मां और दो बच्चों की घर में बनी चिता
-मच्छरदानी के डंडे से डिब्बी गिरने से लगी आग
-परिजन हॉस्पिटल लेकर पहुंचे लेकिन नहीं कोई हुआ फायदा BAREILLY: आंवला में मां और दो बच्चों की घर में ही चिता बन गई। दर्दनाक हादसे में तीनों की जलने से मौत हो गई। हादसे से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों ने तीनों का अंतिम संस्कार भी कर दिया। पुलिस को कई घंटे बाद मामले की सूचना मिली। पुलिस हादसे की जांच में जुट गई है। बच्चों के साथ साे रही थीमृतकों की पहचान ब्ख् वर्षीय मीरा, भ् साल का बेटा भोले और क् साल का बेटा नन्दू के रूप में हुई है। मीरा अपने पति नरवीर के साथ आंवला के उड़ला गांव में रहती थी। मीरा और उसकी बहन नन्हीं देवी की शादी नरवीर के भाई महावीर के साथ एक ही मंडप में हुई थी। वेडनसडे रात मीरा अपने दोनों बच्चों के साथ अलग कमरे में सो रही थी। कमरे में डिब्बी यानी लैंप जल रही थी। मीरा ने चारपाई पर मच्छरदानी लगा रखी थी।
डॉक्टरों ने कर दिया मनाथर्सडे सुबह करीब म् बजे मीरा जब उठी तो मच्छरदानी का डंडा डिब्बी में लग गया जिससे डिब्बी मच्छरदानी पर गिर गई और आग लग गई। मीरा ने आग बुझाने का प्रयास भी किया लेकिन तब तक आग ने विकराल रूप ले लिया। तीनों गंभीर रूप से जल गए। शोर सुनकर परिवार के लोग पहुंचे और तीनों को बरेली के रामपुर गार्डन स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे। हालत खराब होने पर डॉक्टरों ने जवाब दे दिया इस पर वह पास के ही दूसरे हॉस्पिटल में ले गए, लेकिन डॉक्टर ने तीनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि मीरा की मां मुन्नी देवी से बात हुई है वह भी हादसा बता रही हैं। परिजन हॉस्पिटल लेकर गए थे लेकिन मृत होने के चलते एडमिट ही नहीं किया गया जिसके चलते परिवार वाले तीनों की डेडबॉडी साथ लेकर आए और अंतिम संस्कार कर दिया।
हादसे में मां और दो बच्चों की मौत हुई है। मच्छरदानी के डंडे से डिब्बी गिरने से आग लगना बताया गया है। हादसे की जांच की जा रही है। धर्म सिंह मार्छाल, सीओ आंवला