बयान न लेने आने की होगी जांच
मेमो भेजने के बाद भी ज्योति का मुत्यु पूर्व कोई मजिस्ट्रेट नहीं लेने आया बयान
डीएम ने कहा होगी मामले की जांच, सभी मजिस्ट्रेट को जाना होगा बयान लेने BAREILLY: हॉस्पिटल में ज्योति की मौत से पहले मजिस्ट्रेट के बयान न लेने आने के मामले की जांच की जाएगी। डीएम ने मामले की जांच कराने के साथ-साथ सभी मजिस्ट्रेट को डाइंग डिक्लेरशन बयान लेने के सख्त निर्देश दिए हैं। चार दिन बाद हुई मौतबता दें कि भमोरा की रहने वाली ज्योति पत्नी उपेंद्र 7 अप्रैल को संदिग्ध परिस्थितियों में जल गई थी। उसे गंगाचरण हॉस्पिटल में इलाज के लिए एडमिट कराया गया था। हॉस्पिटल से कोतवाली में मृत्यु से पूर्व बयान लेने के लिए मेमो भेजा गया। अफसोस की बात है कि तीन बार मेमो भेजने के बाद भी कोई मजिस्ट्रेट बयान लेने के लिए नहीं आया। सैटरडे शाम को ज्योति की हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। ज्योति के भाई ने इस सिस्टम से परेशान होकर खुद ही मोबाइल में ज्योति का बयान रिकॉर्ड कर लिया था। संडे को एसपी सिटी ने मामले की गंभीरता देखते हुए एसएचओ को मेमो के रिकॉर्ड निकालने के लिए बोला। एसएचओ ने बताया कि मेमो होमगार्ड मूलचंद्र ने एसीएम फर्स्ट के आफिस में रिसीव कराया था।
मेमो भेजने के बाद भी बयान न लेने आने का मामला गंभीर है। एसएचओ को मेमो का रिकॉर्ड निकालकर डीएम को लेटर लिखने के निर्देश्ा दिए हैं।
राजीव मल्होत्रा, एसपी िसटी बरेली मेमो मिलने के बाद भी बयान न ले जाने के मामले की जांच करायी जाएगी। सभी मजिस्ट्रेट को मेमो मिलने के बाद तुरंत बयान के लिए जाना होगा। पुलिस को भी मेमो पहुंचने से पहले भी फोन पर भी जानकारी देकर मजिस्ट्रेट को बुलाना चाहिए। गौरव दयाल, डीएम बरेली