बरेली में तीन दिन से हो रही वर्षा से जनजीवन अस्त व्यस्त, एक दिन और बरसेंगे मेघ
बरेली (ब्यूरो)। बुधवार से शुरु हुई वर्षा शुक्रवार को भी जारी रही। 24 घंटे में 59.3 एमएम वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को भी वर्षा जारी रहने की आशंका जताई जा रही है। वर्षा के चलते तीन दिन से जनजीवन अस्त व्यस्त है। हालांकि आठवीं के स्कूल तक अवकाश होने के चलतेच्बच्चों को कुछ राहत मिली। शुक्रवार को भी पूरे दिन रुक-रुक कर वर्षा होती रही। वही वर्षा के चलते सड़क पर हुए गड्ढे के चलते परेशानी का सामना करना पड़ा।
वर्षा का अनुमान
जिले भर में बुधवार शाम काले घने बादल व तेज आंधी के साथ वर्षा की शुरुआत हुई थी जो की गुरुवार व शुक्रवार को भी जारी रही। लगातार हो रही वर्षा के चलते लोग परेशान हो रहे है। मौसम विभाग के अनुसार तीन दिन में 154.7 एमएम वर्षा हो चुकी है। शहर की कई में जलभराव होने के चलते वहां रहने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। शहर के संजयनगर, हजियापुर, मुकुलपुर, पुराना शहर, फाइक एनक्लेव, खुशबू एनक्लेव, पशुपतिनाथ मंदिर वाली रोड समेत अन्य जगह जलभराव रहा। कालोनी में रहने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पडा। मौसन विभाग के अनुसार शनिवार को भी वर्षा जारी रहने का अनुमान है।
टूटी सड़को से सबसे ज्यादा हो रही परेशानी
वर्षा के बाद सबसे ज्यादा परेशानी टूटी हुई सड़कों से हो रही है। सड़क पर जलभराव होने के कारण राहगीरों को गड्ढे दिखाई ही दें रहे है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति रामपुर रोड पर सिटी स्टेशन ही है। यहां सड़क पूरी तरह से टूटी हुई है वही रोड पर गहरे गड्ढे हो गए है जिसके चलते लोगों को परेशानी हो रही है। परसाखेड़ा तक जाने का मुख्य मार्ग होने के चलते राहगीर और भी परेशानी हो रही है। वही बदायूं रोड पर भी जगह-जगह नालों पर अतिक्रमण व नाला साफ न होने के कारण जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
दस डिग्री गिरा तापमान
तीन दिन से लगातार हो रही वर्षा से उमस भरी गर्मी से लोगों को राहत मिली। तो वही तापमान में भी 10 डिग्री तक गिरावट आई है। जिससे मौसम में खुशनुमा हो गया है, जिससे लोगों ने राहत मिली। वही जलभराव होने के चलते परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
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मौसम का आकडा
अधिकतम न्यूनतम
नौ सितंबर - 35.7 - 25.1
10 सितंबर - 34.4 - 25.4
11 सितंबर - 32.1 - 26.1
12 सितंबर : 26.9 - 24.0
13 सितंबर : 25.5 - 22.1
नोट : सभी आंकड़े डिग्री सेल्सियस में हैं।
पहाड़ों के साथ यहां जिले में भी भारी बरसात हो रही है। गोला बैराज से किच्च्छा नदी में सुबह 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जबकि अपराह्न दो बजे 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया। इससे किच्च्छा एवं बहुगुल नदियों के किनारे बसे गांवों पर बाढ़ का खतरा मडऱाने लगा है। रामगंगा में समाहित होने वाली खो नदी में 33,000 क्यूसेक, कोसी नदी में 50,000 क्यूसेक एवं किच्च्छा नदी में 75,000 क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा है। नदी का जलस्तर 261 मीटर तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। शुक्रवार शाम चार बजे रामगंगा नदी का जलस्तर 259.550 मीटर दर्ज किया गया। तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी गई है। बहेड़ी, मीरगंज, सदर, आंवला, नवाबगंज और फरीदपुर के किनारे बनी बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड ने तटवर्ती ग्रामीणों और संबंधित अधिकारियों को अलर्ट कर दिया है। बाढ़ खंड के एई अमित किशोर ने बताया कि रामगंगा में पानी बढ़ रहा है। रामगंगा नदी का जलस्तर 161.500 मीटर तक पहुंच जाने पर तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच सकता है।