'कातिल' कोतवाल
गुस्सा देख भागी पुलिसकोतवाली में थर्ड डिग्री के बाद हुई दीपक की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सैटरडे को गुस्साए परिजनों ने आरोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कोतवाली में जमकर तोडफ़ोड़ की। महिलाओं ने वहां रखे कागजात व सामान इधर-उधर फेंक दिया। यही नहीं उन्होंने कोतवाल व आरोपी सिपाहियों के खिलाफ काफी देर तक नारेबाजी की। एसपी सिटी शिवसागर सिंह ने मौके पर पहुंच कर मोर्चा संभाला। काफी समझाने के बाद परिजन शांत हुए। वहीं हत्या के आरोपी कोतवाल और दो सिपाही घटना के बाद से फरार हैं। एसएसपी ने तीनों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं पोस्टमार्टम में दीपक की बॉडी पर चोट के निशाान मिले हैं लेकिन रिपोर्ट में मौत के कारणों का पता नहीं चल सका, इसलिए बिसरा प्रिजर्व कर लिया गया है।दर्ज हुआ हत्या का केस
मृतक दीपक के पिता भगवान दास की तहरीर पर इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह यादव, सिपाही मुकेश गिरी, रूम सिंह व अन्य अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया। एसएसपी सत्येंद्र वीर सिंह ने इंस्पेक्टर व दोनों सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया। एसएसपी ने मामले की जांच सीबीसीआईडी से कराने का निर्देश दिया है। बॉडी का पोस्टमार्टम पुलिस, मजिस्ट्रेट की निगरानी में करवाया गया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। हालात को देखते हुए कोतवाली व पोस्टमार्टम हाउस पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। पुलिस की निगरानी में ही दीपक का अंतिम संस्कार भी किया गया। डीएम से मिले परिजनजानकारी के अनुसार, फ्राइडे रात दीपक की मौत कोतवाली में पुलिस कस्टडी में हुई थी। परिजनों का आरोप है कि दीपक की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। देर रात तक पुलिस ने मामले को दबाने की पूरी कोशिश की। रात में ही कई सपा नेता कोतवाली पहुंच गए थे। सुबह परिजन सपा जिलाअध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव के साथ डीएम अभिषेक प्रकाश से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। उन्होंने डीएम से मामले में एफआईआर दर्ज कर कोतवाल व सिपाहियों की गिरफ्तारी की मांग रखी। परिजनों ने दीपक की बॉडी का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराने और परिवार का एक व्यक्ति अंदर मौजूद रहने की मांग की। डीएम ने परिजनों की मांगें मानीं और पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराने का आदेश दिया। पूछताछ के बहाने लाए थे
दीपक के पिता भगवान दास यादव ने तहरीर में लिखकर दिया है कि फ्राइडे दोपहर करीब दो बजे सिपाही मुकेश गिरी उनके घर आया और कहा कि कोतवाल ने दीपक के बड़े भाई राजीव को पूछताछ के लिए बुलाया है। राजीव के साथ उनके दामाद उमेश यादव भी गए। कुछ देर बाद राजीव का अपनी पत्नी के पास फोन आया। उसने कहा कि कोतवाल दीपक को बुला रहे हैं। इस पर दीपक के पिता ने उसे अकेले नहीं भेजा। कुछ देर बाद कोतवाल दो सिपाहियों के साथ उनके घर पर आए और दीपक को पूछताछ के नाम पर उठा कर ले गए। शाम के सात बजे कोतवाल वीरेंद्र सिंह यादव, सिपाही मुकेश गिरी, सिपाही रूम सिंह व अन्य अज्ञात सिपाहियों ने दीपक की राजीव व उमेश के सामने जमकर लात घूंसों व लाठी डंडों से पिटाई की। कोतवाल उसपर लूट का झूठा गुनाह कबूलने का दबाव बना रहे थे। इस दौरान दीपक बार-बार हाथ जोड़कर पुलिस कर्मियों से मिन्नत करता रहा कि उसने किसी वारदात को अंजाम नहीं दिया है। जब दीपक ने अपना गुनाह कबूल नहीं किया तो कोतवाल बिफर पड़े और उन्होंने फिर से दीपक की पिटाई की। इस पर दीपक बेहोश हो गया। पुलिस उसे डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल ले गई लेकिन उसकी मौत हो गई। नहीं बताई मौत की वजह
