कुछ देर के लिए जिंदगी हुई live
जिंदादिली दिखाई बरेलियंस ने सुबह और शाम को जब कफ्र्यू में तीन घंटे की ढील दी गई तो बरेलियंस ने दिल खोलकर जिंदादिली की मिसाल पेश की। साथ ही गंगा-जमुनी तहजीब और सौहार्द की भी मिशाल पेश की। सभी ने मिलकर दुकानें खोलीं और जरूरतमंदों ने दिल खोलकर खरीदारी की। सहामतगंज, प्रेमनगर, सुभाषनगर, सिविल लाइंस, कोहाड़ापीर, संजय नगर, शाहबाद, शहदाना, मठ की चौकी समेत सभी इलाकों में शांति से लोगों ने खरीदारी की।जमकर की शॉपिंग
तीन घंटे की ढील में बरेलियंस ने जमकर शॉपिंग की। शाम को एक घंटे की मूसलाधार बारिश भी उनके जोश को रोक नहीं पाई। लोगों ने अपने जरूरी साजो-समान जुटाए। सब्जी, दवाइयां समेत सभी प्रकार की खाने पीने की चीजों की खरीदारी की। लोगों में स्टॉक जमा करने की भी होड़ दिखी। कफ्र्यू की ढील में बरेलियंस ने अमन और शांति का संदेश दिया। बिना किसी घटना और मनमुटाव व भेदभाव के लोगों ने खरीदारी की। साथ ही कफ्र्यू दोबारा लगने के पहले वे स्वयं ही अपनी अकलमंदी दिखाते हुए वापस घरों में लौट गए।
सिविल लाइंस में बाजार खुलने का समय होने से पहले ही लोग वहां तक पहुंचने के लिए घरों से निकल पड़े। कुतुबखाने में तो इस वजह से जाम ही लग गया। ऐसा लग रहा था जैसे बरसों बाद लोगों ने आजादी में सांस ली हो। यहां भी मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर्स पर काफी भीड़ रही। जंक्शन रोड पर खुली कुछ दुकानों पर तो इतनी भीड़ दिखी, जितनी आम दिनों में दिखती ही नहीं। यहां भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शॉप बाहर इतने व्हीकल्स खड़े थे कि आधे से ज्यादा रोड उनसे घिर गई थी। पेट्रोल पंप और एटीएम पर भी बरेलियंस की अच्छी-खासी भीड़ रही। वहीं कुतुबखाने के पास भी दुकानों पर काफी लोग दिखे। सब्जी मंडी में तो लोग आज एक नहीं वरन कई बैग्स लेकर सब्जी खरीद रहे थे। माहौल ठीक होने पर भी जेहन में यह चिंता बाकी थी कि पता नहीं कब सुधरेंगे शहर के हालात।
कफ्र्यू में दी गई ढील के बाद सड़कों पर अच्छी-खासी चहल-पहल दिखी। वेडनसडे को शाहबाद, कोहड़ापीर और बड़ा बाजार में भी कफ्र्यू में ढील दी गई। कफ्र्यू में ढील के बाद अच्छी-खासी तादाद में लोग सड़कों पर आए और चैन की सांस ली। लोगों ने प्रशासन द्वारा दी गई इस ढील का अच्छे से फायदा उठाया और जरूरत की चीजों की खरीदारी की। दो घंटे के दौरान शहर की तमाम दुकाने खुल गईं और वहां खूब भीड़ उमड़ी। संडे देर रात से कफ्र्यू लागू होने से इलाके में दवाओं की दुकाने भी बंद थी लेकिन वेडनसडे को कुछ देर के लिए ही सही लेकिन इनके खुलते ही तमाम लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। समय बीतने के साथ ही पुन: कफ्र्यू लागू हो गया और लोग अपने घरों में चले गए।