स्वास्थ्य विभाग ने वेडनसडे को भी एक दर्जन इलाकों से पानी के सैंपल जांचे, सभी क्लोरीन निगेटिव

स्वास्थ्य विभाग जलकल को देगा नोटिस, तीसरी एजेंसी से कराई जाएगी पानी की बायोलोजिकल जांच

BAREILLY: शहर को साफ और पीने लायक पानी मुहैया होने की जांच में नगर निगम के ही दो विभाग एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं। एक तरफ निगम का स्वास्थ्य विभाग है, जो ट्यूजडे को भी जनता को सप्लाई किए जा रहे पानी में क्लोरीन न होने की एक के बाद लगातार पुष्टि किए जा रहा हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से पानी के नमूनों को फेल किए जाने से बौखलाया जलकल विभाग भी पानी के ओटी टेस्ट करने लगा। जलकल ने ट्यूजडे को उन इलाकों में पानी के नमूनों की जांच कराई, जहां एक दिन पहले मंडे को स्वास्थ्य विभाग ने जांच कर पानी के नमूनों को फेल करार दिया था। हैरत की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट को नकारते हुए जलकल विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट में पानी में क्लोरीन होने की पुष्टि की है।

जलकल को भेजेगा नोटिस

स्वास्थ्य विभाग की ओर से ट्यूजडे को भी शहर के करीब एक दर्जन इलाकों से पानी के सैंपल में क्लोरीन की जांच कराई गई। फाल्तूनगंज, चाहबाई, हेमू कल्याणी पार्क, सुर्खा बानखाना, गढ़ी चौकी, किला सब्जी मंडी, बाकरगंज पार्षद के घर के पास, हुसैन बाग और साहूकारा समेत अन्य एरियाज से सरकारी नल से पानी के नमूने लिए गए। ओटी जांच में सभी नमूने निगेटिव पाए गए। जिनमें जरूरी क्लोरीन नहीं मिला। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। एसपीएस सिंधु ने बताया कि विभाग जल्द ही जलकल को इस बारे में नोटिस जारी करेगा। साथ ही पानी की बायोलोजिकल जांच के लिए पानी के नमूनों की जांच बीएचआई लखनऊ से कराइर्1 जाएगी।

जलकल ने कराई जांच की फाेटोग्राफी

ट्यूजडे को जलकल विभाग ने भी जांच का जवाबी मोर्चा खोलते हुए बड़ी बमनपुरी, बड़ा डाकखाना, बालजती औरकटराचांद खां समेत कई इलाकों में पानी का ओटी टेस्ट कराया। सबूत के तौर पर जांच की बकायदा फोटोग्राफी कराई गई। सभी नमूनों की ओटी जांच में टीम ने क्लोरीन होने की पुष्टि की। जलकल में भी जिम्मेदारी निभा रहे पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि नलकूपों में क्लोरीन मिलाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारी से एक छोटे ट्रैक्टर ट्राली की मांग की गई।

इंसीनरेटर मामले में भी तनातनी

शहर में लीज खत्म होने के बावजूद बायो मेडिकल वेस्ट डिस्पोज कर रहे एक इंसीनरेटर पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी व पर्यावरण अभियंता के बीच तनातनी शुरू हो गई है। बेनीपुर चौधरी में एसएनजी नाम की एजेंसी के इंसीनरेटर पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक रिट दायर की गई है। जिसमें एनजीटी ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को 21 जुलाई को होने वाली सुनवाई में पेश होने को कहा है। इस पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने लेटर पर्यावरण को मार्क कर दिया। इससे नाराज पर्यावरण अभियंता ने कहा कि प्लांट से जुड़े 5 करोड़ के खर्च का जिम्मा खुद उठाएंगे और इंरीनरेटर की जवाबदेही हमें थमाएंगे। पर्यावरण अभियंता ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में ही मामला होना बताकर लेटर वापस मार्क कर दिया।

Posted By: Inextlive