दो विभागों के बीच फंसा मशीनों का मेंटेनेंस
बरेली(ब्यूरो)। बरेली स्मार्ट सिटी लिमेटिड द्वारा कोविड से बचाव के लिए 2021 में कई सरकारी विभागों में सैनेटाइजेशन मशीन लगवाई गई थी। लेकिन सरकारी लापरवाही के कारण ये मशीनें विभागों में लगी हुई धूल फांक रही हैैं। कोविड के मामले दिन ब दिन बढ़ रहे हैैं, लेकिन विभाग संसाधनों को इस्तेमाल करने की जगह सरकारी धन को बर्बाद करने में लगे हुए हैैं।
शोपीस बनकर रह गईं मशीन ं
लाखों की लागत से सरकारी विभागों मेंं लगाई गईं मशीनें लंबे समय से धूल फांक रही हैैं। पिछले वर्ष कोविड समय में भी ये मशीनें कार्य नहीं कर रही थीं। स्मार्ट सिटी ने कोविड के दौरान सरकारी कार्यालयों में काम से आने वाली पब्लिक व सरकारी कर्मचारियों की सेफ्टी के लिए लगाई थी। सरकारी विभागों में इंस्टॉल होने के बाद ये मशीनें कुछ समय तक ही चल पाई थी। इसके साथ ही विभागों के जिम्मेदार भी इसमें सैनेटाइजर खत्म होने के बाद दोबारा रिफिल करना ही भूल गए हैैं।
मशीनों को लगाकर भूले जिम्मेदार
शहर को स्वच्छता व सफाई का संदेश देने की बात करने वाले नगर निगम में सैनेटाइजेशन मशीने लंबे समय से खराब पड़ी हुई हैैं। निगम परिसर में स्वच्छ भारत मिशन कार्यालय के बाहर लगी हुई सैनेटाइजेशन मशीन को डस्टबिन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा हैैं। इन मशीनों के ऊपर चाय के कुल्हड़ रखे हुए मिले। साथ ही मशीन में जंग लगने की नौबत आ गई हैैं। निगम के जिम्मेदार भी स्वच्छता को लेकर अवेयर नहीं हैैं तो पब्लिक को स्वच्छता का संदेश कैसे दिया जाता होगा। स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर निगम की ओर से की जा रही तैयारियों में यह मशीनें भी पॉजिटिव रोल निभा सकती थीं।
मशीनों के मेंटनेंस के बारें में जब स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक से बात की गई तो उनका कहना था कि स्मार्ट सिटी द्वारा इन मशीनों को संबंधित विभागों के जिम्मेदारों को हैैंडओवर कर दिया गया हैैं। इन मशीनों के मेंटनेंस से लेकर इनका संचालन करने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी। स्मार्ट सिटी को लिखूंगी लेटर
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस ऑफिस बिल्डिंग के बाहर लगी हुई मशीन के बारे में पूछा गया तो सीएमएस डॉ। अल्का शर्मा ने बताया कि इसके मेंटेनेंस को लेकर स्मार्ट सिटी को लेटर लिखूंगी। साथ ही उन्होंने इसके खराब होने की बात कहीं।
सीन-1, जिला महिला अस्पताल जिला महिला अस्पातल में लगी हुई मशीन लंबे समय से शोपीस बनी हुई हैैं। यह अब खस्ताहाल हालत में हैैं। इंस्टॉल होनेे के बाद यह कुछ दिनों तक ही ठीक से चल पाई। एक बार सैनेटाइजर खत्म होने के बाद इसमें सैनेटाइजर दोबारा फीड नहीं किया गया हैैं।
सीन-2, नगर निगमनिगम परिसर में लगी हुई यह मशीन लंबे समय से इसी हालत में हैैं। कई बार पब्लिक यह सोचकर इसके पास आ जाती हैैं कि शायद यह कार्य कर रही हो। जिस रास्ते पर यह मशीन लगी हुई हैैं, उसी रास्ते से दिनभर स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से लेकर निगम के उच्च अधिकारी गुजरते हैैं। लेकिन किसी ने भी इसको ठीक कराना उचित नहीं समझा। सीन-3, जिला अस्पताल
जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड के साथ ही ओपीडी में भी लगी हुई हैैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब दो हजार लोग आते हैैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन्हें इस्तेमाल करने को लेकर एक्टिव नहीं दिख रहा हैैं।
सीन-4,एसएसपी कार्यालय
एसएसपी कार्यालय में लगी हुई मशीन के पास लोगों ने गाडिय़ां पार्क कर दी गई हैैं। इसके साथ ही पास मशीन के नीचे कूड़े का ढेर लगा दिया गया हैैं। साथ ही मशीन भी बंद पड़ी हुई हैैं।
वर्जन
स्मार्ट सिटी द्वारा लगाई गईं मशीनें संबंधित विभागों को दे दी गई थी।
इनके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी संबंधित विभाग की हैैं, इसको लेकर उन्हें ध्यान देना चाहिए।
-भूपेश कुमार सिंह, महाप्रबंधक, बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेड
-डॉ। मेघ सिंह, प्रभारी एडीएसआईसी, जिला अस्पताल
जिला महिला अस्पताल में लगीं हुई मशीनें खराब हो गई हैैं। इनको चैक करवाउंगी साथ ही इसके लिए स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों को लेटर लिखूंगी।
-डॉ। अल्का शर्मा, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल ये हैैं मशीनें
संख्या मशीनें
25 फुट ऑपरेटिड वॉश स्टेशन
20 फुट ऑपिरेटिड सैनेटाइजेशन डिस्पेंसर
20 सेंसर बेस्ड सैनेटाइजर डिस्पेंसर विद टेंपरचर चेक इन स्थानों पर लगाई गई मशीनें
-सीआई पार्क
-एसएसपी ऑफिस
-जिला पंचायत
-गांधी उद्यान
-एलन क्लब
-सिटी पोस्ट ऑफिस
-रोडवेज बस स्टैैंड
-महिला थाना
-मेंटल हॉस्पिटल
-कोतवाली पुलिस स्टेशन
-300 बेड कोविड चिकित्सालय
-कमिश्नर ऑफिस
-हाईडिल ऑफिस
-जीआईसी
-जीजीआईसी
-विकास भवन