-आज राजनी-टी शाहजहांपुर रोड स्थित केसीएमटी कैंपस-2 में सुबह 11 बजे.

BAREILLY : मिलेनियल्स स्पीक 2019 को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से मंडे को भोजीपुरा स्थित श्री राममूर्ति स्मारक इंजीनियरिंग कॉलेज में स्टूडेंट्स की डिबेट का आयोजन किया। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और रेडियो सिटी की ओर से आयोजित राजनी टी डिबेट में मौजूद स्टूडेंट्स ने चुनावी मुददों पर अपनी राय रखी। स्टूडेंट्स ने रोजगार, देश सिक्योरिटी, महिला सिक्योरिटी, करप्शन, एजुकेशन और ब्लैकमनी पर अपनी राय रखी।

मेरी जिम्मेदारी है देश को आगे बढ़ाना
डिबेट में निरंकार ने कहा कि हमारे देश में जो लोग पढ़ लिख जाते हैं वह विदेश चले जाते है, लेकिन हमारे देश की सरकार को चाहिए कि हमारे देश के पढ़े लिखे और आईआईटी करने के बाद युवाओं को हमारे देश में ही अच्छा पैकेज मिले, ताकि वह विदेश न जाने पाएं। तभी बात को ब्रेक देते हुए शिवम दुबे ने मेजर ध्यानचंद का उदाहरण देते हुए कहा कि 1938 में मेजर ध्यानचंद ने 16-1 से मैच जीता था, जिसमें 15 गोल तो मेजर ध्यान चंद ने अकेले दागे थे। तो वहां के हिटलर ने कहा कि इंडिया आपको कुछ नहीं दे रहा है। हम आपको एअर मार्शल बना देंगे। इस पर मेजर ध्यान चंद ने कहा कि मेरे देश की जिम्मेदारी नहीं है कि वह मुझे आगे बढ़ाए, लेकिन मेरी जिम्मेदारी है कि मैं देश को आगे बढ़ाऊं। इस पर सभी ने खुशी जाहिर की।

राइट और करेक्ट की हो जानकारी
संजना ने कहा कि लोकसभा के लिए जो चुनाव होने वाले हैं उसमें कोई और नहीं बल्कि यूपी ही तय करेगा कि पीएम कौन बनेगा। पुलवामा में जो जवान शहीद हुए उनमें सबसे अधिक हमारे यूपी के ही हैं। हम उसे वोट देंगे जो हमारे देश के जवानों को फ्रीडम देगा उनकी समस्याओं को समझेगा और देश की सिक्योरिटी के लिए सचेत रहेगा। तभी आयुषी गुप्ता ने कहा कि देश के लिए वहीं नेता हो जिसे राइट एंड करेक्ट में अंतर पता हो। वोट करने से पहले यह भी देखेंगे कि लास्ट फाइव ईयर में जो घोषणाएं की गई उनमें कितना इंप्लीमेंट किया है।

रिजर्वेशन खत्म होना चाहिए
डिबेट में अभिषेक तिवारी ने कहा कि हमारे देश से अब रिजर्वेशन खत्म होना चाहिए। क्योंकि जब देश आजाद हुआ था तब यह बात रखी गई थी कि रिजर्वेशन निश्चित समय के बाद खत्म हो जाना है, लेकिन यह अब तक खत्म ही नहीं हुआ। बल्कि हम लोग इसे और बढ़ाने की बात करते हैं। तभी अकांक्षा ने कहा कि हमारे देश में जो भी टैक्निक और सैटेलाइट है वह हम दूसरे देशों से खरीदते हैं लेकिन क्यों न हम अपने देश में टैक्निक इजाद करें।

हमारे देश के योग्य विदेश क्यों जाते हैं
अर्पित भारद्वाज ने कहा कि सरकार को देश में वहां रुपए लगाना चाहिए जहां से रेवेन्यू जेनरेट हो, लेकिन कई बार सरकार ऐसी जगह रुपए लगा देती है जहां पर रुपए लगाने का मतलब नहीं है। तभी उनकी बात रोकते हुए मानवेन्द्र सिंह ने कहा सरकार की कई स्कीम चल रही हैं लेकिन हमारे लिए खुद ही जानकारी नहीं है। चैलेंज है कि हम अपनी जरूरत की चीज ही नहीं जानते हैं। तभी रमेश ने कहा हम ऐसा क्या कर रहे हैं कि हमारे देश के लोग दूसरे देश में चले जाते हैं। इसके लिए कुछ करना चाहिए।

