डेडलाइन बीत जाएगी, सड़क न बन पाएगी
-15 दिसंबर तक 90 अधूरी सीसी टाइल्स सड़कों को पूरा करना हुआ मुश्किल
-बरेली में नहीं मिल रही जरूरी टाइल्स, गीली टाइल्स सुखाने में लग रहा समय -उत्तराखंड दिल्ली से टाइल्स लेने पर ठेकेदारों को हो रहा कमीशन में नुकसानBAREILLY: शहर की अधूरी पड़ी सीसी टाइल्स सड़कों को क्भ् दिसंबर तक पूरा कराने की नगर निगम की कवायद एक बार फिर अधर में पड़ती नजर आ रही है। नगर निगम के ठेकेदारों ने सूखी और फ्00 स्ट्रेंथ वाली मजबूत टाइल्स की सप्लाई न होने पर अभी से हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। तय समय तक मानकों पर खरी टाइल्स का इंतजाम न हो पाने से ठेकेदारों के लिए दी गई मियाद पर काम पूरा करना नामुमकिन सा हो गया है। वहीं जांच के फेर में अब तक फंसे कई ठेकेदार बिना बकाया भुगतान मिले काम शुरू न कर पाने की मजबूरी बता रहे हैं। ऐसे में पिछले म् महीने से शहर के विकास में रोड़ा बनी सीसी टाइल्स सड़कों को पूरा कराना फिर से सपना साबित होने जा रहा है।
90 सड़कों पर फिर मुसीबतशहर में करीब क्ब् करोड़ की लागत से 90 सीसी टाइल्स का काम कराया जाना है। शुरुआती निर्माण कार्यो में ही खराब क्वालिटी मिलने पर शासन ने सीसी टाइल्स से बनी सड़कों पर जांच बिठा दी। जिसके बाद से बरेली के वार्डो में भी सीसी टाइल्स से बनने वाली सड़कों पर ग्रहण लग गया। ख्8 अक्टूबर को रिवाइज्ड बजट की कार्यकारिणी बैठक में मेयर ने अधिकारियों व ठेकेदारों को क्भ् दिसंबर तक इन 90 सड़कों को पूरा करने की आखिरी डेडलाइन दी थी। लेकिन टाइल्स की सप्लाई में हो रही दिक्क्तों से ठेकेदारों के लिए करोड़ों की लागत वाली इन सड़कों को पूरा करने में परेशानी आ रही है।
सूखी टाइल्स की किल्लत शहर में अधूरी सीसी टाइल्स सड़कों को पूरा कराने के लिए ठेकेदारों को सूखी व मजबूत टाइल्स ही नहीं मिल पा रही है। ठेकेदारों के एक बड़े गुट ने बताया कि बरेली में फ्00 स्ट्रेंथ वाली सूखी टाइल्स की सप्लाई ही नहीं हो पा रही है। वहीं प्लांट से निकली जो गीली टाइल्स हैं, वो भी डिमांड के मुताबिक कम हैं और सूखने में खासा समय ले रही हैं। गीली टाइल्स लगाने का खतरा ठेकेदार नहीं ले रहे, क्योंकि ऐसा करने पर निगम की ओर से उन्हें ब्लैकलिस्ट किए जाने की चेतावनी मिली है। पहले ही बताई थी मुश्किलनगर निगम बनाम ठेकेदारों के विवाद में मेयर डॉ। आईएस तोमर ने बीच का रास्ता निकाला। मेयर ने ठेकेदारों की टाइल्स जांच में पास होते ही उन्हें भुगतान करने का भरोसा दिया। साथ ही ठेकेदारों को खुद से टाइल्स का इंतजाम करने और गीली टाइल्स का यूज करने पर ब्लैकलिस्ट की चेतावनी भी दी। उस समय ही कई ठेकेदारों ने बरेली में सूखी टाइल्स न मिल पाने की मजबूरी बताई और निगम को ही क्वालिटी टाइल्स का इंतजाम करने को कहा। जिसे निर्माण विभाग के आला अफसरान ने ठुकरा दिया। फ्राइडे को ठेकेदारों ने मेयर से बरेली में निगम के मानकों पर खरी टाइल्स का स्टॉक न होने की परेशानी फिर बताई।
कमीशन पर हो रहा घाटाबरेली से टाइल्स की सप्लाई न होने पर कुछ ठेकेदारों ने उत्तराखंड व दिल्ली की फर्मो से सीसी टाइल्स की सप्लाई के लिए बात की। ठेकेदारों ने बताया कि निगम से मिले टेंडर के मुताबिक उन्हें बरेली से एक टाइल की खरीद करीब क्ख् से क्ब् रुपए पड़ती। लेकिन बरेली में स्टॉक न होने से उत्तराखंड व दिल्ली से सप्लाई लेने पर ठेकेदारों को प्रति टाइल क्7 रुपए तक देने पड़ रहे। ऐसे में प्रति स्कॉवयर मीटर टाइल्स की सड़क बनाने पर ठेकेदारों को करीब भ्0 रुपए एक्स्ट्रा देने पड़ रहे। जिसके चलते उन्हें मुनाफे में मिलने वाला अच्छा खासा कमीशन नहीं मिल रहा। इस परेशानी के चलते भी कई ठेकेदारों ने फिलहाल काम शुरू करने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
नालों के निर्माण्ा में उतरे बरेली में फ्00 स्ट्रेंथ वाली टाइल्स की सप्लाई न मिलना, गीली टाइल्स के इस्तेमाल से कार्रवाई का डर और बाहर से टाइल्स मंगाने पर मुनाफे पर चोट इन तीनों ही वजहों से कई ठेकेदार सीसी टाइल्स के बजाए नाला निर्माण के ठेके में उतर गए हैं। निगम में लोकसभा चुनाव के समय आचार संहिता लगने पर पुराने टेंडर निरस्त कर दिए गए थे। चुनाव के बाद इन टेंडरों को दोबारा शुारू करने के बजाए नाला निर्माण से जुड़े नए टेंडर खोल दिए गए थे। जिनमें सीसी टाइल्स सड़कों के निर्माण से जुड़े कई ठेकेदारों ने हिस्सा लिया और टेंडर हासिल किए। सीसी टाइल्स सड़कों पर रुके भुगतान के चलते कई ठेकेदार नाला निर्माण के जरिए ही अपनी धंधा चला रहे।ठेकेदारों ने शहर में मानकों के अनुरूप सीसी टाइल्स की सप्लाई न मिल पाने में दिक्कतें बताई है। टाइल्स की सप्लाई पर बात चल रही है। जल्द ही रास्ता निकाला जाएगा। शहर की अधूरी सड़कों को समय पर ही पूरा कराने की कोशिश हैं। क्वालिटी से समझौता नहीं किया जाएगा। - डॉ। आईस तोमर, मेयर