बस एक टेंडर फिर भी खूब हो रहा खनन
बरेली (ब्यूरो)। डिस्ट्रिक्ट में खनन के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि वे लगातार इस पर शिकंजा कसने में लगे हंै। आंकड़ों पर नजर डालें तब भी लगता है जैसे इस पर अंकुश लग चुका है। लेकिन, हकीकत इससे अलग है। हालत यह है कि वर्तमान में केवल एक ही टेंडर रह गया है, उसके बाद भी खनन के धंधेबाज जिले भर की नदियों की कोख को लगातार खोखला करने में लगे हैं।
टेंडर कैंसिल, खनन जारी
जिले में रेत के टोटल पांच ही टेंडर थे, जो बहेड़ी के ट्यूला, ट्यूली, मीरगंज का गौंतारा, आंवला में थे। उनमें से चार कैंसिल हो चुके हैं। वर्तमान में मात्र बहेड़ी के ट्यूला का टेंडर ही चल रहा है। मात्र एक ही टेंडर होने के बावजूद जनपद में धड़ल्ले से खनन होना व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। विभाग का दावा हैे कि लगातार छापामारी कर कार्रवाई भी की जा रही है। उसके बाद भी पूरे वर्ष में एक ही एफआईआर दर्ज हो सकी है।
एक वर्ष में वसूले 98 लाख
एक वर्ष में 97,78,405 लाख रुपए की रिकवरीे खनन विभाग द्वारा की गई है। पूरे जिले में एक वर्ष में मात्र 272 वाहन पकड़े गए, उनमें से मात्र एक ही एफआई आर हो पाई। 24 परिवाद दर्ज किए गए हैं। विभाग के इन आंकड़ों के पीछे की तसवीर नदियों के किनारे खुद बयां करते नजर आते हैं। जहां पर रोज ही ये धंधेबाज बिना किसी खौफ के धड़ल्ले से खनन करते नजर आते हैं।
खनन माफियाओं का हौंसला इतना बढ़ गया है कि कार्रवाई होने के बाद भी खनन करने से बाज नहीं आ रहें हैं। जबकि विभाग का कहना है कि खनन पर लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। यह वहां खनन हो रहा है। जहां पर कोई चार्ज भी नहीं है। उसके बाद भी लोग चोरी चुपके रात में खनन करते हैं। मिट्टी का भी खनन रात को ही किया जा रहा है, जबकि मिट्टी उठाने का कोई चार्ज नहीं है। इसके लिए सिर्फ विभाग से परमिशन लेनी होती है। शिकायतों पर अधिकारी मौन
खनन को लेकर लोग बराबर अधिकारियों से शिकायतें तो करते हैं, पर आरोप है कि उन संज्ञान नहीं लिया जाता, जिसका लाभ लेते हुए धंधेबाज अपने काम में लगे रहते हैं। लोगों का कहना है कि खनन करने वालों को हिदायत देकर छोड़ दिया जाता है। कहीं ऑन द स्पॉट ही मामला निपटा दिया जाता है।
जुर्माना मंजूर, नहीं लेंगे टेंडर
खनन करने के लिए लोग टेंडर लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इसके बजाय पकड़े जाने पर भारी भरकम अर्थदंड जमा करना उन्हें जाने क्यों अच्छा लगता है। इसको लेकर विभाग द्वारा लोगों को अवेयर करने के लिए भी कोई प्रयास नजर नहीं आते। इसका ही परिणाम है कि एक वर्ष से खननबाज 97,78,405 रुपए जुर्माने के रूप में जमा कर चुके हैं।
05 जिले में रेत के टेंडर
04 हुए कैंसिल
272 पकड़े गए वाहन
24 परिवाद
01 एफआईआर
25 हजार बिना आदेश के मिट्टी खनन पर जुर्माने का प्रावधान
26 हजार बिना टेंडर के मिट्टी उठाने पर पड़ता है जुर्माना वर्जन
खनन को कंट्रोल करने के लिए समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है। रेत के चार टेंडर पूरी तरह कैंसिल हो चुके हैं। एक ही चल रहा है, जिस पर रेत नहीं है। इसके साथ ही मिट्टी के खनन पर बिना आदेश के किसी को खनन करने पर कार्रवाई की जा रही है।
लालता प्रसाद, खनन अधिकारी