Bareilly: इंप्रॉपर पॉवर कट्स ने बरेलियंस का सुख-चैन तो छीन ही लिया था अब जेब पर भी भारी पड़ रही है. बेतहाशा पावर कट की वजह से मेडिकल स्टोर्स के फ्रीजर काम नहीं कर रहे हैं. नतीजा ये है कि स्टोर की गई वैक्सींस का असर कम हो रहा है. कुछ स्पेशल मेडिसिंस के केस में प्रॉपर कोल्ड चेन मेंटेन न होने के कारण कई साइड इफेक्ट्स भी सामने आए हैं.


2 से 5 डिग्री सेल्सियस की जरूरतवैक्सींस को कारगर बनाए रखने के लिए इसे 2 से 5 डिग्री सेल्सियस टेंप्रेचर पर स्टोर करना जरूरी होता है। वैक्सीन पर यह इंस्ट्रक्शन प्रिंट भी होता है लेकिन लंबे पावर कट्स के कारण फ्रीजर्स का टेंप्रेचर मेंटेन नहीं हो पा रहा है। मिशन हॉस्पिटल के फिजीशियन डॉ। विपुल बताते हैं कि अगर वैक्सीन को कोल्ड स्टोरेज से बाहर रखा जाए तो उनका असर कम हो जाता है। इतना ही नहीं कुछ केसेज में इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिले हैं। जेब पर बढ़ रहा बोझ


फिजीशियन डॉ। विपुल ने बताया कि वैक्सीन का असर कम हो रहा है इस बात का न तो कंज्यूमर जान पाते हैं और न ही डॉक्टर्स। दवा का असर कम होने के कारण ट्रीटमेंट लंबा चलता है जिसकी वजह से पेशेंट्स की पॉकेट पर एक्स्ट्रा बर्डन पड़ता है। इनडायरेक्टली ही सही लेकिन पेशेंट्स की जेब तो ढीली हो ही रही है।नहीं use करते deep freezer

कारण चाहे जो हो मगर हर तरह से पेशेंट और तीमारदार ही सफर करते हैं। केमिस्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट दुर्गेश के एकॉर्डिंग, सिटी में लगभग 750 केमिस्ट शॉप हैं.  ज्यादातर मेडिसिन स्टोर्स वैक्सीन स्टोर करने के लिए डीप फ्रीजर की जगह नॉर्मल फ्रिज ही यूज करते हैं। लंबे पावर कट्स के दौरान यह टेंप्रेचर होल्ड करने करने में नाकाम होते हैं। कोल्ड चेन मेंटेन न होने के कारण इन वैक्सींस का असर कितना कम होता है, इसका कोई मापक नहीं है।यहां कोई फर्क नहीं पड़ता डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के मेडिसिन स्टोर की स्टोरी थोड़ी डिफरेंट है। यहां रोस्टिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए नहीं की पावर कट के लिए इनफ अरेंजमेंट्स हैं बल्कि इसलिए क्योंकि यहां का डीप फ्रीजर पिछले कई दिनों से खराब पड़ा है। ऐसे में यहां पावर हो या न हो कोई खास फर्क नहीं पड़ता। अब इसे विडंबना ही कहेंगे कि सीएमएस ऑफिस के ठीक बगल में बने इस स्टोर में वैक्सींस की कोल्ड चेन नहीं मेंटेन हो पा रही है। वहीं अधिकारियों की मानें तो हॉस्पिटल में सब ठीक चल रहा है। Roasting का अता-पता नहीं

सिटी का इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड भी रोस्टिंग प्लान को लेकर संशय में है। 22 जुलाई से पहले तक यूपीपीसीएल से जारी सिटी के रोस्टिंग शेड्यूल पर गौर करें तो रात 2 से 3 बजे, सुबह 5 से 7 बजे और दोपहर 3 से 4 बजे तक की कटौती तय थी। लेकिन सिटी के कई एरियाज में लोग दो-दो दिनों तक लाइट का इंतजार ही करते रहे। कफ्र्यू के दौरान शहर में कुछ दिनों तक प्रॉपर पावर सप्लाई की गई हालात फिर से वैसे ही हो गए। कंडीशन यह है कि दोहना इलेक्ट्रिसिटी सब स्टेशन पर अधिकारियों को ये तो पता है कि कटौती 2:30 बजे से होनी है मगर कब तक, नो आईडिया।

Posted By: Inextlive