बोर्ड कॉपी पहुंचाने के लिए लगानी होगी मैराथन दौड़
-70 से 80 किलोमीटर दूर हैं एग्जाम्स सेंटर्स
-अपने रिस्क पर सेंटर इंचार्ज को पहुंचानी है कॉपियांBAREILLY: यूपी बोर्ड एग्जाम्स की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। नकल विहिन एग्जाम्स कंडक्ट कराने का दबाव जहां एजूकेशन डिपार्टमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन पर है वहीं सभी सेंटर इंचार्ज पर भी है। लेकिन इस वक्त बोर्ड की आंसर शीट को महफूज तरीके से कलेक्शन सेंटर तक पहुचाने को लेकर सेंटर इंचार्ज के माथे पर लकीरें ख्िाच गई है। दूर-दराज के सेंटर्स द्वारा कॉपी पास के चौकी और थाने में जमा कराने की व्यवस्था बोर्ड ने खत्म कर दी है। उन्हें हर हाल में कलेक्शन सेंटर तक एग्जाम के दिन ही कॉपी पहुंचानी है। ऐसे में सेंटर्स के सामने सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है कि शाम ढलने के बाद सेंटर तक महफूज ढंग से कॉपियां कैसे पहुंचाया जाए। इसको लेकर सेंटर इंचार्ज ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की लेकिन ना तो एडमिनिस्ट्रेशन ने सुनी और ना ही विभाग ने।
3 March से हैं examsयूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर के एग्जाम्स 3 मार्च से स्टार्ट हो रहे हैं। 148 सेंटर्स पर टोटल 1,07,000 स्टूडेंट्स एग्जाम्स देंगे। इसमें से हाईस्कूल के 60,000 और इंटर के 47,000 स्टूडेंट्स शामिल हैं। कॉपियों और एग्जाम्स पेपर का कलेक्शन सेंटर जीआईसी को बनाया गया है। जहां पर अस्थाई चौकी भी स्थापित की गई है। यहीं पर एग्जाम खत्म होने के बाद सभी सेंटर इंचार्ज को उसी दिन कॉपियों को जमा कराना होगा।
दो घंटे में जमा करानी होगी copies सेंटर इंचार्ज के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उन्हें कलेक्शन सेंटर तक कॉपियों को जमा करने का टाइम महज 2 घंटे ही दिया गया है। शाम की पाली में ही उन्हें सबसे ज्यादा खतरा है। 2 से 5:15 तक एग्जाम्स कंडक्ट किए जाएंगे। उसके बाद सभी स्टूडेंट्स से कॉपियों को कलेक्ट करना और उसके बाद सील लगाने में करीब 1 घंटे का समय लग जाता है। विभाग ने उन्हें 7:30 बजे तक कॉपियों को जमा करने का अल्टीमेटम दिया है। अब ज्यादा दूरी में स्थित सेंटर इंचार्ज के सामने यह प्रॉब्लम है कि इतने कम समय में वे कॅापियों को कैसे जमा कराएं। वह भी अपने रिस्क पर। उन्हें किसी भी प्रकार की पुलिस व्यवस्था नहीं दी गई है। सेंटर इंचार्ज को अक्सर यह डर सताता रहता है कि शाम ढलने के बाद कहीं उत्पाती स्टूडेंट्स कॉपियों को ना उड़ा ले जाएं। पूर्व के एग्जाम्स में उन्हें लूटने और मारने की धमकियां भी दा जा चुकी हैं।80 KM की दूरी महज क् घंटे में
कॉपी सील करने के बाद सेंटर इंचार्ज के पास केवल क् घंटा बचता है। जबकि एग्जाम्स सेंटर्स और कलेक्शन सेंटर की दूरी 80 किलोमीटर तक है। ऐसे में क् घंटे में उन्हें मैराथन दौड़ लगानी होगी। हाजी दुला बेग इंटर कॉलेज, शीशगढ़ के प्रिंसिपल प्रदीप शर्मा ने बताया कि स्कूल सिटी से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर है। उनका स्कूल रामपुर डिस्ट्रिक्ट के बॉर्डर पर स्थित है। उनके यहां ब् स्कूल्स के हाईस्कूल के म्ब्7 और इंटर के ब्ख्फ् स्टूडेंट्स का एग्जाम होगा। राजा खन्नू कठेरिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शीशगढ़ के मैनेजर अरविंद कठेरिया बताते हैं कि उनके यहां ब्00 स्टूडेंट्स का सेंटर है। इसमें ख्0क् हाईस्कूल और क्99 इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स हैं। स्कूल सिटी से करीब 7भ् किलोमीटर दूर है। प्राइवेट बसों के अलावा कलेक्शन सेंटर तक पहुंचने का दूसरा विकल्प नहीं है। स्वामी सोमनाथ इंटर कॉलेज, मानपुर के प्रिंसिपल अमित कुमार ने बताया कि उनका स्कूल कलेक्शन सेंटर से करीब 7भ् किलोमीटर की दूरी पर है। यहां ब् स्कूल्स के क्0म्7 स्टूडेंट्स एग्जाम्स देंगे। लास्ट ईयर बाइक पर कॉपियां लेकर कलेक्शन सेंटर पहुंचने के दौरान बरसात में भीग गई थीं। वहीं लाजपत राय इंटर कॉलेज, शीशगढ़ में क्,0ब्भ् स्टूडेंट्स एग्जाम्स देंगे। प्रिंसिपल राज बहादुर कश्यप ने बताया कि कलेक्शन सेंटर से उनके स्कूल की दूरी 80 किलोमीटर है। पहुंचते-पहुंचते रात हो जाएगी। रास्ते में कॉपियों को लूटे जाने का भी खतरा है।
शिक्षा माफिया द्वारा थानों में कॉपियों को बदलने की शिकायत के बाद खुद प्रिंसिपल या फिर मैनेजमेंट के जिम्मे इसे कलेक्शन सेंटर तक पहुंचाने का काम सौंपा गया। शाम की पाली के एग्जाम में ही कुछ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं। लेकिन अगर स्कूल्स चाहेंगे तो शाम सात बजे तक कॉपियां कलेक्शन सेंटर तक पहुंचा देंगे। -संजय उपाध्याय, क्षेत्रीय सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद