बंदरों का बढ़ा उत्पात, फतेहगंज पश्चिमी में दो बुजुर्गों को किया लहूलुहान
बरेली (ब्यूरो)। जिले में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। दुनका में बुजुर्ग को घायल करने के बाद सोमवार सुबह बंदरों ने फतेहगंज पश्चिमी में दो बुजुर्गों को लहूलुहान कर दिया। एक बुजुर्ग का कान काटा तो दूसरे का कंधा। उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया है। वही, वन विभाग की टीम सोमवार को दुनका पहुंची। प्रधान ने बंदर पकड़वाने को आवेदन पत्र दिया है।
मांगी जानकारी
फतेहगंज पश्चिमी के गांव सतुईया निवासी 60 वर्षीय विजय पाल ङ्क्षसह सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे खेत में चारा लेने के लिए जा रहे थे। इसी बीच बंदरों के झुंड ने उन पर पीछे से हमला कर दिया। इससे पहले की वह कुछ समय पाते, बंदरों ने उनका कान काट लिया, जिससे वह लहूलुहान हो गए। चीखने पर अन्य लोग आए तो बंदर वहां से भागे। इसी दौरान घर पर लेटे 55 वर्षीय पप्पू के घर पर बंदरों का झुंड घुस आया। उन्होंने बंदरों को भगाने का प्रयास किया तो बंदर उन पर लिपट गए। उनके कंधे पर काटकर लहूलुहान कर दिया। दोनों घायलों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। गांव वालों के मुताबिक बंदरों ने जबरदस्त आतंक मचाया हुआ है। पिछले दो दिन में बंदरों ने सतुईया की शिवानी, योगेश ङ्क्षसह और खरकपुर गांव के श्याम लाल को काटकर घायल कर दिया। लोगों ने वन विभाग को मामले की जानकारी दी है।
- जिले में बंदरों को पकडऩे की अनुमति देने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को कहा है। संबंधित विभाग अपनी ओर से वन विभाग में बंदर पकडऩे के लिए आवेदन करेंगे और अपने ही संसाधनों से बंदरों को पकड़वाएंगे।
शिवाकांत द्विवेदी, जिलाधिकारी - बंदर वन विभाग नहीं पकड़वाता है। जहां से भी बंदर पकडऩे के आवेदन आते हैं, उन्हें लखनऊ भेजा जाता है। लखनऊ में चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से अनुमति मिलने के बाद बंदर पकडऩे को कह दिया जाता है।
समीर कुमार, डीएफओ