'कमीशन' के खेल में पतली हो गईं टाइल्स
बिना टेंडर के बिछ रही टाइल्सनिगम कम्पाउंड में टाइल्स बिछाने का ठेका बिना टेंडर निकाले ही दे दिया गया। नगर आयुक्त के कमरे के बाहर टाइल्स बिछाने का काम निकाय चुनाव के बाद शुरू हुआ था। नियम के अनुसार, एक लाख रुपए से ऊपर का निर्माण कार्य या खरीद-फरोख्त बिना टेंडर के नहीं हो सकता। इसके बावजूद टाइल्स बिछाने का काम बिना टेंडर ही केटी फर्म के ठेकेदार राजीव गुप्ता को सौंप दिया गया। निगम परिसर में हो रहे इस निर्माण कार्य की लागत 4 लाख रुपये के आसपास आंकी जा रही है। इस बारे में ठेकेदार राजीव गुप्ता का कहना है कि विभागीय काम होने के कारण ही बिना टेंडर के काम हो रहा है। जब उन्हे टेंडर प्रक्रिया का हवाला दिया गया तो उन्होंने पिछली सरकार में बिना टेंडर के हुए कामों का भी हवाला दिया।करप्शन ने गिराई क्वालिटी
यूज होने वाली टाइल्स, मैटेरियल सहित कई स्तरों पर घालमेल किया जा रहा है। जो टाइल्स परिसर में यूज की जा रही हैं वह मानक के अनुरूप नहीं हैं। असल में टाइल्स को उसकी मोटाई के आधार पर दो कैटेगरी में बांटा जाता है। एक 80 एमएम और दूसरी 100 एमएम। निगम में 400 स्क्वायर मीटर में काम चल रहा है। जिसमें 80 एमएम की टाइल्स यूज होनी चाहिए थी। लेकिन निर्माण में यूज होने वाली टाइल्स की मोटाई 70 एमएम ही है। मानकों से किया खिलवाड़टाइल्स लगाने से पहले ठेकेदार को 3 इंच मोटी सूखी गिट्टी की लेयर बिछानी होती है। जिसे पानी से तराई करके बराबर किया जाता है। इसके बाद बालू की लगभग 2 इंच मोटी लेयर बिछाई जाती है। निर्माण विभाग के सोर्सेज के मुताबिक, इन मानकों का भी ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है।गोलमाल की होगी जांचऐसा मामला अभी मेरे संज्ञान में नहीं है। ये सही है कि बिना टेंडर प्रक्रिया के कोई भी निर्माण कार्य नहीं करवाया जा सकता। हम निर्माण कार्य की जांच करवाएंगे। अगर यूज किए गए मैटेरियल में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर ये विभागीय काम था, इसलिए टेंडर नहीं निकाला गया। निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली सभी टाइल्स एक बराबर नहीं होती हैं, हो सकता है जिन टाइल्स को चेक किया गया हो वह मानक पर न खरी उतरी हों। मगर हमने निर्माण में सामग्री में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा है। - राजीव गुप्ता, ठेकेदार
ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो इसकी प्रॉपर जांच करवाई जाएगी। बिना टेंडर प्रक्रिया के ये कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकते है। - विनोद कुमार गुप्ता, प्रभारी नगर आयुक्त