- दलाल और कर्मचारी की मिलीभगत से होता खेल

- अधिकारियों को भी जाता है कमीशन का हिस्सा

BAREILLY : आरटीओ ऑफिस में बाबुओं और दलालों के साठगांठ से मंथली होने वाली ऊपरी कमाई का आंकड़ा फ् करोड़ को पार कर चुका है। इतना ही नहीं कमीशन का हिस्सा तय समय से अधिकारियों के पास भी पहुंचा दिया जाता है। अगर देखा जाए तो ये आंकड़ा आरटीओ ऑफिस की लीगल कमाई से कमतर नहीं है। यानी लीगल कमाई और कमीशन की कमाई का एकाउंट लगभग बराबर है। शायद यही वजह है कि दलालों के मामले को अधिकारी भी नजरअंदाज अपनी जेब गर्म करते हैं।

दलालों की शरण में

सूत्रों के मुताबिक आरटीओ ऑफिस में मंथली कमीशन की कमाई का आंकड़ा फ् करोड़ को पार कर चुका है। एप्लीकेंट्स से काम करवाने के एवज में फ्00 से ब्00 रुपए तक कमीशन लिए जाते हैं। परमिट, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लीकेंट्स को कर्मचारी इतनी बार दौड़ाते हैं कि वे भी परेशान होकर दलालों की शरण में चले जाते हैं। आरटीओ ऑफिस में रोजाना एक से दो हजार एप्लीकेंट्स आते हैं।

नजरअंदाज की हकीकत

ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी आरआई और एआरटीओ नहीं होती है, लेकिन वे भी इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इसका रीजन उनकी जेब में भी कमीशन का हिस्सा पहुंचता है। नेक्सेस के तहत दलालों और बाबुओं द्वारा जो भी कमीशन वसूले जाते हैं, वह इनके खाते में भी जाता है। शायद इसलिए ऑफिसर्स भी लाइसेंस बनवाने आए लोगों की अनदेखी में गुरेज नहीं करते। कई बार तो एप्लीकेंट्स को अगले दिन आने का निर्देश भी दे देते हैं। लाख रिक्वेस्ट के बाद भी काम लटका रह जाता है। मगर, यही काम फर्जी कर्मचारियों और दलालों से करवाने पर घंटों का काम मिनटों में ही निपट जाता है।

आरटीओ की लीगल कमाई

अगर हम आरटीओ की लीगल कमाई की बात करें तो उसे हर माह करोड़ों कमाई होती है। ये हम नहीं बल्कि जून में आरटीओ ऑफिस ने परमिट, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सेक्शन से बरेली डिस्ट्रिक्ट में 87ख् लाख रुपए रिवन्यू जनरेट किया, जबकि बरेली रीजन की बात करें तो यह आंकड़ा क्,म्ख्8 लाख रुपए रहा।

लीगल डॉक्यूमेंट्स और फीस

- ख् फॉर्म ख्-ख् रुपए का।

- नेम, एड्रेस, आईडी प्रूफ व बर्थ सर्टिफिकेट।

- लर्निग के समय फीस दो पहिया फ्0 और चार पहिया म्0 रुपए फीस

- स्मार्ट कार्ड लाइसेंस फीस दो पहिया ख्भ्0 और चार पहिया फ्00 रुपए।

- लर्निग व परमानेंट लाइसेंस के समय ख्-ख् फोटो।

- दो टिकट लगा इंवेलव।

- ड्राइविंग टेस्ट - भ्0 रुपए।

- लाइसेंस जारी करने पर - ब्0 रुपए।

- परमानेंट लाइसेंस में टोटल एक महीने का समय।

- 7 क्वेश्चन के साथ एग्जाम देना जरूरी।

दलाल और फर्जी कर्मचारी के जरिए

- एग्जाम और टेस्ट देना जरूरी नहीं।

- लर्निग के समय फीस दो पहिया क्00-ख्00 और चार पहिया ख्00-फ्00.

- स्मार्ट लाइसेंस फीस दो पहिया ब्00-भ्00 और चार पहिया म्00.

- ड्राइविंग टेस्ट के नाम पर - फ्00.

- लाइसेंस जारी करने पर - ख्00.

Posted By: Inextlive