वरुण अर्जुन मेडिकल कालेज के एमबीबीएस छात्र कुशाग्र प्रताप सिंह की छात्रावास की तीसरी मंजिल से गिरने से मौत हो गई. उन्हें किसी ने नीचे फेंका या वह हादसे में गिरे...या फिर आत्महत्या की? पुलिस इन सवालों के जवाब तलाशने में जुटी हुई है.


शाहजहांपुर : वरुण अर्जुन मेडिकल कालेज के एमबीबीएस छात्र कुशाग्र प्रताप सिंह की छात्रावास की तीसरी मंजिल से गिरने से मौत हो गई। उन्हें किसी ने नीचे फेंका या वह हादसे में गिरेया फिर आत्महत्या की? पुलिस इन सवालों के जवाब तलाशने में जुटी हुई है। रविवार को शव मिलने के बाद से कालेज प्रबंधन मौन है। कुशाग्र के चचेरे भाई सूरज ने गहरी साजिश की आशंका जताते हुए विस्तृत जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि कुशाग्र छात्रावास के प्रथम तल पर रहते थे। यदि वह किसी परिस्थिति में तीसरी मंजिल पर पहुंच भी गए तो वहां पांच फीट की बाउंड्री है, जिसे पार कर कूदा नहीं जा सकता। पुलिस उनके सात दोस्तों से पूछताछ कर रही है।

जांच कर रही पुलिस
द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रहे कुशाग्र प्रताप सिंह गोरखपुर के शाहपुर क्षेत्र के मुहल्ला राप्तीनगर के रहने वाले थे। रविवार सुबह नौ बजे छात्रावास परिसर के पिछले हिस्से में गार्ड ने उनका शव देखा, इसके 45 मिनट बाद पुलिस फिर स्वजन को सूचना दी गई। पुलिस के अनुसार, सामान्य तौर पर छत से गिरने पर शव सीने के बल पड़ा मिलता है मगर, कुशाग्र का शव पीठ के बल मिला। उनके कमरे से शराब की खाली बोतल, एक गिलास में शराब और तीन गिलास खाली मिले। ऐसे में आशंका जताई जा रही कि उनके कमरे में कुछ दोस्तों ने पार्टी की, इसके बाद छत पर पहुंचे। वहां सिगरेट के कुछ टुकड़े मिले, जिसके आधार पर कहा जा रहा कि कुशाग्र के साथ कुछ अन्य छात्र भी रहे होंगे। उनके दोस्तों को घटना के बारे में काफी जानकारी है मगर, अभी चुप हैं। कालेज के प्राचार्य आर्येंद्र शुक्ला से प्रकरण के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। कुशाग्र के चचेरे भाई सूरज ने कालेज प्रबंधन पर संवेदनहीन रवैया अपनाने व मामले को दबाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब कालेज पहुंचे तो कुशाग्र का शव बरामदा में रखा था, वहां कोई कर्मचारी नहीं था। शिकायत पर प्राचार्य ने कहा कि एसी कमरे में आराम कर लो। हास्टल पहुंचे तो भाई का कमरा अस्त-व्यस्त था। अन्य छात्रों से बातचीत करनी चाही तो सभी ने एक ही जवाब दिया कि वे तो रात 11 बजे सोए और सुबह नौ बजे उठे इसलिए कुछ नहीं पता। गार्डों की ड्यूटी बदल चुकी थी। वार्डन नहीं थे। सीसीटीवी तीन महीने से खराब बताए जा रहे।-----


कुशाग्र को छात्रावास के भूतल पर 14 नंबर कमरा आवंटित था। ऐसे में वह देर रात तीसरी मंजिल पर क्यों गए। वहां से स्वयं कूदे या किसी ने धक्का दिया। इन सब बिंदुओं पर जांच की जा रही है।राजेश एस, एसपी

Posted By: Inextlive