‘बाबूराज’ के आगे नगर निगम प्रशासन मौन
बरेली(ब्यूरो)। नगर निगम में बाबूओं का राज चलता हैै। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता हैै कि निगम के अंदर 68 बाबू हैं, जिनमें से कुछ तो 23 वर्षों से एक ही पटल पर चिपके हुए हैं। इसके अलावा भी कई बाबू ऐसे हैं, जो लंबे समय से अपनी कुर्सियों से चिपककर बैठे हैैं। इनके कार्यकाल में जाने कितनी बार पटल बदलने को लेकर फरमान आया। लेकिन, वे तो सिस्टम को गुमराह करने में भी एक्सपर्ट साबित हो रहे हैैं।
कुर्सियां बदलते हैैं, पटल नहीं
निगम के वरिष्ठ बाबूओं ने अपने पटल पर लंबे समय से रहते हुए सिस्टम को गुमराह करने का ऐसा तरीका सीख लिया है, जिससे पटल बार-बार बदलने के बाद भी वे कमाईदार पटल पर अभी भी टिके हुए हैैं। पटल बदलने के आदेश होने पर साठगांठ कर अपने ही पटल पर हाल की नियुक्ति दर्शा देते हैैं। इस कला को अब वे निगम के नए बाबूओं को भी सिखा रहे हैैं।
अफसरों के हैैं चहेते
कई बाबूओं पर पटल परिवर्तन का प्रभाव न होने का यह भी कारण हैै कि वे अधिकारियों से सेटिंग बैठाने में काफी तेज हैैं। इसी कारण वे उनके चहेते बन जाते हैैं। अफसर भी इन वरिष्ठ बाबूओं का काफी ध्यान रखते हैैं, इसलिए तमाम आदेशों के बाद भी इनके पटल को बदलने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता।
निगम के कई वरिष्ठ बाबूओं ने जहां पर ज्वाइनिंग ली थी, वे आज भी उस विभाग में ही हैैं। कई बाबू तो जिस विभाग में ज्वाइन हुए थे, वे उसी विभाग से रिटायर हो चुके हैैं। इसी तरह अभी भी कई बाबू ऐसे हैैं, जिनका हाल-फिलहाल में रिटायरमेंट हैैं और उनका कभी कोई पटल नहीं बदल सका। मलाईदार सीट का मोह
वरिष्ठ बाबू के बारे में पूरे निगम में चर्चा हैैं कि वे कमाई की वजह से पटल परिवर्तन नहीं कर रहे हैैं। मलाईदार सीट का मोह उन्हें एक ही जगह चिपकाए हुए है। लेकिन, इन वरिष्ठ बाबूओं का तर्क कुछ और ही हैैं। उनके अनुसार वे अपने विभाग का कार्य अच्छे से समझ चुके हैैं। अगर दूसरे विभाग में जाते हैैं तो उन्हें व उनके विभाग को परेशानी हो सकती हैै।
बाबूओं के आगे लाचार निगम
ऐसी स्थिति में निगम प्रशासन की लाचारी साफ नजर आती हैैं। नगर आयुक्त द्वारा बाबुओं का पटल बदला जा सकता हैै। लेकिन, उसके बाद भी बाबूओं का पटल नहीं बदला गया हैै। इसको लेकर कहीं न कहीं सिस्टम की मेहरबानी दिखाई देती है। नगर निगम में करीब 68 बाबू हैैं, जिनमें से अधिकतर बाबूओं को अपनी सीट पर लंबा समय हो चुका हैैं।
नगर निगम में नए बाबूओं के लिए पुराने बाबू परेशानी का कारण बन रहे हैैं, क्याोंकि पुराने बाबू अपनी कुर्सी को छोडऩे को तैयार नहीं हैैं। इसको लेकर नए बाबू खासा परेशान रहते हैैं। पुराने बाबू का निगम में इतना वर्चस्व हैैं कि वे नए बाबू को मन मुताबिक कुर्सी व ïिवभाग दिलवा देते हैैं। नए बाबू भी स्वास्थ्य, निर्माण, टैक्स और अन्य कमाऊ विभागों में अपना तबादला कराने की जुगत में लगे रहते हैैं। हर कर्मचारी इन्हीं अनुभागों में चिपका रहना चाहता है। इन विभागों में तैनात बाबू अपनी कुर्सी छोडऩा नहीं चाहते हैैं। कई बाबू इसमें तैनाती लेने के लिए निगम के अफसरों और जनप्रतिनिधियों पर दबाव भी डलवाते हैं। वर्जन
नगर निगम के जो भी बाबू तीन वर्ष से ज्यादा समय से एक ही पटल पर तैनात हैैं, उनका पटल परिवर्तन होना चाहिए। इसको लेकर नगर आयुक्त को लेटर लिखा जाएगा।
-डॉ। उमेश गौतम, महापौर
फैक्ट एंड फिगर
नाम विभाग वर्ष
झंडू राम स्वास्थ्य विभाग 10 वर्ष
अशोक कुमार टैक्स विभाग 10 वर्ष
रघुनाथ टैक्स विभाग 12 वर्ष
अमर मसीह टैक्स विभाग 15 वर्ष
रागिव हुसैन टैक्स विभाग 15 वर्ष
राजेंद्र कुमार टैक्स विभाग 15 वर्ष
प्रभु दयाल लेखा विभाग 14 वर्ष
सपना रानी लेखा विभाग 14 वर्ष
सुरेंद्र मोहन सक्सेना लेखा विभाग 16 वर्ष
देव कुमार टैक्स विभाग 23 वर्ष
हेमंत कुमार लेखा विभाग 23 वर्ष
हुसैन अली किदवई लेखा विभाग 23 वर्ष
नवीन चंद्र सक्सेना लेखा विभाग 23 वर्ष