अस्तांचल शुक्र से शहर में कम गूंजेगी शहनाइयां
- शुक्र अस्त होने से इस वर्ष शादियों के कम हैं कम शुभ मुहूर्त
- पांच महीनों में केवल चार ही गणमान्य तिथियों का संयोग BAREILLY: इस साल शादियों के लिए लोगों को पिछले वर्ष की तुलना में कम शुभ मुहूर्त मिलेंगे। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक शुक्र अस्त होने से शुभ लग्न मुहूर्त काफी कम पड़ रहे हैं। इससे शादी के इच्छुक परिवारों को तयशुदा तारीख के इंतजाम करने में काफी मुश्किलें आ सकती हैं। ज्योतिषाचार्य की मानें तो मुहूर्तो के अलावा वर्षा ऋतु में देश के कई हिस्सों में हरियाले शादी होते हैं। इस बार शुक्र अस्त होने से विशिष्ट मुहूर्तो और आंचलिक मुहूर्त का भी अभाव रहेगा। गौरतलब है कि मकर संक्रांति के बाद शादी का सीजन शुरू हो जाता है। पंचांगों के अनुसार क्8 जनवरी से वैवाहिक सीजन की विधिवत शुरुआत होगी। हालांकि क्भ् जनवरी से शादी से रिलेटेड शुभ कार्य किए जा सकते हैं।शुरू हो गया शहनाइयों का दौर
देवोत्थान एकादशी के साथ ही शहर भर में एक बार फिर से शहनाइयों का दौर शुरू हो गया है। इसके बाद क्भ् दिसम्बर से क्ब् जनवरी तक खरमास रहेगा। जो कि मकर संक्रांति के साथ ही खत्म होगा और शुभ लग्न का दौर शुरू हो जाएगा। हालांकि शादियों का दौर क्8 जनवरी से हो रहा है। लेकिन इस वर्ष शुक्र अस्त होने से शादियों के लिए शुभ मूहूर्त कम रहेंगे। फिलहाल नवंबर से फरवरी यानि कुल चार महीनों में केवल क्म् लग्न और चार अबूछ तिथियां ही लग्न योग बना रही हैं।
दो माह लग्न होलाष्टक का प्रभाव ख्म् फरवरी से ख्8 अप्रैल तक होलाष्टक लगने से विवाह सम्पन्न नहीं किए जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर देवशयनी एकादशी से देवोत्थान एकादशी तक पूरे चार मंथ शादी पर विराम रहेगा। 9 जुलाई से ख्म् नवंबर के बीच कोई लग्न नहीं है। अत: इस बीच कोई शुभ कार्य सम्पन्न नहीं किए जा सकते हैं। अस्त है शुक्र साल ख्0क्ब्-क्भ् में शुक्र पूरे वर्ष मार्गी न होकर वक्री बना रहेगा। ज्यादातर शुक्र इसी स्थिति में रहता है। लड़कों की राशि में सूर्य व लड़कियों की राशि में वृहस्पति के प्रभावी होने पर विवाह के संयोग बनते हैं। इच्छानुसार मुहूर्त पर कर सकते हैं शादीपूरे साल में कुछ दिन ऐसे भी हैं जब विवाह किया जा सकता है। इसके लिए किसी प्रकार के मुहूर्त पर विचार करने की जरूरत नहीं है। ज्योतिषियों की मानें तो बसंत पंचमी, अक्षय तृतिया, देवोत्थान एकादश और दशहरा के दिन विवाह किया जा सकता है। वहीं, गणमान्य तिथियों पर बगैर शुभ अशुभ का विचार किए विवाह संपन्न कराए जा सकते हैं। इस वर्ष जनवरी ख्0क्भ् की क्ब्, क्8, ख्ब् और ख्0 फरवरी को गणमान्य तिथियां हैं।
सूर्य इन राशियों में हो तो करें विवाह ज्योतिषाचार्य की मानें तो सूर्य जब मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक, कुंभ राशि में हो तो विवाह करना चाहिए। जब सूर्य धनु व मीन राशि में हो तो विवाह नहीं करना चाहिए। यह हैं शुभ नक्षत्र ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चित्रा, भाद्रपद, रोहिणी, अनुराधा, उत्तरा, फाल्गुनी, मृगशिरा नक्षत्र विवाह के लिए शुभ माने जाते हैं। कब-कब है लग्न नवंबर -ख्8 दिसम्बर - फ्, 7, क्भ् जनवरी - क्8, ख्म्, ख्ब्, फ्0 फरवरी - 8, क्0, क्भ्, ख्ख्, ख्भ् मार्च - 7, 8, 9, क्0 प्रबोधिनी एकादशी के उपरांत और होलाष्टक के पूर्व की तिथियां पंचांग के अनुसार मक्रर संक्रांति से शुभ कार्य सम्पन्न हो जाते हैं। इस साल शुक्र अस्त है, जिसके चलते लग्न की तारीख कम है। -पं। डॉ। संजय सिंह, ज्योतिषाचार्य अबूछ तिथियों पर शुभ अशुभ का विचार नहीं किया जाता है। इच्छित समय पर शादी को विधि विधान के साथ पूर्ण कराया जा सकता है। -पं। राजेंद्र त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य