चोरी के लैपटॉप तलाशने में साइबर सेल नाकाम
- साइबर सेल के पास नहीं हैं एक्सपर्ट
- कई मामले लंबे समय से हैं पेंडिंग BAREILLY: अगर आपके पास लैपटॉप है तो उसे बहुत संभाल रखिए। वरना खोने पर यह दोबारा नहीं मिलने वाला है। क्योंकि लैपटॉप खोजने में ना तो पुलिस और ना ही साइबर सेल आपकी कोई मदद करेगा। वैसे लैपटॉप ढूंढने की जिम्मेदारी साइबर सेल के पास है। साइबर सेल में लैपटॉप चोरी के ख्0 से अधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन अभी तक किसी का खुलासा नहीं हो पाया। ये आंकड़े साइबर सेल की नाकामी और अस्तित्व पर सवाल उठा रहे हैं। ख्0 से अधिक लैपटॉप हैं गायबपुलिस सोर्सेस के अनुसार साइबर सेल में ख्0 से अधिक लैपटॉप चोरी के मामले पेंडिंग पड़े हुए हैं। इनमें कुछ लैपटॉप इसी साल के हैं तो कुछ पिछले साल के भी हैं। कुछ लैपटॉप चोरी के मामले दर्ज हैं तो कई ऐसे भी हैं जो खो गए हैं और उनकी अप्लीकेशन ही साइबर सेल में दी गई है, लेकिन आलम यह है कि इनमें से एक भी लैपटॉप पुलिस बरामद नहीं कर पाई है। कुछ महीने पहले बारादरी में एक लैपटॉप चोरी का मिला था, लेकिन इसे पुलिस ने चोरी के मोबाइल के साथ पकड़ा था। यह मोबाइल सर्विलांस के जरिए ही बरामद हुआ था।
ऐसे होती है तलाश चोरी या खोए लैपटाप की तलाश पुलिस लैपटॉप के सीरियल नंबर से करती है। सीरियल नंबर के जरिए पुलिस लैपटॉप की कंपनी से मैक एड्रेस मंगाती है। इसी मैक एड्रेस के जरिए पुलिस लैपटॉप तक पहुंच सकती है, जिस लैपटॉप का सीरियल नंबर नहीं मिलता है उस लैपटॉप के मैक एड्रेस के लिए लैपटॉप में पहले यूज हो रहे इंटरनेट की कंपनी का पता लगाया जाता है। फिर इंटरनेट प्रोवाइड कराने वाली कंपनी से मैक एड्रेस मंगाया जाता है। तलाशी में टेक्निकल लोचाचोरी के लैपटॉप की तलाश ना होने के पीछे कई कारण हैं। सबसे मेन कारण साइबर सेल में ट्रेंड पुलिसकर्मियों का ना होना है। साइबर सेल में वैसे तो ठीक-ठाक स्टाप है, लेकिन इसमें दो ही लोग ट्रेंड हैं। बाकी लोग सिर्फ सर्विलांस के ही जानकार हैं। पहले एक प्राइवेट एक्सपर्ट से हेल्प भी ली जा रही थी। पर कई महीनों से सैलरी न मिलने से उसने जॉब ही छोड़ दी। पिछले कुछ दिनों से साइबर सेल बिना इंचार्ज के ही चल रही है। इससे पहले विजय राणा इंचार्ज थे, लेकिन उन्हें भी साइबर क्राइम की ट्रेनिंग नहीं दी गई थी। अब वह ट्रांसफर होने के बाद फरीदपुर के एसएचओ बन गए हैं। इसके अलावा चोरी के लैपटॉप में इंटरनेट का यूज ना होना भी पुलिस के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है। क्योंकि जब तक चोरी के लैपटॉप में इंटरनेट यूज नहीं होगा तब तक उसकी लोकेशन ट्रेस ही नहीं की जा सकती है।
मोबाइल भी नहीं मिलते वापस यही नहीं चोरी या खोए मोबाइल की तलाश भी पुलिस नहीं कर पा रही है। बरेली में इसके लिए सर्विलांस सेल बनी है, लेकिन वह सिर्फ वारदातों में शामिल मोबाइल की काल डिटेल ही निकाल पाती है। चोरी के मोबाइल को ढूंढने के लिए पर्याप्त स्टाफ ही नहीं है। यही वजह है कि कई लोगों के लैपटॉप की कीमत के स्मार्टफोन चोरी हो गए, लेकिन वापस नहीं मिल सके। इनके लैपटॉप हुए हैं चोरी -नगर निगम के सामने से आलोक की दुकान से लैपटाप व अन्य सामान चोरी -बटलर में एक ही दुकान से कई लैपटाप चोरी -किला में मोहसिन की शॉप से लैपटाप चोरी -एबीवीपी के लीडर विभू शर्मा का बड़ा बाजार के आफिस से लैपटाप चोरी -स्टूडेंट शिवम का हास्टल से लैपटाप चोरीचोरी व खोए लैपटॉप की तलाश की जा रही है। कुछ लैपटॉप मिले भी हैं। टीम अपना काम कर रही है।
- डॉ। एसपी सिंह, एसपी क्राइम