Bareilly: सैटरडे रात सबसे पहले इसी थानाक्षेत्र में कफ्र्यू घोषित किया गया था. रात का माहौल सुबह इस इलाके पर प्रभावी नजर आया. ट्रैफिक जाम और हर सामान की खरीदारी के लिए फेमस श्यामगंज मार्केट बिल्कुल शांत था. मार्केट में बने घर से कभी-कभार कोई बच्चा खिड़की से सड़क पर झाकता नजर आता तो कभी किसी बुजुर्ग की खांसी मार्केट की खामोशी को तोड़ रही थी. चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात दिखी.


कोतवालीबूटों की आवाज चीर रही थी सन्नाटा


सिविल लाइंस, हार्ट ऑफ द सिटी। आम दिनों में यह बाजार देर रात तक गुलजार रहता है.कोतवाली में कफ्र्यू लगते ही इस इलाके ने सन्नाटे की चादर ओढ़ ली। कफ्र्यू के चलते संडे सुबह से यहां पसरा सन्नाटा शहर के बिगड़े हालात की कहानी बयां कर रहा था। दिन भर एरिया में वीरानी छाई रही। सड़कों पर इक्का दुक्का लोगों को छोड़ दें तो सिर्फ कंधे पर बंदूक और हाथों में डंडे लिए सुरक्षाकर्मियों के बूटों की आवाज ही सन्नाटे की चीर रही थी। अगर कोई बाहर निकल भी रहा था तो उसे जवानों की सख्ती दोचार होना पड़ रहा था। बटलर प्लाजा, वो जगह जो शहर के यंगिस्तान का फेवरेट हैंगआउट स्टेशन है। जहां रात तक पार्किंग के लिए जगह तलाशना मुश्किल हो जाता है, एकदम खाली पड़ा था। सिविल लाइंस की शाम और संडे यानी आउटिंग का परफेक्ट कॉम्बिनेशन पर आज ये जुगलबंदी भी काम नहीं आई। चाट और आइसक्रीम के कुछ ठेले पन्नियों से ढके हुए थे। मानो कि बेसब्री से बरेलियंस की राह देख रहे थे। इन्हीं के इर्द-गिर्द दोस्तों की मस्ती, बच्चों की जिद और फैमिली मेंबर्स की मस्ती। पूरा इलाका जैसे इस माहौल को मिस करता हुआ सा दिखा। कोतवाली एरिया में आलमगीरीगंज का सबसे बड़ा सर्राफा मार्केट भी है। हर दिन करोड़ों का कारोबार देखने वाला यह इलाका आज गहनों की चमक से महरूम रहा। हालांकि इन सबसे हटके आजमनगर में रेजिडेंट्स की हलचल बनी रही। शायद उन्हें घरों में कैद रहना मंजूर नहीं था। उन्हें घरों में पहुंचाने के लिए पुलिस वालों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं बेहद संवेदनशील माने जाने वाले शाहबाद में पूरे दिन शांति रही। लोगों ने घरों से झांकने तक की कोशिश नहीं की। सभी के चेहरों पर दहशत साफ झलक रही थी।कैंट यहां तो बढऩे लगी demand

एक तरफ शहर में कफ्र्यू लगा है, वहीं कैंट के बाशिंदे कफ्र्यू से बेफिक्र हैं। यहां जनजीवन एकदम सामान्य है। यही नहीं कफ्र्यूग्रस्त इलाकों के लोग भी बीआई बाजार में ही पहुंच रहे हैं। कफ्र्यू शुरू होते ही रामपुर गार्डन, सिविल लाइंस में रहने वाले लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए कैंट का ही रुख कर रहे हैं। स्थिति यह है कि संडे सुबह यहां मिल्क पैकेट्स की सबसे ज्यादा डिमांड रही। देखते ही देखते मिल्क पैकेट्स खत्म हो गए। डिलीवरी न हो पाने की वजह से शॉप ओनर्स ने सामान पर एक्स्ट्रा मुनाफा भी कमाया। आज यहां सब्जी की एक्स्ट्रा शॉप्स भी नजर आईं। यही तो एक सहारा हैबार-बार शहर में बढ़ रहे कफ्र्यू से जीना मुहाल हो चुका है। अब तो ऐसा लगता है कि हमें इन दंगों का आदी होना पड़ेगा। अभी घर के जरूरी सामान लेने के लिए यहां आया हूं।-दीपककफ्र्यू लगने की वजह से जरूरत का सामान लेने मुझे कैंट आना पड़ा। हालांकि यहां सामान कुछ महंगा मिल रहा है लेकिन न मिलने से तो अच्छा ही है।-अखिलेश सक्सेनाइज्जतनगरशहर में न जाने का रहा मलालयहां कफ्र्यू का असर तो नहीं दिखा पर यहां के बाशिंदों के चेहरों पर शहर में न जा पाने का मलाल जरूर दिखाई दिया। दरअसल, इज्जतनगर के लोग मिनी बाईपास से होकर शहर से बाहर तो जा सकते हैं पर शहर में नहीं आ सकते हैं। वहीं यहां का जनजीवन पूरी तरह सामान्य रहा। यहां रोज की तरह ही बाजार खुला, खरीदार भी पहुंचे। पर शहर का कफ्र्यू इनके बीच भी चर्चा का विषय बना रहा। हर किसी की जुबान पर यह चिंता थी कि कहीं हमारे इलाके में भी कफ्र्यू न लग जाए। यहां अफवाहों का बाजार भी काफी ज्यादा गर्म रहा।


फोन से जाना हालचाल
इज्जतनगर में रहने वालों ने कफ्र्यूग्रस्त इलाकों में रहने वाले अपनों की फोन पर ही इन्फॉर्मेशन ली। उन्होंने एहतियात के तौर पर ही अपने घरों में जरूरी सामान का स्टॉक रखना जरूरी समझा। इसकी वजह यह रही कि इज्जतनगर भी शहर का ही इलाका है। हो सकता है कि कहीं यहां भी कफ्र्यू न लग जाए। कफ्र्यू की वजह से स्कूल, ऑफिस बंद रहने से बड़ों ने चर्चा में तो बच्चों ने क्रिकेट खेलकर टाइम पास किया।

Posted By: Inextlive