Bareilly:पहले से ही कराह रहे आम आदमी को महंगाई ने ऐसा पंच मारा है कि उसकी कमर पूरी तरह से टूट गई है. डीजल और एलपीजी की कीमतें लाइफ से जुड़ी हर चीज में महंगाई की आग लगा देंगी. खाने की थाली से लेकर सफर करना और अपना घरौंदा खड़ा करना आने वाले दिनों में जेब पर जमकर भारी पडऩे वाला है. यही नहीं फ्राइडे को पड़ी मार से बेजार लोग इलाज भी ढूंढ़ पाए थे कि प्रदेश सरकार ने भी महंगाई से करंट मारने की तैयारी कर ली है.


महंगाई के करंट से झुलसा आम आदमीडीजल की कीमतों में थर्सडे को पांच रुपये की बढ़ोतरी के ऐलान के साथ ही महंगाई का असर दिखने लगा। रुटीन की जरूरी चीजों को महंगाई की और हवा लगना तय है। हालांकि फ्राइडे को सबसे पहले सब्जियों ने रंग दिखाना शुरू कर दिया। ट्रांसपोर्ट पर अधिक खर्चाट्रांसपोर्टर हरीश विग बताते हैं कि डीजल के दाम बढऩे से ट्रांसपोर्ट का खर्चा 15 परसेंट तक अधिक हो जाएगा। ट्रांसपोर्ट से जो भी सामान बरेली में आता है कीमत बढ़ जाएगी। असल में कपड़ा, किराना, सरिया सहित कई समान बाहर से मंगाए जाते हैं। इन पर महंगाई का असर पडऩा तय है। मकान बनाना भी सपना!


अपना घर बनाने का सपना देख रहे लोगों को भी महंगाई से दो-चार होना पड़ेगा। शहर में हार्डवेयर के सामान ज्यादातर उत्तरांचल, मुजफ्फनगर, गुजरात, एमपी से आता है। डीजल महंगा होने की वजह से रेत, सरिया, सीमेंट गिट्टी सहित अन्य सामानों पर 10 परसेंट तक असर बढ़ सकता है। हार्डवेयर शॉप संजय एंड ब्रदर अजय एंड संस के ओनर अजय अग्रवाल बताते हैं कि स्क्रैप की ही बात करिए पहले फर्निस मिल में जाता है, उसके बाद इंगट बनेगा फिर रोलिंग मिल उसके बाद डीलर के पास आता है। तीन चरणों में गुजरने से ट्रांसपोर्ट का खर्चा अधिक आएगा। प्रति कुंटल सरिया पर कम से कम 50 रुपए बढ़ सकता है।खाद्य सामग्री में उछालखाद्य समाग्री के थोक विक्रेता कपिल बताते हैं कि लोगों को डीजल का दाम बढऩे से 3 रुपए प्रति किलोमीटर ट्रांसपोर्ट का अधिक पैसा देना पड़ सकता है। बरेली में दाल जहां दिल्ली से आती है, वहीं सरसो का तेल हापुड़ से मंगाया जाता है। ज्यादातर सामान बाहर से ही आता है। इससे आटा, चावल, दाल सहित अन्य खाद्य सामग्रियों की कीमतों में आग लगना तय है। एक्सपर्ट मानते हैं कि खाद्य पदार्थों के दाम में 5 से 15 रुपए की उछाल आ सकती है।7 फीसदी तक सब्जी महंगीफ्राइडे को परवल, फली, करैला, शिमला मिर्च 5 रुपए अधिक दाम पर बिके। सब्जी विक्रेता मोहम्मद विक्की बताते हैं कि ज्यादातर सब्जियां दूर से ही मंगवाई जाती है। इससे सब्जियों का महंगा होना लाजिमी है। खेती भी आसान न होगीरूरल एरिया में इलेक्ट्रिसिट्री व्यवस्था सही न होने से ज्यादातर किसानों ने फसल की सिंचाई के लिए डीजल मशीन लगा रखी है। डीजल के दाम बढऩे से खेती में लागत अधिक आएगी। इसका असर किसानों के साथ खाद्य पदार्थ पर भी देखने को मिलेगा। कैसे चलेगा 6 एलपीजी में

