BAREILLY: वूलेन टी-शर्ट ब्लेजर कोट और स्पेशल शूज. यही नहीं सोने के लिए गद्देदार बेड और ब्लैंकेट्स. ये सब सुनकर जेहन में रईसी की तस्वीर उभरती है. पर हम बात कर रहे हैं पेट्स की. असल में इस विंटर सीजन में डॉगी का अटायर कुछ ऐसा ही है. उनका लुक और स्टाइल आपको भी दीवाना बना सकता है. घर के इन 'लाडलोंÓ को कहीं सर्दी न लग जाए इसके लिए चिकन सूप से लेकर बोनलेस मटन का भी पूरा इंतजाम है. आइए आपको बताते हैं कि पेट्स के दीवाने बरेलियंस कैसे इनकी केयर को लेकर क्रेजी हैं. अभिषेक मिश्र की रिपोर्ट.


सीजन के साथ ही चेंज हो जाता है डाइट चार्टघर में इनका ओहदा किसी फैमिली मेंबर से कम नहीं है। पूरी फैमिली के लिए 'आंखों का ताराÓ बन चुके ये पेट्स घर से बाहर निकलने से पहले एसेसरीज से इस कदर सजे संवरे हों कि हर किसी की नजर इन पर टिक जाए। ऐसे में इन 'प्यारोंÓ को सर्दी न सताए, इसके लिए उनकी डाइट चार्ट से लेकर वूलेन क्लोथ्स का भी पूरा ख्याल रखा जाता है। पेट्स के लिए बरेलियंस की दीवानगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि करीब 36 लाख रुपए सालाना इनकी केयर पर खर्च कर दिया जाता है।डीओ, माउथ स्प्रे से यूज करता है 'रॉजरÓ


शौर्य स्कूल की टीचर निधि मेहता डॉगीज के लिए क्रेजी हैं। उनके पास लेब्राडोर है। उसका नाम रॉजर है। अभी उसकी ऐज 7 साल है। विंटर सीजन शुरू होते ही निधि को रॉजर की चिंता होने लगी। हाल ही में उन्होंने उसके लिए कलरफुल बेड, ब्लैंकेट और ब्लेजर कोट खरीदा है। लीवर को हेल्दी रखने के लिए उसे रेग्युलर टॉनिक पिलाती हैं। यही नहीं उसके लिए स्पेशल डीओ और माउथ स्प्रे तक यूज करती हैं। रॉजर का डिसिप्लिंड रुटीन सुनकर तो आप भी दंग रह जाएंगे। रॉजर सुबह ठीक 7 बजे वॉक पर जाता है। 9 बजे उसका लंच होता है। उसमें एग, रोटी और दूध होता है। दिन में वह हेल्दी ट्रीट कैल्शियम बिस्किट और एग खाता है। रात के खाने में उसे चिकन या पनीर के साथ रोटी और ब्वॉयल एग दिया जाता है। हेल्दी रहे इसके लिए हर वॉक के बाद रॉजर के पैर और मुंह धुलवाए जाते हैं। चिकन सूप पीता है 'रैम्बोÓ

