bareilly: अनुपम खेर की मूवी 'खोसला का घोसला' तो आपको याद ही होगी. इस मूवी में कुछ भू-माफिया फर्जी कागजात तैयार कर उनकी जमीन पर कब्जा कर लेते हैं. अपनी जमीन वापस पाने के लिए उन्हें कई पापड़ बेलने पड़ते हैं. पिक्चर के लास्ट में तो उन्हें जमीन मिल जाती है लेकिन असल जिंदगी में ऐसा कम ही होता है. ऐसे न जाने कितने ही लोग हैं जो इन जालसाजों का शिकार बनते हैं और अपनी प्रॉपर्टी से हाथ धो बैठते हैं. आए दिन फर्जी कागजात के सहारे उनकी प्रॉपर्टी किसी और के नाम किए जाने की शिकायतें आती रहती हैं. प्रॉपर्टी के इस खेल में कहीं न कहीं से रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारी भी शामिल होते हैं. कोलकाता की रहने वाली गीता कोडिय़ा भी फर्जीवाड़े का शिकार हुईं. रामपुर गार्डेन में उनकी बिल्डिंग को ठगों ने फर्जी पेपर तैयार कर अपने नाम कर किसी और को बेच दिया.


1978 में खरीदी थी जमीनगीता कोडिय़ा ने 1978 में बुद्धराम से जमीन खरीदी थी। बुद्धराम ने यह जमीन जयराम से खरीदी थी। अब जयराम और बुद्धराम दोनों की ही मौत हो चुकी है। जमीन पर इमारत तैयार की गई जिसका पता 35 यू/3 बी रामपुर गार्डन है। इस प्रॉपर्टी की पावर ऑफ अटॉर्नी मुकेश शर्मा के नाम पर है। अपने नाम कर बेच दिया
मुकेश शर्मा ने कोतवाली में शिकायत की है कि गीता कोडिय़ा की रामपुर गार्डेन स्थित इस प्रॉपर्टी को जयराम के बेटे रमेश ने भू-माफिया प्रेमशंकर, राकेश कुमार, सुशील कुमार, दलाल संजय रस्तोगी, राजू, विजय ठाकुर और महेश कातिब के साथ मिलकर फर्जी तरीके से अपने नाम कर लिया। इसके बाद इस प्रॉपर्टी को नई बस्ती के रहने वाले अनुज अग्रवाल व अंकित अग्रवाल को बेच दिया गया। मुकेश ने रमेश, राकेश, प्रेमशंकर, सुशील, संजय, राजू, विजय, महेश, अनुज, अंकित व पियूष के खिलाफ ठगी में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

Posted By: Inextlive