साल में केवल 6 सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी ने महिलाओं की चिंता और बढ़ा दी है। फैसले के बाद 31 मार्च तक सिर्फ तीन सिलेंडर पर ही सब्सिडी मिलेगी। सफर नहीं आसांडीजल के दाम बढऩे की वजह से नॉन एसी टैक्सी में सफर 50 पैसे प्रति किलोमीटर महंगा हो सकता है। एसी व्हीकल्स के लिए एक से दो रुपए ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। 560 करोड़ हर दिन लॉस डीजल के दाम बढ़ाने का मुख्य वजह ऑयल कंपनियों को स्टैंड करने के उद्देश्य से लिया गया है। इंडियन ऑयल को फाइनेंशियल ईयर के फस्र्ट क्वार्टर में 22,451 करोड़ का लॉस हुआ था। भारत पेट्रोलियम को 8,840 करोड़ और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम को 9,250 करोड़। जबकि सब्साइज्ड फ्यूल पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को डेली 560 करोड़ रुपए का लॉस होता है। 15000 करोड़ 6 मंथ में होगी रिकवरीऑयल कंपनियों के ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक डीजल के दाम पांच रुपए जो बढ़े हैं, उस पर स्टेट गवर्नमेंट द्वारा वैट चार्ज नहीं लिया जा रहा है। पांच रुपए बढ़े डीजल के दाम में 1.5 रुपए एक्साइज ड्यूटी प्रति लीटर जबकि 3.5 रुपए प्रति लीटर ऑयल मॉर्केटिंग कंपनियों को मिलेगा, जिस वजह से अगले 6 मंथ में 15000 करोड़ रुपए रिकवर होगा