मोटी-मोटी आंखों के साथ लपकता हुआ 10 महीने का रेम्बो पूरे घर की शान है। सिविल लाइंस में रहने वाली ऑल्गा माथुर बचपन से डॉगीज की बेहद शौकीन हैं। अपने पग रेम्बो को गोद में लेते हुए वह कहती हैं कि ये फैमिली का मेम्बर है। इस बार इसे डॉग शो के लिए तैयार कर रहे हैं। सर्दियां शुरू होते ही रेम्बो की डाइट में फेर बदल हो गए हैं। इसकी इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के लिए उसे चिकन सूप और मिल्क विद एग दिया जा रहा है। डाइट में एक्सट्रा कैल्शियम अलग से दिया जा रहा है। ऑल्गा रेम्बो की सेहत को लेकर काफी फिक्रमंद रहती हैं। वह मॉर्निंग में पेडेग्री, दोपहर में एग व मिल्क विद कैल्शियम और रात में चिकन सूप के साथ रोटियां खाता है। यही नहीं उसके लिए बोन लेस चिकन मंगवाया जाता है। ऑल्गा रेम्बो को लेकर इतनी कॉन्शियस हैं कि उसके लिए ऑनलाइन शॉपिंग तक करती हैं। इस बार उन्होंनें रेम्बो के लिए स्ट्रॉबेरी, मैंगो और बनाना फ्लेवर की मिल्क चूई मंगवाई है।लाजवाब 'लाइलाÓ के लिए स्पेशल बेड मिशन कम्पाउंड में रहने वाले सुनील जेकब राम के पास लेब्राडोर है। उसका नाम लाइला है। 11 महीने का लाइला पूरी फैमिली की जान है। सर्दियों में उसकी चुस्ती बरकरार रखने के लिए सुनील बेहद संजीदा है। सर्दियों की शुरुआत में ही उन्होंने लाइला के लिए ब्लेजर कोट, वूलेन टी-शर्ट और ब्लैंकेट खरीद लिया था। उसका डाइट शेड्यूल भी बदल गया है। पेडेग्री और मिल्क के अलावा अब लाइला को दो टाइम बोन लेस मीट और देसी अंडा दिया जा रहा है। लाइला को जाड़ा न लगे इसलिए उसके लिए स्पेशल बेड का अरेंजमेंट किया गया है। उन्हें लाइला से इतना लगाव है कि जब वह 4 महीने की थी, तब इसे पार्गो (लूज मोशन और वॉमेटिंग) हो गया था। हालत इतनी खराब थी कि लाइला को ड्रिप तक चढ़ानी पड़ी थी। लाइला बहुत अनकंफर्टेबल फील कर रही थी। इसलिए सुनील उसके पास लेट गए। जब तक ड्रिप चढ़ती रही वह उसके पास से हटे नहीं। आधी कमाई अपने 'दोस्तोंÓ के नाम

12 साल की उम्र से शुरू हुई हॉबी अब पम्मी के लिए जुनून बन गई है। उन्हें डॉगीज का इतना क्रेज है कि इसे प्रोफेशन बना लिया। अपने पेट्स के साथ-साथ पम्मी दूसरों को भी केयर करने के टिप्स देते हैं। पम्मी अब तक कई ब्रीड के डॉगी पाल चुके हैं। फिलहाल उनके पास सेंट ब्रनाल्ड डॉग है। उसके प्रति उनका लगाव इस कदर है कि वह अपनी मंथली इनकम का आधा हिस्सा उसके खाने और कपड़े पर खर्च कर देते हैं। हाल ही में उन्होंने डॉगीज के लिए फ्री वैक्सीनेशन कैंप लगाया था, जिसमें 140 से ज्यादा डॉगीज की वैक्सीनेशन हुई। कोट पहन निकलते हैं 'लाराÓ और 'पगूÓ
पेशे से टीचर पूजा दुबे के पास एक लेब्राडोर और एक पग है। लेब्राडोर का नाम लारा और पग का नाम पगू है। पूजा बताती हैं कि दोनों फैमिली मेम्बर्स की तरह हैं। नॉर्मली दोनों की डाइट में रोटी, दूध और पेडेग्री दी जाती थी पर सर्दियों में दोनों को देसी अंडा और मीट भी दिया जा रहा है। इसके अलावा कैल्शियम भी एक्स्ट्रा दिया जा रहा है। उन्हें ठंड न लगे इसलिए ब्लैंकेट और कोट खरीदा है। वह कहती हैं कि जब डॉगीज इन कपड़ों को पहनकर निकलते हैं, तो उन्हें हद से ज्यादा खुशी होती है। पिछले 20 दिन में लारा की स्किन प्रॉब्लम पर वह 5,000 से ज्यादा खर्च कर चुकी हैं। एक्चुअली लारा को ग्रास एलर्जी है। उन्होंने बताया कि वह सालाना अपने डॉगीज को मेंटेन रखने के लिए दिल खोलकर खर्चा करती हैं। दोनों टाइम पर वैक्सीनेशन करवाती हैं। उनके लिए स्पेशल शैंपू, डीओ और ब्रश इस्तेमाल करती हैं।

Posted By: Inextlive