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में दीपक को रात 9:45 बजे अस्पताल पहुंचाया गया। वहां पर इमरजेंसी में डॉ। कमल कुमार निर्मल तथा फार्मासिस्ट टीएन पांडे ने एसआई से मौत के बारे में पूछा तो कुछ क्लीयर जवाब नहीं मिला। बाद में जब रहीस अहमद हॉस्पिटल से कोतवाली में मेमो लेकर पहुंचा तो कई घंटे तक मेमो रिसीव नहीं किया गया। कुछ देर बाद कोतवाली में सीओ, एसपी सिटी व डीआईजी भी पहुंच गए। रात में ही कई सपा नेता भी मौके पर पहुंचे। काफी देर तक मामले को मैनेज करने का प्रयास किया गया। डीआईजी बिना कुछ जबाव दिए चले गए। इस बात पर परिजन गुस्सा हो गए और पुलिस पर आरोप लगाने लगे।बहनोई व भाई के सामने की पिटाई दीपक के बहनोई उमेश यादव ने बताया कि कोतवाल व सिपाहियों ने उनके सामने दीपक की पिटाई की थी। सिपाही उन्हें भी लात मारकर बाहर निकालने की धमकी दे रहा था। राजीव का कहना है कि शाम को कोतवाली से फोन आया था कि उनके भाई की तबियत खराब है। जब वह कोतवाली पहुंचे तो उनके भाई की मौत हो चुकी थी। कोतवाली में हंगामा
दीपक के परिजन डीएम के यहां से सीधे कोतवाली पहुंचे। वहां इंस्पेक्टर और सिपाहियों को न देखकर वे भड़क गए। उन्होंने कोतवाली में तोडफ़ोड़ शुरू कर दी। कागजात, मोहरें व अन्य सामान फेंक दिया। इतना ही नहीं परिजनों ने कोतवाली में रखीं कुर्सियां और शीशा तोड़ दिया। परिजन इतना ज्यादा भड़के हुए थे कि मौजूद पुलिसकर्मी कोतवाली से भाग गए। कोतवाली में तोडफ़ोड़ की सूचना पर सीओ फस्र्ट राजकुमार अग्रवाल पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया, वे नहीं माने। मामला गंभीर होता देख एसपी सिटी शिव सागर सिंह, एडीएम एफआर शिशिर कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट शीलधर सिंह यादव, सीओ थर्ड ओमप्रकाश यादव, एसीएम फस्र्ट वंदिता श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। एसपी सिटी ने भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया। उन्होंने परिजनों को एफआईआर दर्ज कर आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। हंगामे के दौरान कोतवाली में दीपक के पक्ष में शहर के कई बड़े सपा नेता भी पहुंच गए। 'पुलिस ने मेरा दीपक बुझा दिया'जब दीपक की डेडबॉडी पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंची तो वहां कोहराम मच गया। हर किसी की आंखों में आंसू थे। हर कोई दीपक के चेहरे की एक झलक देखना चाहता था। सभी पुलिस कर्मियों को कोष रहे थे। 80 साल की दीपक की दादी रामदुलारी अपने लाडले पोते की मौत की खबर पर यकीन ही नहीं कर पा रही थीं। वह रो-रोकर कह रही थीं, मेरे दीपक को पुलिस ने छीन लिया। मेरा दीपक मुझे कौन वापस लाकर देगा। दीपक के परिवार के साथ-साथ उसके पड़ोसी भी शॉक्ड थे।था बाइक चोरी का मामलाराजीव ने बताया कि दीपक थर्सडे शाम श्यामगंज में सांई मंदिर गया था। वह मंदिर से लौटा तो बाइक गायब थी। कुछ देर बाद ही बाइक से डॉक्टर कॉलोनी में एक महिला की चेन छीनने का प्रयास हुआ। स्नैचर बाइक मौके पर ही छोड़कर भाग गया था। इसी संबंध में पुलिस ने पूछताछ के बहाने दीपक को बुलाया था। दीपक के दोस्त जमुना प्रसाद ने बताया कि दीपक की बाइक का लॉक खराब था। उसमें कोई भी चाभी लग जाती थी। उन्हें शक है कि बाइक कॉलोनी के ही युवक ने चुराई होगी।