ज्यादातर खाद्य सामाग्री बाहर से आती है। दिल्ली, पुरनपुर, हरदोई, हापुड़ से सामान आता है। ट्रांसपोर्ट पर करीब 3 रुपए प्रति किमी खर्चा बढ़ेगा। जिससे सभी खाद्य सामाग्रियों के दाम बढऩा तय है।- कपिल, ओनर, थोक विक्रेताआटा, चावल, दाल का दाम बढ़ेगा ही क्योंकि हम लोग सिटी से ही कोई समान लाते हैं तो 10 रुपए प्रति क्विंटल पड़ता है। अब ज्यादा देना होगा। जाहिर है रेट बढ़ाएंगे।- वैभव अग्रवाल, जनरल स्टोरडीजल का रेट बढऩे के सब्जियों के रेट में 2 से 7 रुपए तक का इजाफा हुआ है। अगर सामान महंगा नहीं करेंगे तो बचत नहीं होगी। - मो। विक्की, सब्जी विक्रेतासब्जी वैसे भी कच्चा धंधा है। कम दाम में बेचेंगे तो कोई फायदा ही नहीं। ऊपर से डीजल का दाम बढ़ गया। हम लोग तो आज से ही बढ़े रेट में सब्जी बेच रहे हैं।- ओमकार, सब्जी विक्रेतारेत, सीमेंट, सरिया सभी हार्डवेयर मैटेरियल के दाम बढ़ेंगे। कम से कम सीमेंट पर 10 रुपए बोरी तो एक क्विंटल सरिया का दाम 50 रुपए अधिक हो सकता है।- अजय अग्रवाल, ओनर, हार्डवेयरएसी और नॉन एसी व्हीकल्स की बात की जाए तो एक से लेकर दो रुपए प्रति किलोमीटर किराया बढ़ सकता है।
- लोकेश चंदानी, ओनर, ट्रेवेल एजेंसीकपड़ों के दाम बढेंग़े। जहां रेडिमेट कटपीस तैयार होता है, वहां बिजली न होने पर मशीन डीजल से चलती है। 10 परसेंट दाम बढ़ सकता है।- अभिषेक गुप्ता, क्लाथ मर्चेंटकस्टमर को 6 सिलेंडर पर ही सब्सिडी मिल सकेगी.  कस्टमर सिलेंडरों की लिस्ट बनाए नहीं तो प्रॉब्लम होगी। - रंजना सोलंकी, प्रेसीडेंट, इंडेन एसोसिएशनडीजल के दाम बढऩे से सामान की ढुलाई महंगी होनी तय है। ज्यादातर सामान शहर के बाहर से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ही आता है। डीजल का दाम बढऩे के चलते 15 परसेंट तक ढुलाई बढ़ सकती है। - हरीश विग, प्रेसीडेंट, ट्रांसपोर्टरइस तरह से सिलेंडर महंगा कर सरकार करप्शन को और बढ़ावा दे रही है। अब एक साल में 6 ही एलपीजी मिलेगी तो हम लोगों को अधिक पैसे देकर ब्लैक में गैस लेनी लेनी ही पड़ेगी।- मधु सक्सेना, हाउसवाइफमहंगाई बेलगाम होने के बाद हम लोगों को अपने लेबल से ही खर्च में कटौती करनी पड़ेगी। अभी तक हम लोग हर हफ्ते परिवार के साथ आउटिंग जाते थे। अब इस पर कंट्रोल कर कुछ पैसा बचाएंगे, जिससे घर का बजट ठीक हो सके।- संगम सक्सेना, हाउसवाइफपहले जो समान 50 रुपए में मिल जाता था। अब सौ रुपए में नहीं मिल रहा है। घर का पूरा बजट बिगड़ जा रहा है। आए दिन महंगाई बढ़ ही रही है।- भगवती, हाउसवाइफक्या किया जाए कुछ समझ में नहीं आ रहा है। कभी डीजल तो कभी गैस का बढऩा। अब तो घर भी चलाना मुश्किल हो गया है। - जमीन, बारादरीकल जो मैंने सब्जी 70 रुपए में खरीदी वही आज 100 रुपए की खरीद कर ले जा रहा हूं। डीजल का दाम बढऩे का असर सब्जी पर ही नहीं हर जगह देखने को मिलेगा।- अंशू सक्सेना, ग्रीन पार्कबिजली भी और वसूलेगी कीमतजनता पर महंगाई का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। डीजल की कीमत में पांच रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी और सब्सिडी पर साल में केवल छह गैस के सिलेंडर के बाद बिजली भी महीने के बजट को झटका देने वाली है। स्टेट गवर्नमेंट ने थर्सडे को इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। लोकल लेवल पर सर्कुलर मिल जाने के बाद बढ़े हुए रेट्स से बिल की वसूली की जाएगी।बढ़ेगा पांच परसेंट टैक्सस्टेट गवर्नमेंट द्वारा थर्सडे को जारी अधिसूचना के अकॉर्डिंग डोमेस्टिक कंज्यूमर्स से बिजली दर का 5 परसेंट प्रति यूनिट बतौर इलेक्ट्रिसिटी टैक्स जबकि इंडस्ट्रियल क्षेत्र से जुड़े कंज्यूमर्स को 7.5 परसेंट प्रति यूनिट विद्युत कर देना होगा। वहीं डोमेस्टिक कंज्यूमर को 200 यूनिट तक की बिजली पर 17 पैसे प्रति यूनिट और 200 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर 19 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देने होंगे।पहले भी बढ़ाई थीं कीमतेंस्टेट गवर्नमेंट द्वारा सन 2008 और 2010 में भी प्रति यूनिट बिजली की कीमतें बढ़ाई गईं थीं। 15 अप्रैल 2008 को बिजली की प्रति यूनिट दर बढऩे के साथ ही डोमेस्टिक कंज्यूमर्स के लिए फिक्स्ड चार्ज 200 यूनिट पर 60 रुपए पर मंथ कर दिया गया था। वहीं दो सौ यूनिट तक बिजली खर्च करने पर 3 रुपए प्रति यूनिट और 200 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने पर 3.30 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होता था। इसके बाद फिर से 2010 में बिजली के बिल ने लोगों को झटका दिया। 31 मार्च 2010 को दो सौ यूनिट तक के फिक्स्ड चार्ज को पांच रुपए और बढ़ाकर 65 रुपए कर दिया गया। साथ ही 200 यूनिट तक खपत की गई बिजली पर 45 पैसे प्रति यूनिट और इससे ऊपर यूज करने पर 85 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोत्तरी की गई थी। सर्कुलर का है इंतजारस्टेट गवर्नमेंट द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद बिजली का बिल बढऩा तय है। हाइडिल अधिकारी बढ़ोतरी किए जाने के लिए सर्कुलर का इंतजार कर रहे हैं। बिल में लगभग कितने की बढ़ोत्तरी होगी इस बारे में कोई अधिकारी अभी बोलने को तैयार नहीं है ।विभाग को अभी सर्कुलर नहीं मिला है। लेकिन स्टेट गवर्नमेंट ने अधिसूचना जारी कर दी है तो बिजली की दर बढऩा तय है। सर्कुलर आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि फिक्स्ड और ड्यूटी चार्ज के अलावा प्रति यूनिट बिजली की कीमत में कितना इजाफा होगा।-वीके शर्मा, चीफ इंजीनियर, हाइडिल

Posted By: Inextlive