स्वजनों का तहरीर से इन्कार, पुलिस खुद दर्ज कर सकती है एफआइआर
-मनोज के नजदीकियों से दिनभर पुलिस ने की पूछताछ, 48 घंटे बाद भी थाने में नहीं हो सकी लिखापढ़त
बरेली : राजेंद्रनगर में टिफिन संचालक मनोज मिश्रा का अधजला शव घर के कमरे में मिलने के बाद स्वजनों ने तहरीर देने इन्कार कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या करने के पुष्टि होने के बावजूद 48 घंटे बाद तक एफआइआर दर्ज नहीं कराई जा सकी। रविवार को पुलिस खुद मनोज मिश्रा हत्याकांड में एफआइआर दर्ज करा सकती है। शनिवार को प्रेमनगर थाने की पुलिस ने मनोज मिश्रा के नजदीकियों के बयान दर्ज किए। सुराग तलाशने की कोशिश में एरिया की सीसी कैमरों की फुटेज भी जांची गई। हालांकि कोई संदिग्ध नहीं दिखा है। पड़ोसियों ने नहीं सुनी कोई आवाजपुलिस के मुताबिक हत्या के वक्त, यानी गुरुवार रात 12.30 बजे घर के मुख्य द्वार पर लगे चैनल का ताला बंद था। घर में किसी के प्रवेश करने के निशान नहीं मिले हैं। घर के अंदर माता-पिता, मृतक मनोज का भाई और तीन किरायेदार लड़के ही थे। पड़ोसियों ने अपने बयान में कहा कि चीखने की आवाज सुनी नहीं गई। सिर्फ धुआं देखने के बाद उन्हें घटनाक्रम का अंदाजा हुआ। केस की उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाने के लिए दिनभर पुलिस ने परिवार के लोगों से पूछताछ की। मनोज मिश्रा के नजदीकियों की फेहरिस्त भी तैयार हो रही है। फील्ड यूनिट ने मनोज का मोबाइल अपने कब्जे में लिया है। पोस्टमार्टम होने के बाद मनोज के शव को स्वजनों को सौंपा गया, जिसके बाद अंतिम संस्कार कराया गया।
सवालों के जवाब में छिपे हैं मुल्जिम के राज : - आग लगने के बाद अमूमन शख्स पानी की तरफ या घर के बाहर की तरफ भागता है। - शराब की बोतल मिलने के बाद इतना तय है कि मनोज नशे में थे, लेकिन शव बिस्तर पर पीठ के बल मिला था। सिर, सीना और हाथ जला हुआ था। उन्होंने खुद को बचाने की कोशिश क्यों नहीं की। - गले की हड्डी, तभी टूटती है, जबकि किसी ने गला घोंटा हो, लेकिन पुलिस की कहानी में शव को बेतरतीब तरीके से उठाने के दौरान हड्डी टूटना बताया गया। - हत्या होने के बाद स्वजनों की खामोशी भी शंका पैदा करने वाली है। स्वजनों से अगर तहरीर नहीं मिलती है तो पुलिस अपनी तरफ से एफआइआर दर्ज कराएगी। एसएचओ को सभी पहलुओं पर जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। रोहित सजवाण, एसएसपी बरेली