- महिलाओं ने अर्बन एसई ऑफिस का किया घेराव

- बिजली कटौती से सौ फुटा रोड के व्यापारी भी भड़के

BAREILLY: पिछले कुछ दिनों से बेतहाशा बिजली कटौती का करंट झेल रहे बरेलियंस ने थर्सडे को बिजली विभाग पर जमकर बिजली गिराई। एक तरफ महिलाओं ने थर्सडे को एसई ऑफिस पर हल्ला बोला तो दूसरी तरफ सौ फुटा रोड के व्यापारियों ने। महिलाओं और व्यापारियों ने अधिकारियों को जल्द बिजली व्यवस्था सुधारने का अल्टीमेटम दे दिया है। उनके अनुसार अगर एक हफ्ते में बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो वे सड़कों को जाम कर देंगे।

एसई को दिया एक वीक का टाइम

महिला जागृति मंच की महिलाओं ने रामपुर गार्डन स्थित एसई ऑफिस पर धावा बोल दिया। मंच की प्रेसीडेंट डॉ। मनु नीरज के साथ क्0-क्भ् की संख्या में एसई आरपी दूबे का घेराव करने पहुंची महिलाओं में जबरदस्त गुस्सा रहा। लोकल फॉल्ट ठीक करने, जर्जर लाइनें हटाने और रोस्टिंग का समय फिक्स करने जैसी अपनी 8 मांगों के साथ पहुंची महिलाओं ने कहा कि विभाग ने अगर इन प्रॉब्लम्स को सॉल्व नहीं कर सकता तो चूडि़यां पहन कर बैठ जाए। महिला जागृति मंच की महिलाओं ने इन समस्याओं के निदान के लिए एसई को एक वीक का टाइम दिया है। डॉ। मनु नीरज का कहना था कि अगर एक हफ्ते में हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम रोड जाम कर देंगे। इस दौरान अनिता, राजकुमारी, बबली, सुनीता सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

व्यापारियों का गुस्सा भी चरम पर

बिजली कटौती से परेशान सौ फुटा रोड के व्यापारियों का गुस्सा भी थर्सडे को बिजली विभाग के खिलाफ फूट गया। बिजली नहीं आने पर व्यापारियों ने रोड जाम करने की धमकी दी है। उन्होंने बताया कि एक तो सौ फुटा रोड खराब होने से कस्टमर कम ही आते हैं। ऊपर से बिजली नहीं आने से बिजनेस पर बहुत असर पड़ रहा है।

ये रोजगार हुए हैं प्रभावित

बिजली सप्लाई ढंग से न होने से वेल्डिंग से जुड़े काम, जिरॉक्स, फर्नीचर, जरी, टॉफी, गोली, नमकीन, दोना, पत्तल बनाने वाले लघु उद्योगों पर सबसे अधिक इफेक्ट पड़ रहा है। पुराना शहर में इन उद्योगों का काम बड़े स्तर पर होता है। सिटी में तैयार होने वाले इन सामानों को बाहर इंपोर्ट किया जाता है। व्यापार जगत से जुड़े लोगों ने बताया कि इन उद्योगों को हर महीने करीब ख्भ् लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

नींद पूरी होना बन गया सपना

दिन से लेकर रात में हो रही कटौती से लोगों का पूरा शेड्यूल बिगड़ गया है। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को हो रही है। कर्मचारी नगर की रहने वाली संगम सक्सेना का कहना है कि बिजली नहीं रहने पर गर्मी इतनी अधिक होती है कि बच्चे रात में ही जाग कर बेड पर बैठ जाते हैं। उन्हें हाथ के पंखे के सहारे से सुलाना पड़ता है। रात भर नींद डिस्टर्ब होने से दिन में सारे कामकाज प्रभावित होते हैं।

ट्रॉली ट्रांसफार्मर का सहारा

मॉडल टाउन में बिजली का संकट थर्सडे को भी जारी रहा। सब स्टेशन के पास लगा ट्रांसफार्मर पूरे एरिया का लोड उठा पाने में समक्ष नहीं है। इसलिए विभाग ने थर्सडे को मॉडल टाउन के आधे एरिया का कनेक्शन ट्रॉली वाले ट्रांसफार्मर से जोड़कर लोड कम करने का प्रयास किया।

बिजली कटौती के कारण बिजनेस पर बहुत निगेटिव इफेक्ट पड़ रहा है। अगर बिजली सप्लाई ठीक नहीं होती है तो हम लोग रोड जाम करेंगे।

-चमन, बिजनेसमैन

हमारा वेल्डिंग का बिजनेस है। सारा काम बिजली पर ही डिपेंड है। बिजली नहीं आने से डेली एक हजार रुपए डीजल पर खर्च करना पड़ रहा है।

-नदीम, बिजनेसमैन

हमने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है। लेकिन इसके बाद भी हालात वही हैं। इस बार बिजली व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो हम चुप नहीं रहेंगे।

-डॉ। मनु नीरज, प्रेसीडेंट, महिला जागृति मंच

Posted By: Inextlive