राजनीति में हाथ आजमाने निकले डॉक्टर-इंजीनियर्स
- मेयर पद के लिए गैर राजनीतिक भी आजमा रहे हैं भाग्य
BAREILLY: निकाय चुनाव की दुदुम्भी बजते ही मेयर की कुर्सी के लिए जंग लड़ने वाले रणबांकुरे भी मैदान में मौजूदगी दिखा रहे हैं। इनमें ज्यादातर दावेदारों का कोई राजनीतिक करियर नहीं रहा है। वह डॉक्टर, इंजीनियर या फिर व्यवसायी हैं। यह शहर के विकास को नई दिशा देने का दावा भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब तक जितने भी मेयर देखे वह राजनीतिक रहे, जिसके चलते बरेली का विकास प्रभावित रहा है। यदि जनता उन्हें मेयर की कुर्सी पर बैठाती है, तो जनता के लिए काम करेंगे। बीमारी के साथ शहर की गंदगी दूर करने निकलेडॉ। प्रमेंद्र महेश्वरी ऑर्थोपेडिक सर्जन, 2001 से डॉक्टर के पेशे में हैं। अच्छा ट्रीटमेंट करने पर इन्हें आर्थोपेडिक सर्जरी का प्रेसीडेंट मेडल भी मिल चुका है। उन्होंने गरीबों को दो वक्त का खाना मुहैया कराने के लिए रोटी बैंक की शुरुआत की थी, जिसकी चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में भी कर चुके हैं। प्रमेंद्र महेश्वरी का कहना है कि राजनीतिक चेहरों के हाथ में मेयर की कुर्सी होने के चलते बरेली चहुंमुखी विकास नहीं हो पाया है। लिहाजा, वह बीजेपी से मेयर के लिए चुनाव लड़कर बरेली के विकास के लिए भी कुछ कर सकें।
बेस्ट मैनेजमेंट के धनी उमेश गौतम
उमेश गौतम चांसलर इंवर्टिस यूनिवर्सिटी और मिशन हॉस्पिटल जैसे बड़े संस्थान व मैनेजमेंट की जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं। उमेश गौतम 1998 से संस्थान को चला रहे हैं। संस्थान में पढ़ने वाले सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं और टीचर्स को एक बेस्ट मैनेजमेंट के जरिए एक कड़ी में पिरोना इनकी खूबी का परिचय रहा है। वहीं मिशन हॉस्पिटल की जिम्मेदारी 2009 से सम्भाल रहे हैं। दो बड़ी जिम्मेदारियों को सम्भालने वाले उमेश गौतम इस बार बीजेपी से मेयर का चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं। इन्होंने टिकट के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। उमेश गौतम ने बताया कि उन्होंने अभी अपना एजेंडा तय नहीं किया है। टिकट मिलने के बाद ही वह अपने एजेंडे तय करेंगे। शहर की समस्या एक इंजीनियर ही दूर कर सकता हैआईआईटी रूड़की से 1995 इंजीनियरिंग करने वाले नवनीत अग्रवाल आप से चुनाव लड़ने का फैसला किया हैं। आप के हाईकमान ने मेयर पद के लिए नवनीत को कैंडिडेट घोषित भी कर दिया है। राजनीति में आने का कारण पूछे जाने पर नवनीत ने बताया कि नगर निगम की जो समस्या है वह एक इंजीनियर ही कर सकता है। नवनीत का भी राजनीति से दूर-दूर का नाता नहीं है। इंजीनियरिंग करने के बाद नवनीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। उसके बाद 5 वर्ष तक जॉब किया। फिर टाटा इंफोटेक एजुकेशन और रीयल एस्टेट के बिजनेस से जुडे़। होटल और कार शोरूम भी सम्भाल रहे हैं।
एक सफल बिजनेसमैन के बाद अब समाजसेवा करने की तैयारी बीजेपी से मेयर पद के लिए टिकट की दावेदारी करने वाले अनुपम कपूर भी गैर राजनीतिक है। 1960 से चले आ रहे पुश्तैनी कपड़ा व्यवसाय को सम्भाल रहे हैं। 1984 से वह बिजनेस से जुड़े। अपनी खूबी व मिलनसार व्यवहार के चलते ही 1 वर्ष पहले कपड़ा एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए चुने गये। अनुपम कपूर खत्री सभा के अध्यक्ष है। साथ ही सिद्धि विनायक ग्रुप एंड इंस्टीट्यूशन की भी जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं। अनुपम ने बताया कि वह वर्तमान समय में कई संघ और संगठन से जुड़ कर समाजसेवा कर रहे हैं। ऐसे में मेयर बन वह लोगों के हित में विकास कार्य करना चाह रहे हैं।