नए नगर आयुक्त के साथ लंबे समय से लटकी सभी जांचों को नए सिरे से शुरू कराने और दोषियों पर कार्रवाई करने दावे ि1कए हैं।
सिरदर्द न बन जाए घोटाले नए नगर आयुक्त के लिए निगम के पुराने घोटाले फांस साबित होंगे। निगम में बीते म् महीने में ही घोटालों की जो बाढ़ आई, उसने जिम्मेदारों की नीयत और वर्किंग पर कई सवाल उठाए। निगम में हर महीने हो रहे लाखों के डीजल घोटाले की बात हो या फिर फर्जी एफिडेविट पर नौकरी पाने, नंदौसी में निगम की जमीन में अवैध कब्जे से जुड़ी फाइल का गुम होना हो या फिर करोड़ों की संपत्ति पर नुकसान और कब्जा नगर आयुक्त के लिए इन मामलों से निपटना टेढ़ी खीर साबित होगा। निर्माण कार्यो की धांधलीनिर्माण कार्यो में धांधली ने निगम की साख पर बड़ा बट्टा लगाया। सीसी टाइल्स में हुई धांधली और घटिया क्वालिटी ने ख्0 साल की उम्र मानी जाने वाली सड़कों का ख् साल में ही दम निकाल दिया। निगम के अधिकारियों की नाक के नीचे हुए इतने बड़े घोटाले में भी कार्रवाई ठेकेदारों के पेमेंट रोकने तक ही सीमित रही। जबकि जिम्मेदार अधिकारी जांच व कार्रवाई से साफ बचे रहे। शहर में नई सीसी टाइल्स के निर्माण में इन धांधलियों पर नकेल कसना और क्वालिटी परख काम कराना भी बड़ी चुनौती होगी।
कैसे बढ़े टैक्स का दायरा निगम के आंकड़ों में करीब 88 हजार टैक्सपेई हैं, जो अपना टैक्स चुकाने के लिए जिम्मेदार हैं। जबकि निगम सीमा के तहत आने वालों की तादाद करीब ढाई लाख है। पिछले कई सालों से निगम सीमा में कई नए अपार्टमेंट्स, कालोनी और बिल्डिंग बनी जिन पर टैक्स लागू होना चाहिए। लेकिन निगम के पुराने अधिकारी टैक्स का दायरा बढ़ाने में नाकाम रहे। वहीं टैक्स में खामियों के निस्तारण से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण करने में भी जिम्मेदार फिसड्डी रहे। नगर आयुक्त से निगम का रेवेन्यू बढ़ाने और टैक्स में जरूरी सुधार लाने की बड़ी उम्मीद है। फ्राइडे बाद ही होगी बाेर्ड बैठकनए नगर आयुक्त के निगम में एक दो दिन बाद ही कार्यभार संभालने की उम्मीद है। निगम के अधिकारियों की माने तो नए नगर आयुक्त कुछ दिन रुककर ही कार्यभार संभाल सकते हैं। वहीं सोर्सेज का भी कहना है कि बदायूं में सीएम का दौरा होने वाला है। सीएम का दौरा पूरा होने तक शीलधर यादव बतौर नगर आयुक्त चार्ज संभालने से दूर रहेंगे। ऐसे में मेयर का कहना है कि 7 जून को न हो पाने वाली बोर्ड बैठक इस हफ्ते फ्राइडे के बाद ही हो सकेगी। नगर आयुक्त के चार्ज संभालने और उनसे एजेंडे पर बातचीत के बाद ही बोर्ड बैठक हो सकेगी।
-नए नगर आयुक्त के चार्ज संभालने के बाद निगम की वर्किंग में तेजी आएगी। उनके साथ मिलकर विकास कार्यो को रफ्तार दी जाएगी। जनता अगले तीन महीने में ही रिजल्ट देखेगी। निगम के घोटालों पर लटकी तमाम जांच पूरी कराई जाएगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर