निगम को लग रहे करोड़ों की चपत
निगम की सरायों पर आवंटियों का एनक्रोचमेंट, कई अवैध कोठरियों का निर्माण
निगम ने की 2.49 लाख की वसूली, 31 मार्च के बाद 18 परसेंट ब्याज पर होगी वसूलीBAREILLY: करोड़ों की संपत्ति को कौडि़यों के भाव बर्बाद करने का हुनर कोई नगर निगम से सीखें। रेवेन्यू बढ़ाने में नकारा और बजट के लिए हर बार शासन का मुंह ताकने वाला निगम अपनी संपत्तियों से वाजिब इनकम वसूलने में भी फिसड्डी बना है। जंक्शन पर बनी निगम की सरायों में सालों से काबिज लोगों ने बेहद मामूली किराया भी अदा ना कर लाखों का नुकसान तो किया ही था, कई अवैध कोठरी का निर्माण कर निगम की बेहोशी और सुस्ती का भी सबूत दे दिया। फ्राइडे को निगम की टीम ने इन सरायों का मुआयना किया और बकाएदारों से ख्.ब्9 लाख रुपए किराया वसूली की। इस बीच निगम की टीम से बकाएदारों की नोकझोंक भी हुई। टीम ने बकाएदारों को जल्द किराया देने का अल्टीमेटम दिया।
सरायों में कंस्ट्रक्शन वर्कजंक्शन पर बने निगम की ओर से भ्ब् सरायों का निर्माण कराया गया था। सालों से इनकी देखरेख न होने पर इन पर अवैध कब्जा हो गया। बाद में लोगों ने सराय को बेच मोटा मुनाफा भी कमाया। वहीं बाकी सरायों पर जमे कब्जेदारों ने कई साल से निगम को अपना बकाया किराया भी नहीं दिया है। निगम की इन सरायों में से ज्यादातर में कब्जेदारों ने तय जगह से ख्0 फीट आगे तक पक्का निर्माण कराना शुरू कर दिया है। जिसकी जानकारी न तो निगम को दी गई और न ही निगम के जिम्मेदार इस पर रोक लगा सकें।
नाक तले अवैध निर्माण निगम के दस्तावेजों में भले ही इन सरायों की तादाद भ्ब् हो, लेकिन असल में यह बढ़कर क्00 से ज्यादा पहुंच हो गई है। निगम की लापरवाही के चलते सालों से इन सरायों से किराया वसूली को लेकर कोई कार्रवाई ही नहीं की गई। ऐसे में अवैध कब्जेदारों ने सराय के आस पास ही भ्0 से ज्यादा पक्के अवैध निर्माण करा दिए। सालों से इन अवैध कोठरियों पर न तो निगम की ओर से किराया तय किया जा सका और न ही कोई वसूली की जा सकी। जिससे निगम को लाखों का नुकसान हुआ। सरकारी कर्मचारियों का कब्जानिगम की सरायों में किराएदार के तौर पर काबिज लोगों में सिर्फ निचले तबके के ही नहीं बल्कि सरकारी नौकर भी हैं। निगम की टीम की ओर से बकाएदारों से किराया वसूली के दौरान इसका खुलासा हुआ। निगम की इन सरायों पर रेलवे और पुलिस के कर्मचारी भी कई साल से जमे हुए है। सरकारी विभागों में होने के बावजूद इन सरायों पर किस तरह इन कर्मचारियों को आंवटन दिया गया, इस सवाल का जवाब भी निगम की टीम के पास न था। 90 से क्भ्0 रुपए पर मंथ किराए वाले इन सरायों में ऐसे लोग भी रह रहे थे जो गर्मी से निजात पाने को एसी लगाए बैठे हैं।