- मोहर्रम की दस तारीख यानि यौमे आशूरा पर शहर समेत अन्य जगहों से कर्बला पहुंचे करीब 300 जुलूस

BAREILLY: मोहर्रम की दसवीं तारीख यानी यौमे आशूरा पर हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में ट्यूजडे को ताजिए बड़े ही रंजोगम के माहौल में उठाए गए। शहर भर के ताजिए सुन्नी समुदाय के कर्बला बाकरगंज और शिया समुदाय के स्वाले नगर कर्बला में खाक ए सुपुर्द किए गए। पुराने शहर से लेकर अन्य क्षेत्रों से शिया अंजुमनों के जुलूस स्वाले नगर स्थित कर्बला जाने वाले रास्ते में नौहारख्वानी के साथ जंजीर और मातम करते निकले। वहीं रात को मजलिसों का दौर चला। घरों में हजरत इमाम हुसैन के नाम की फातिहा कराई गई और कुरानख्वानी हुई। बाकरगंज में दसवें मोहर्रम पर मेला लगा, जिसमें शहर और गांव के लोग काफी संख्या में पहुंचे। उलेमा ने मोहर्रम व वाकिआते कर्बला के मुख्तलिफ पहलुओं पर तकरीरें दी। इसके बाद दुआ की गई। इस अवसर पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में प्रशासन समेत पुलिस बल तैनात रहा।

शहर में आए फ्00 से ज्यादा ताजिए

माह ए मुहर्रम के मौके पर शहर समेत विभिन्न इलाकों से करीब फ्00 जुलूस शहर के ईदगाह स्थित कर्बला पहुंचे। जहां खानकाहे नियाजिया के सज्जादानशीन ने कर्बला में जियारत की। ताजियों के साथ भारी संख्या में महिलाएं भी कर्बला पहुंची। इसमें बड़ों के साथ बच्चों ने भी शिरकत की। शिया समुदाय की ओर से काले इमामबाडे़ से निकाले गए जुलूस में बच्चे छुरियों से अपने को लहूलुहान करते हुए स्वालेनगर पहुचे। वहीं, देर शाम शहर भर के कई इलाकों में जगह-जगह कर्बला शहादत पर मजलिस और जलसे आयोजित किए गए। इस मौके पर मातम कर शिया समुदाय के लोगों ने हजरत इमाम हुसैन को याद किया तो दूसरी ओर सुन्नी ने तख्त और अलम निकाले।

मेले में उमड़ा भारी जनसैलाब

बाकरगंज स्थित ईदगाह के मेले में भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ा। समूह के साथ तख्त ताजिये लेकर आए लोगों ने मेले में लगी विभिन्न स्टॉलों पर पहुंचकर मनपसंद पकवान और अन्य सामान खरीदे। दूसरी ओर मेले में सजे मीना बाजार में महिलाओं ने जमकर खरीददारी की। साथ ही मेले में बड़े झूलों पर बच्चों समेत बड़ों ने एंज्वॉय किया। वहीं मौत के कुएं में जान की बाजी लगाकर कलाबाजियां दिखाते हुए कलाकारों को देखकर लोगों ने दांतों तले उंगली दबा ली।

शाम ए गरीबां का आयोजन

करबला में ताजियों को दफन करने के बाद शाम को कई जलसों का आयोजन हुआ। इसमें मुहल्ला गठैया के इमामबाड़ा हकीम आगा साहब ने रात के अंधेरे में आयोजित मजलिस में मजलिस ए शाम ए गरीबा का आयोजन किया, जिसको जनाब मौलाना अख्तर हसैन साहब ने खिताब किया। मजलिस के बाद इमाम हुसैन के ताबूत की जियारत कराई गई। इस दौरान शिया करबला के मुतवल्ली अतहर अब्बास नकवी, हाजी शकील हैदर समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive