असेंबली में गूंजेगा 'नागरिकता का खेल'
कमिश्नर और DM को लिखूंगाये अपराध नहीं, देशद्रोह का गंभीर मामला है। वोटर आईडी कार्ड देश का सबसे विश्वसनीय पहचान पत्र होता है। इसमें फर्जीवाड़ा देश की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाने के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में गलत तरीके से वोटिंग की आशंका को भी प्रकट करता है। प्रकरण में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मैं जरूर लिखूंगा। वहीं एडमिनिस्ट्रेशन से कहां चूक हो रही है, इस पर भी जांच होगी। ये भी पता लगाया जाना चाहिए कि इस तरह के कितने कार्ड मार्केट में आ चुके हैं। ये जाहिर है कि घुसपैठ से दाखिल हुए लोगों के लिए ये कार्ड नागरिकता हासिल करने के मुफीद रास्ते हैं। इनका इस्तेमाल इलेक्शन के समय फर्जी वोटिंग में किया जाता है। मैं कमिश्नर, डीएम को इस बाबत सख्त कार्रवाई के लिए लिखूंगा।
चुनाव आयोग तक पहुंचाउंगा मामला
बरेली में अभी तक मेरे हिसाब से 9 टेरेरिस्ट पकड़े जा चुके हैं। अक्षरधाम मंदिर पर हमले के आरोपी चांद मियां को पुलिस ने बरेली से ही अरेस्ट किया था। बरेली से ही पुलिस को कुछ लोगों के पास से जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई थीं। जब मैं मिनिस्टर था तो मुझे जानकारी दी गई थी कि शहर में लगभग 28 हजार बांग्लादेशी बसे हुए हैं। जो भीड़ में कहीं गुम हो गए। आई नेक्स्ट ने जो मुद्दा पब्लिश किया, वो गंभीर है। जो भी इस धंधे से जुड़े हैं, उनको शहर से प्यार नहीं है। सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि जब पूरी खबर सबूत के साथ पब्लिश हो चुकी है तो एडमिनिस्ट्रेशन चुप क्यों बैठा है? मैं इस पूरे मुद्दे को विधान सभा सत्र के दौरान सरकार के सामने उठाउंगा। इसके अलावा मुख्य चुनाव आयोग नई दिल्ली और राज्य चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा को भी कार्रवाई के लिए लेटर लिखूंगा।
सीमावर्ती एरिया में बरेली का नाम शुमार होता है। संवेदनशील सिटी में ऐसा मामला सामने आना चिंताजनक है। किसी बाहरी व्यक्ति का शहर में वोटर आईडी कार्ड बन जाना पूरे सिस्टम पर ही सवाल उठा रहा है। मैं इस मामले पर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई प्रस्तावित करता हूं। एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े लोग पहले इस प्रकरण की गंभीरता से जांच करें। दोषियों के सामने आने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही ये भी एडमिनिस्ट्रेशन को पता करना चाहिए कि क्या इस मामले में अंदर के कुछ लोगों की मिलीभगत तो नहीं है। लोकसभा चुनाव समीप हैं, इसलिए भी इस मामले की गंभीरता बढ़ जाती है।