बरेली कॉलेज में लगातार हो रहे एग्जाम्स के चलते उन स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिनके एग्जाम नहीं चल रहे हैं. पारदर्शी एग्जाम कराने के चक्कर में सख्ती के चलते उन स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी जा रही है.

बरेली (ब्यूरो)। बरेली कॉलेज में लगातार हो रहे एग्जाम्स के चलते उन स्टूडेंट्स को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिनके एग्जाम नहीं चल रहे हैं। पारदर्शी एग्जाम कराने के चक्कर में सख्ती के चलते उन स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी जा रही है। एग्जाम के दौरान मिसमैनेजमेंट के चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में वे परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं।

नवंबर से चल रहे एग्जाम
17 नवंबर 2022 से 21 दिसंबर 2022 तक ईवेन सेमेस्टर के एग्जाम थे। वहीं इस वर्ष 25 मार्च से 24 अप्रैल तक फस्र्ट और थर्ड सेमेस्टर के मेन और बैक सेमेस्टर के एग्जाम थे। 20 मई से 15 जुलाई तक बीए, बीकॉम, बीएससी के मेन एग्जाम थे। 1 अगस्त से 7 सितंबर तक सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर के एग्जाम हैं। इस ही बीच मिड टर्म, वायवा और प्रैटिकल आदि भी होते रहते हैैं। इस अवधि में बाकी स्टूडेंट्स की पढ़ाई बाधित हुई पड़ी है। इस बारे में प्रोफेसर से बात की गई तो पता चला कि यह इसलिए किया जाता है कि किसी तरह से कोई स्टूडेंट चीटिंग न कर पाए।

प्रोफेसर्स की परेशानी
बरेली कॉलेज के प्रोफेसर्स से जब इसको लेकर बात की गई तो उनका कहना था कि एग्जाम का शेड्यूल यूनिवर्सिटी से आता हैै। यह एक ऐसा कॉलेज है, जहां 15000 से अधिक रेगुलर स्टूडेंट्स है और 18000 से अधिक प्राइवेट स्टूडेंट्स है। जिनके एग्जाम्स कराने होते हैं। ये एग्जाम्स उन ही शिक्षकों को कराना होते हैं, जो क्लासेस लेते हैैं। स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है पर शिक्षकों कि संख्या लिमिटेड। ऐसे में प्रोफेसर क्लास लें या एग्जाम कराएं, यह समस्या सामने आ जाती है।

मिसमैनेजमेंट से प्रॉब्लम
सेशन के नियमितिकरण की जरूरत है। इस मिसमैनेजमेंट की वजह से स्टूडेंट्स में बहुत कंफ्यूजन है कि कैसे पढ़ें और क्या पढ़ें। एनईपी को समझ ही नहीं पा रहे हैं। एग्जाम्स का नियमित होना जरूरी हैै, जिससे क्लासेस अच्छे से हो जाएं।
डॉ। शुब्रा कटारा, सांख्यिकी विभाग

क्लासेस टाइम से न होने से स्टूडेंट्स का बहुत नुकसान हो रहा है। एनईपी तो है पर वह सही से लागू नहीं हो पा रही हैै। छह महीने से लगातार एग्जाम्स ही हो रहे हैं। कई जगह इसे ऑप्ट कर लिया गया है।
टीएस चौहान, मैथ्स डिपार्टमेंट

यह एनईपी के लागू होने का सेकंड फेज है। अभी सारा सिस्टम गडबड़ाया हुआ है, जिसकी वजह से प्रपोशनली क्लासेज कम चल रही हैैं, लेकिन इसे पूरी तरह से अप्लाई करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
प्रो। एसी त्रिपाठी, फिलॉसफी डिपार्टमेंट

एनईपी की वजह से अभी चीजें सीक्वेंस में नहीं हो पा रही हैैं। अगले साल तक सब कुछ सीक्वेंस में हो जाएगा। इस बार सेमेस्टर और ईयरली दोनों ही एग्जाम्स एक साथ चल रहे हैं, लेकिन अगले वर्ष तक प्लान किया जा रहा है सभी क्लासेस और एग्जाम सही से चल सकें।
प्रो। ओपी राय, प्रिंसपल

बोले स्टूडेंट्स
यहां क्लासेस लगती ही नहीं हैं, इसलिए हम कॉलेज जा ही नहीं पाते। आएं भी क्या ऐसे में यहां आने का कोई फायदा ही नहीं हैैं।
-दीप्ति सिंह

लगातार एग्जाम चलने के कारण पढ़ाई का बहुत लॉस हो रहा है। ऐसे में हम कैसे तैयारी करें, यह प्रॉब्लम सामने आ रही है।
-अभिषेक यादव

Posted By: Inextlive