कड़क बात
वोट देने जाते हैं तो यह नहीं देखते हैं कि हमारा नेता कितना पढ़ा लिखा है। हम जब पढ़े लिखे हैं तो हम अनपढ़ नेता क्यों चुन लेते हैं। इसीलिए हम चाहते है कि जो भी नेता हो वह योग्य हो। तभी वह हमारे देश की समस्या को समझने में सक्षम होगा। इसीलिए नेता चुनने से पहले दिल का नहीं दिमाग का यूज करें।

शिक्षा का स्तर सुधारने की जरूरत है क्योंकि अब हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधरी तो भविष्य के लिए अच्छा नहीं होगा। हमारे देश में सिर्फ बेरोजगारी बढ़नी तय है। इसीलिए देश में जो भी नेता आए वह शिक्षा के लिए कुछ करें।

शिवनंदन, एमबीए

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देश में कानून व्यवस्था कड़ी होनी चाहिए लेकिन हमारे देश में जो भी कानून व्यवस्था तोड़ते हैं तो उसके लिए शॉर्टकट तरीका अपनाते हैं, इसीलिए करप्शन को बढ़ावा मिलता है। करप्शन खत्म करने के लिए कुछ करना चाहिए।

रागिनी, एमबीए

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शिक्षा और स्वास्थ्य हमेशा से मुद्दा रहा है। इस पर बात भी होती है लेकिन अमल उतना नहीं हो पाता है, जितना होना चाहिए। अक्सर लोगों को सरकारी हॉस्पिटल में इलाज तो अच्छा नहीं मिलता बल्कि अभद्रता का शिकार और हो जाते हैं।

रमेश, एमबीए

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लोगों की अब मूलभूत आवश्यकताएं रोटी, कपड़ा और मकान ही नहीं इसमें शिक्षा भी बढ़ा दी जाए। क्योंकि बगैर शिक्षा के हम कुछ नहीं कर सकते हैं। इसीलिए अब सरकार को चाहिए कि वह ऐसा कदम उठाए कि सभी लोग शिक्षित हो सकें।

अर्पिता,एमबीए

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हम लोगों की तीन मूलभूत आवश्यकताएं हैं, रोटी, कपड़ा और मकान, लेकिन सरकार लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं ही पूरी नहीं कर पा रही है। इसीलिए सरकार को चाहिए कि ऐसी योजनाएं बनाए जिससे पब्लिक की मूलभूत आवश्कताएं पूरी हो सकें।

गोपिका, एमबीए

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हम सभी लोग जॉब की तलाश में पढ़ाई करते हैं, लेकिन हम लोग क्यों नहीं सोंचते कि हम जॉब देने वाले बने। इसके लिए हम लोगों को चाहिए कि पढ़ लिखकर कुछ इनोवेटिव करें ताकि दूसरे भी सीखें।

शिवम दुबे,एमबीए

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हमारी जो भी सरकार आए वह पहले तो देश हित के बारे में सोचे। क्योंकि देश हित के बाद ही हम सभी का हित है। चाहे वह देश सिक्योरिटी हो या फिर इकोनोमी।

अनुष्का अग्रवाल, बीटेक

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हमारा नेता पढ़ा लिखा हो, क्योंकि जब हम लोग पढ़े लिखे हैं तो हम लोग क्यों नहीं चाहते है कि हमारा नेता भी पढ़ा लिखा हो। पढ़ा लिखा नेता होगा तो यूथ के लिए सोचेगा।

आयुषी गुप्ता, एमबीए

सतमोला खाओ, कुछ भी पचाओ
डिबेट में बात आई कि हमारे देश में जो भी टैक्निक आती है वह विदेश से आती है, चाहे कोई सैटेलाइट हो या कोई अन्य टैक्निक इसे हमारे देश में ही इजाद करना चाहिए, लेकिन हमारे यहां टैक्निक इजाद होने की बजाय दूसरे देश को रुपए देकर मंगवाई जाती है। हम तो यही कहेंगे कि सैटेलाइट हमारे देश में भी इजाद होने चाहिए।

मेरी बात
नेता कोई भी हो उसे अपना डिसीजन लेना तो कम से कम आता हो, लेकिन कई बार होता क्या है कि हमारे नेता को राइट और करेक्ट में भी अंतर पता नहीं होता है। इसीलिए सबसे पहले नेता का पढ़ा लिखा होना जरूरी है। साथ ही वह देश के लिए निर्णय लेने में सक्षम हो। इसीलिए हम चाहते हैं देश के लिए जो भी नेता बने वह देश को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करे।

 

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संजना एमबीए

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Posted By: Inextlive